लखनऊ: स्वास्थ विभाग द्वारा बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को देने के लिए मेडिकल कॉरपोरेशन का निर्माण किया गया था, जिससे समय रहते बेहतर दवाइयां लोगों को मुहैया सरकारी अस्पतालों से कराई जा सके. इन सब के बीच लगातार दवाइयों में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें 27 नमूने दवा के जांच में फेल हो गए हैं.
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दवाइयां मंगाई गईं वापस
दवाइयों को वापस मंगाने का आदेश जारी हो जाने के बाद अस्पतालों से दवाइयां वापस मंगा ली गई हैं. 18 जुलाई 2019 को कंपनी ने औषधि भंडारों में दवा भी दी थी. गुणवत्ता परखने के लिए अफसरों ने दवा के अलग-अलग 27 पेज के नमूने एकत्र किए. जांच में दवा मिस ब्रांड मिली. अधिकारियों का कहना है कि दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लिहाजा अफसरों ने अस्पतालों को पत्र भेजकर दवा के वितरण पर रोक रोक लगा दी है. एजीथ्रोमायसिन दवा के निर्माण की जून 2019 तारीख है. वहीं दवा एक्सपायर होने की तारीख मई 2021 है. 11 दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट 2 दिसंबर 2019 को आई.
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एजीथ्रोमायसिन दवा संक्रमण में आती है काम
एजीथ्रोमायसिन दवा का इस्तेमाल गले में संक्रमण, एलर्जी, लीवर व गुर्दे की परेशानी में किया जाता है. इसके अलावा कई बार दिल के मरीजों में भी विशेषज्ञ इस दवा को देते हैं. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दवा को लेकर के जांच नमूने में विफल होने के बावजूद लापरवाही बरती गई.
ये है एजीथ्रोमायसिन दवा के बैच नंबर
एजीथ्रोमायसिन तिब्बत के नंबर डीएल 1971, 72, 73 ,74, 75 ,76 ,77 ,78, 69 ,80 ,81, 82 ,83, 84 ,85, 86, 87 ,88, 90 ,91,92 ,93 ,94 ,95, 96, 97 है. इन सभी दवा के बैच में गड़बड़ियां पाई गई थीं.