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लखनऊ: 27 नमूने दवा के जांच में फेल, अस्पतालों से मंगवाई वापस - azithromycin

उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति कर रही है. इन सब के बीच एंटीबायोटिक, एजीथ्रोमायसिन सस्पेंशन 100 एमजी के 27 बैच के दवा नमूने फेल हो गए हैं, जिसके बाद आनन-फानन में अस्पतालों से दवा वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है.

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स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह.
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Published : Feb 11, 2020, 5:18 PM IST

लखनऊ: स्वास्थ विभाग द्वारा बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को देने के लिए मेडिकल कॉरपोरेशन का निर्माण किया गया था, जिससे समय रहते बेहतर दवाइयां लोगों को मुहैया सरकारी अस्पतालों से कराई जा सके. इन सब के बीच लगातार दवाइयों में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें 27 नमूने दवा के जांच में फेल हो गए हैं.

दवा के 27 नमूने जांच में फेल.
एंटीबायोटिक, एजीथ्रोमायसिन सस्पेंशन 100 एमजी के 27 बैच के दवा नमूने फेल हो गए हैं. आनन-फानन अस्पतालों से दवा वापस वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति कर रही है. कॉरपोरेशन ही टेंडर से कंपनियों का चयन करती है. यही कंपनियां घटिया दवा की आपूर्ति कर रही हैं. एजीथ्रोमायसिन की आपूर्ति कि जिम्मेदारी में मेसर्स टेरेस फार्मा स्टूटीकल्स प्राइवेट लिमिटेड की है, लेकिन लगातार दवाइयों में गड़बड़ियों के मामले सामने आ रहे हैं.

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दवाइयां मंगाई गईं वापस
दवाइयों को वापस मंगाने का आदेश जारी हो जाने के बाद अस्पतालों से दवाइयां वापस मंगा ली गई हैं. 18 जुलाई 2019 को कंपनी ने औषधि भंडारों में दवा भी दी थी. गुणवत्ता परखने के लिए अफसरों ने दवा के अलग-अलग 27 पेज के नमूने एकत्र किए. जांच में दवा मिस ब्रांड मिली. अधिकारियों का कहना है कि दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लिहाजा अफसरों ने अस्पतालों को पत्र भेजकर दवा के वितरण पर रोक रोक लगा दी है. एजीथ्रोमायसिन दवा के निर्माण की जून 2019 तारीख है. वहीं दवा एक्सपायर होने की तारीख मई 2021 है. 11 दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट 2 दिसंबर 2019 को आई.


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एजीथ्रोमायसिन दवा संक्रमण में आती है काम
एजीथ्रोमायसिन दवा का इस्तेमाल गले में संक्रमण, एलर्जी, लीवर व गुर्दे की परेशानी में किया जाता है. इसके अलावा कई बार दिल के मरीजों में भी विशेषज्ञ इस दवा को देते हैं. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दवा को लेकर के जांच नमूने में विफल होने के बावजूद लापरवाही बरती गई.

ये है एजीथ्रोमायसिन दवा के बैच नंबर
एजीथ्रोमायसिन तिब्बत के नंबर डीएल 1971, 72, 73 ,74, 75 ,76 ,77 ,78, 69 ,80 ,81, 82 ,83, 84 ,85, 86, 87 ,88, 90 ,91,92 ,93 ,94 ,95, 96, 97 है. इन सभी दवा के बैच में गड़बड़ियां पाई गई थीं.

लखनऊ: स्वास्थ विभाग द्वारा बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को देने के लिए मेडिकल कॉरपोरेशन का निर्माण किया गया था, जिससे समय रहते बेहतर दवाइयां लोगों को मुहैया सरकारी अस्पतालों से कराई जा सके. इन सब के बीच लगातार दवाइयों में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें 27 नमूने दवा के जांच में फेल हो गए हैं.

दवा के 27 नमूने जांच में फेल.
एंटीबायोटिक, एजीथ्रोमायसिन सस्पेंशन 100 एमजी के 27 बैच के दवा नमूने फेल हो गए हैं. आनन-फानन अस्पतालों से दवा वापस वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति कर रही है. कॉरपोरेशन ही टेंडर से कंपनियों का चयन करती है. यही कंपनियां घटिया दवा की आपूर्ति कर रही हैं. एजीथ्रोमायसिन की आपूर्ति कि जिम्मेदारी में मेसर्स टेरेस फार्मा स्टूटीकल्स प्राइवेट लिमिटेड की है, लेकिन लगातार दवाइयों में गड़बड़ियों के मामले सामने आ रहे हैं.

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दवाइयां मंगाई गईं वापस
दवाइयों को वापस मंगाने का आदेश जारी हो जाने के बाद अस्पतालों से दवाइयां वापस मंगा ली गई हैं. 18 जुलाई 2019 को कंपनी ने औषधि भंडारों में दवा भी दी थी. गुणवत्ता परखने के लिए अफसरों ने दवा के अलग-अलग 27 पेज के नमूने एकत्र किए. जांच में दवा मिस ब्रांड मिली. अधिकारियों का कहना है कि दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लिहाजा अफसरों ने अस्पतालों को पत्र भेजकर दवा के वितरण पर रोक रोक लगा दी है. एजीथ्रोमायसिन दवा के निर्माण की जून 2019 तारीख है. वहीं दवा एक्सपायर होने की तारीख मई 2021 है. 11 दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट 2 दिसंबर 2019 को आई.


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एजीथ्रोमायसिन दवा संक्रमण में आती है काम
एजीथ्रोमायसिन दवा का इस्तेमाल गले में संक्रमण, एलर्जी, लीवर व गुर्दे की परेशानी में किया जाता है. इसके अलावा कई बार दिल के मरीजों में भी विशेषज्ञ इस दवा को देते हैं. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दवा को लेकर के जांच नमूने में विफल होने के बावजूद लापरवाही बरती गई.

ये है एजीथ्रोमायसिन दवा के बैच नंबर
एजीथ्रोमायसिन तिब्बत के नंबर डीएल 1971, 72, 73 ,74, 75 ,76 ,77 ,78, 69 ,80 ,81, 82 ,83, 84 ,85, 86, 87 ,88, 90 ,91,92 ,93 ,94 ,95, 96, 97 है. इन सभी दवा के बैच में गड़बड़ियां पाई गई थीं.

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स्वास्थ विभाग द्वारा बैठक चिकित्सा एवं स्वास्थ सेवाओं को देने के लिए मेडिकल कॉर्पोरेशन का निर्माण किया गया था कि जिससे कि समय रहते बेहतर दवाइयां लोगों को मुहैया सरकारी अस्पतालों से कराई जा सके। लेकिन लगातार दवाइयों में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें 27 नमूने दवा के जांच में फेल हो गए हैं।




Body:एंटीबायोटिक, एजीथ्रोमायसिन सस्पेंशन हंड्रेड एमजी के 27 बैच के दवा नमूने फेल हो गए हैं।आनन-फानन अस्पतालों से दवा वापस वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है।उत्तर प्रदेश मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी अस्पतालों में दवा की आपूर्ति कर रही है।कारपोरेशन ही टेंडर से कंपनियों का चयन करती है। यही कंपनियां घटिया दवा की आपूर्ति कर रही है। एजीथ्रोमायसिन की आपूर्ति की जिम्मेदारी में मेसर्स टेरेस फार्मा स्टूटीकल्स प्राइवेट लिमिटेड की है। लेकिन लगातार दवाइयों में गड़बड़ियों के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि दवाइयों को वापस मंगाने का आदेश जारी हो जाने के बाद अस्पतालों से दवाइयां वापस मंगा ली गई हैं।18 जुलाई 2019 को कंपनी ने औषधि भंडारों में दवा भी दी थी गुणवत्ता परखने के लिए अफसरों ने दवा के अलग-अलग 27 पेज के नमूने एकत्र किए जांच में दवा मिस ब्रांड मिली अधिकारियों का कहना है कि दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लिहाजा अफसरों ने अस्पतालों को पत्र भेजकर दवा के वितरण पर रोक रोक लगा दी है। एजीथ्रोमायसिन दवा के निर्माण की जून 2019 तारीख है। वही दवा एक्सपायर होने की तारीख मई 2021 है। 11 दवा के नमूनों की जांच रिपोर्ट 2 दिसंबर 2019 को आई। वहीं बाकी 16 बैच के नमूनों की रिपोर्ट 16 दिसंबर को।डॉक्टरों का आपसी बातचीत मे कहना है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक जांच रिपोर्ट आ गई थी। नमूना फेल होने के बावजूद 45 दिनों तक अस्पतालों में मरीजों को घटिया दवा बांटी गई।

एजीथ्रोमायसिन दवा संक्रमण में काम आती है

एजीथ्रोमायसिन दवा का इस्तेमाल गले में संक्रमण ,एलर्जी, लीवर व गुर्दे की परेशानी में किया जाता है। इसके अलावा कई बार दिल के मरीजों में भी विशेषज्ञ इस दवा को देते हैं।
इसके बावजूद भी स्वास्थ विभाग द्वारा इस दवा को लेकर के जांच नमूने में विफल होने के बावजूद लापरवाही बरती गई।

ये है एजीथ्रोमायसिन दवा के बैच नंबर

एजीथ्रोमायसिन तिब्बत के नंबर डीएल 1971, 72, 73 ,74, 75 ,76 ,77 ,78, 69 ,80 ,81, 82 ,83, 84 ,85, 86, 87 ,88, 90 ,91,92 ,93 ,94 ,95, 96 ,97 है। इन सभी दवा के बैच में गड़बड़ियां पाई गई थी।




बाइट- जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री ,उत्तर प्रदेश सरकार




Conclusion:हालांकि मेडिकल कॉर्पोरेशन को लेकर के तमाम दावे और वादे स्वास्थ विभाग द्वारा बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ सेवाओं के किए गए थे।लेकिन कॉर्पोरेशन अभी भी अपनी सुविधाओं को बेहतर नहीं कर पा रहा है।ऐसे में सवाल है कि आखिर स्वास्थ विभाग की क्या मजबूरी है कि मेडिकल कॉर्पोरेशन पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की जा रही है।

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605975
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