लखनऊ: राजधानी लखनऊ में रोजाना कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. सचिवालय के तीन कर्मचारियों में रविवार को कोरोना संक्रमण की पुष्टि है. वहीं उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने मौजूदा हालात में सरकार से अनुरोध किया है कि केवल जरूरी विभागों के कर्मचारियों को ही बुलाया जाए. सोमवार को संघ के पदाधिकारी अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन से मुलाकात कर अपनी बात कहेंगे. संक्रमित पाए गए कर्मचारियों को राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं सचिवालय कर्मचारियों ने बताया कि सभी संक्रमित कर्मचारी अपने वाहन से खुद अस्पताल पहुंचे हैं. उन्हें कोई मदद नहीं मिली. तीन कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद अन्य कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल है. कर्मचारियों के अनुसार सचिवालय में सभी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है.
जिन कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. उनमें चिकित्सा अनुभाग का भी कर्मचारी शामिल है, जहां डीजी मेडिकल हेल्थ से लेकर सीएमओ तक के सरकारी चिकित्सकों का कार्य देखा जाता है. सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन और सचिव मुख्यमंत्री से मिलकर अनुरोध किया गया था कि सचिवालय के समूह ख में आने वाले समीक्षा अधिकारियों की उपस्थिति में 50 फीसदी का रोस्टर लागू किया जाए. बावजूद इसके सरकारी तंत्र पूरी तरह से कान में तेल डाल कर सोया हुआ है.
संघ उपाध्यक्ष मुदस्सिर हुसेन, सचिव ओंकार नाथ तिवारी और कोषाध्यक्ष गोपी कृष्ण श्रीवास्तव ने कहा कि सचिवालय की सिटिंग व्यवस्था है इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता. अगर यदि कोई शख्स संक्रमित है, तो उससे दूसरा बच भी नहीं सकता. सचिवालय के अंदर से लेकर बाहर तक भारी संख्या में भीड़ हर समय रहती है. सरकार की इस घोर लापरवाही के कारण सचिवालयकर्मियों के जीवन पर घोर संकट खड़ा हो गया है. वहीं संघ के अध्यक्ष ने कहा कि अगर समस्या का समाधान जल्द नहीं किया जाता, तो आंदोलन किया जाएगा.