ETV Bharat / state

यूपी में डेंगू के 286 नए मरीज, लखनऊ में 18 बीमार

यूपी में डेंगू का प्रकोप जारी है. पिछले 24 घंटे में 286 नए मरीज मिले हैं. इनमें से लखनऊ के 18 मरीज हैं. वहीं, राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारियां भी बढ़ रही हैं. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस और डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है.

यूपी में डेंगू के 286 नए मरीज
यूपी में डेंगू के 286 नए मरीज
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 11:10 PM IST

लखनऊ: यूपी में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. यहां मच्छरों का सफाया नहीं हो पा रहा है.डेंगू के डंक से लोगों का जीवन दांव पर है. पिछले 24 घंटे में यूपी में जेंगू के 286 नए मरीज मिले. इनमें से लखनऊ में 18 मरीज शामिल हैं.राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप जारी है. जलभराव व गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हज़ारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 8682 हो गयी है.

21 घरों में मिला लार्वा
नगर मलेरिया इकाई व जिला मलेरिया अधिकारी की टीम ने फैजुल्लागंज, महानगर, डालीगंज, बालागंज, अयोध्या दास, गोमतीनगर वार्ड का भ्रमण किया। इस दौरान 1890 घरों के निरीक्षण में 21 जगह लार्वा मिला. इन्हें नोटिस जारी की गई. वहीं सिल्वर जुबली, अलीगंज, रेडक्रास, आलमबाग, इन्दिरानगर, चिनहट, काकोरी क्षेत्र में कुल 18 डेंगू रोगी पाये गये.


बटाइफस-लेप्टोस्पाइरोसिस में लें यह एंटीबायोटिक

संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ जीएस बाजपेयी के मुताबिक, स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरिया है. इसका बुखार ज्यादा दिन रहने पर ब्रेन पर असर करता है. ऐसे में वयस्क व्यक्ति को डॉक्सीसाइक्लिन और बच्चों को एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक डॉक्टर से परामर्श कर दें. बारिश की समाप्ति के एक माह बाद तक डेंगू का खतरा रहता है. ऐसे में नवंबर के पहले सप्ताह तक सतर्क ज्यादा रहना होगा. उधर पैर पसार रहे डेंगू को लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है.बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है.


जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.


डेंगू के प्रकार

टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

त्यौहार को लेकर अलर्ट
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि त्यौहार को लेकर अलर्ट रहना होगा. इसमें गैर राज्यों से भी लोग आ रहे हैं. ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है. लिहाजा, घर से बाहर निकलते वक्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.

इसे भी पढ़ें- UP में दिखा भारत बंद का असर, प्रदेश के कई जिलों में सब कुछ ठप

लखनऊ: यूपी में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. यहां मच्छरों का सफाया नहीं हो पा रहा है.डेंगू के डंक से लोगों का जीवन दांव पर है. पिछले 24 घंटे में यूपी में जेंगू के 286 नए मरीज मिले. इनमें से लखनऊ में 18 मरीज शामिल हैं.राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप जारी है. जलभराव व गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हज़ारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं अब मरीजों की संख्या 8682 हो गयी है.

21 घरों में मिला लार्वा
नगर मलेरिया इकाई व जिला मलेरिया अधिकारी की टीम ने फैजुल्लागंज, महानगर, डालीगंज, बालागंज, अयोध्या दास, गोमतीनगर वार्ड का भ्रमण किया। इस दौरान 1890 घरों के निरीक्षण में 21 जगह लार्वा मिला. इन्हें नोटिस जारी की गई. वहीं सिल्वर जुबली, अलीगंज, रेडक्रास, आलमबाग, इन्दिरानगर, चिनहट, काकोरी क्षेत्र में कुल 18 डेंगू रोगी पाये गये.


बटाइफस-लेप्टोस्पाइरोसिस में लें यह एंटीबायोटिक

संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ जीएस बाजपेयी के मुताबिक, स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरिया है. इसका बुखार ज्यादा दिन रहने पर ब्रेन पर असर करता है. ऐसे में वयस्क व्यक्ति को डॉक्सीसाइक्लिन और बच्चों को एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक डॉक्टर से परामर्श कर दें. बारिश की समाप्ति के एक माह बाद तक डेंगू का खतरा रहता है. ऐसे में नवंबर के पहले सप्ताह तक सतर्क ज्यादा रहना होगा. उधर पैर पसार रहे डेंगू को लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है.बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है.


जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.


डेंगू के प्रकार

टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

त्यौहार को लेकर अलर्ट
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि त्यौहार को लेकर अलर्ट रहना होगा. इसमें गैर राज्यों से भी लोग आ रहे हैं. ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है. लिहाजा, घर से बाहर निकलते वक्त कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.

इसे भी पढ़ें- UP में दिखा भारत बंद का असर, प्रदेश के कई जिलों में सब कुछ ठप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.