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बीमार सिस्टम 24 घंटे बिजली आपूर्ति में बाधक, जलने लगे ट्रांसफॉर्मर और दगा देने लगीं लाइनें

प्रचंड गर्मी शुरू हो गई है. इस बीच बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा होने लगा है. ऐसे में लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर जलने शुरू हो गए हैं. जर्जर लाइनें दगा देने लगीं हैं. शहर में तो फिर भी हालात कुछ ठीक हैं लेकिन लखनऊ के आसपास के ग्रामीण इलाकों में व्यवस्थाएं चौपट होती दिखाई देने लगीं हैं.

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बिजली विभाग
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Published : Apr 10, 2022, 7:53 PM IST

लखनऊ : इन दिनों गर्मी चरम पर है. आम जनमानस का जीना मुहाल है. इस बीच बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा होने लगा है. बिजली विभाग के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावों के बीच अब शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त बिजली कटौती शुरू हो गई है. लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर जलने शुरू हो गए हैं. जर्जर लाइनें दगा देने लगीं हैं. शहर में तो फिर भी हालात कुछ ठीक हैं लेकिन लखनऊ के ही आसपास के ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चौपट दिखाई देती है.

दरअसल, इन इलाकों में कई उपकेंद्रों और लाइनों का काम अधूरा पड़ा है. ऐसे में इन अधूरे पड़े कामों के बीच भरपूर बिजली सप्लाई हो सके, ये संभव नहीं लगता. लखनऊ से सटे इलाके मोहनलालगंज के पूरनपुर सब स्टेशन में दो ट्रांसफार्मर पांच एमबीए के रखे गए थे लेकिन एक ट्रांसफार्मर महीनों से खराब पड़ा है. जब यहां की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चौपट होने लगी, तब अधिकारियों को इस ट्रांसफार्मर को बदलने की याद आई.

अब विभाग की तरफ से नया ट्रांसफार्मर रखवाया जा रहा है. इसी सब स्टेशन के लिए खुजेहटा ट्रांसमिशन सब स्टेशन से खींची जा रही 33 केवी लाइन का भी काम लंबे समय से अधूरा पड़ा है. ऐसे में अगर वृंदावन से आई 33 केवी लाइन में खराबी आती है तो उपभोक्ताओं के सामने बड़ा बिजली संकट झेलने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं है. इस सब स्टेशन में जीआई वायर और लंबे स्पेन की लाइनों की भरमार है.

इसी तरह मोहनलालगंज उपकेंद्र की बात की जाए तो इस पुराने सब स्टेशन की 30 किलोमीटर लंबी लाइन ही उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध आपूर्ति में सबसे बड़ा संकट खड़ा कर रही हैं. लंबी दूरी की लाइन में अक्सर फाल्ट आ जाता है और बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो जाती है. इसके समाधान के लिए सिसेंडी में 33/11 केवी सब स्टेशन निर्माण की आवश्यकता है. कार्रवाई के नाम पर अब तक जमीन की तलाश तक पूरी नहीं की जा सकी है. इससे मोहनलालगंज सब स्टेशन पर लोड लगातार बढ़ रहा है. यहां पर भी ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी बढ़ाने की आवश्यकता है.

पढ़ेंः उपभोक्ता शिकायत पर बिजली विभाग करेगा लापरवाही तो देना पड़ेगा मुआवजा, जानें ये नए नियम

इसके अलावा तृतीय खंड के समय से सब स्टेशन के दो फीडर बेहद पुराने हैं. अक्सर ट्रॉली में समस्या आती है. वहीं, इन दोनों फीडर से पोषित उपभोक्ताओं के सामने बड़ा बिजली संकट खड़ी हो जाती है. इस सब स्टेशन पर पांच एमवीए की क्षमता वाले दो ट्रांसफार्मर रखे हैं लेकिन उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे यह ट्रांसफार्मर भी ओवरलोड हो चुके हैं. इनकी क्षमता वृद्धि अगर नहीं की गई तो इसी गर्मी में यहां पर उपभोक्ताओं के सामने बिजली आपूर्ति की बड़ी समस्या खड़ी होगी.

कमोवेश इसी तरह की समस्याएं मलिहाबाद और सरोजनी नगर इलाकों के उपभोक्ताओं की भी हैं. यहां पर भी ट्रांसफॉर्मर की क्षमता के हिसाब से उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा हो रही है. इसके चलते ट्रांसफार्मर अक्सर जल जाते हैं और बिजली की बड़ी समस्या क्षेत्र के उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ती है. ग्रामीण इलाकों के अलावा अब शहरी इलाकों में भी बिजली की आवाजाही शुरू हो गई है. अब 24 घंटे का बिजली विभाग का शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति का दावा भी खोखला साबित होने लगा है. धीरे-धीरे गर्मी और प्रचंड रूप धारण करेगी तो उपभोक्ताओं के साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों के माथे से पसीना टपकना तय है क्योंकि बिजली सप्लाई विभाग के लिए चुनौती साबित हो सकता है.

बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि लखनऊ शहर में और आसपास सटे ग्रामीण इलाकों में जहां भी उपकेंद्र से संबंधित, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के साथ ही लाइनों के मरम्मतीकरण से संबंधित जो भी काम शेष हैं, उन्हें युद्ध स्तर पर शुरू कराया जा रहा है. उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके इसके लिए प्रयास जारी हैं.

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लखनऊ : इन दिनों गर्मी चरम पर है. आम जनमानस का जीना मुहाल है. इस बीच बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा होने लगा है. बिजली विभाग के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावों के बीच अब शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त बिजली कटौती शुरू हो गई है. लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर जलने शुरू हो गए हैं. जर्जर लाइनें दगा देने लगीं हैं. शहर में तो फिर भी हालात कुछ ठीक हैं लेकिन लखनऊ के ही आसपास के ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह चौपट दिखाई देती है.

दरअसल, इन इलाकों में कई उपकेंद्रों और लाइनों का काम अधूरा पड़ा है. ऐसे में इन अधूरे पड़े कामों के बीच भरपूर बिजली सप्लाई हो सके, ये संभव नहीं लगता. लखनऊ से सटे इलाके मोहनलालगंज के पूरनपुर सब स्टेशन में दो ट्रांसफार्मर पांच एमबीए के रखे गए थे लेकिन एक ट्रांसफार्मर महीनों से खराब पड़ा है. जब यहां की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चौपट होने लगी, तब अधिकारियों को इस ट्रांसफार्मर को बदलने की याद आई.

अब विभाग की तरफ से नया ट्रांसफार्मर रखवाया जा रहा है. इसी सब स्टेशन के लिए खुजेहटा ट्रांसमिशन सब स्टेशन से खींची जा रही 33 केवी लाइन का भी काम लंबे समय से अधूरा पड़ा है. ऐसे में अगर वृंदावन से आई 33 केवी लाइन में खराबी आती है तो उपभोक्ताओं के सामने बड़ा बिजली संकट झेलने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं है. इस सब स्टेशन में जीआई वायर और लंबे स्पेन की लाइनों की भरमार है.

इसी तरह मोहनलालगंज उपकेंद्र की बात की जाए तो इस पुराने सब स्टेशन की 30 किलोमीटर लंबी लाइन ही उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध आपूर्ति में सबसे बड़ा संकट खड़ा कर रही हैं. लंबी दूरी की लाइन में अक्सर फाल्ट आ जाता है और बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो जाती है. इसके समाधान के लिए सिसेंडी में 33/11 केवी सब स्टेशन निर्माण की आवश्यकता है. कार्रवाई के नाम पर अब तक जमीन की तलाश तक पूरी नहीं की जा सकी है. इससे मोहनलालगंज सब स्टेशन पर लोड लगातार बढ़ रहा है. यहां पर भी ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी बढ़ाने की आवश्यकता है.

पढ़ेंः उपभोक्ता शिकायत पर बिजली विभाग करेगा लापरवाही तो देना पड़ेगा मुआवजा, जानें ये नए नियम

इसके अलावा तृतीय खंड के समय से सब स्टेशन के दो फीडर बेहद पुराने हैं. अक्सर ट्रॉली में समस्या आती है. वहीं, इन दोनों फीडर से पोषित उपभोक्ताओं के सामने बड़ा बिजली संकट खड़ी हो जाती है. इस सब स्टेशन पर पांच एमवीए की क्षमता वाले दो ट्रांसफार्मर रखे हैं लेकिन उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे यह ट्रांसफार्मर भी ओवरलोड हो चुके हैं. इनकी क्षमता वृद्धि अगर नहीं की गई तो इसी गर्मी में यहां पर उपभोक्ताओं के सामने बिजली आपूर्ति की बड़ी समस्या खड़ी होगी.

कमोवेश इसी तरह की समस्याएं मलिहाबाद और सरोजनी नगर इलाकों के उपभोक्ताओं की भी हैं. यहां पर भी ट्रांसफॉर्मर की क्षमता के हिसाब से उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा हो रही है. इसके चलते ट्रांसफार्मर अक्सर जल जाते हैं और बिजली की बड़ी समस्या क्षेत्र के उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ती है. ग्रामीण इलाकों के अलावा अब शहरी इलाकों में भी बिजली की आवाजाही शुरू हो गई है. अब 24 घंटे का बिजली विभाग का शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति का दावा भी खोखला साबित होने लगा है. धीरे-धीरे गर्मी और प्रचंड रूप धारण करेगी तो उपभोक्ताओं के साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों के माथे से पसीना टपकना तय है क्योंकि बिजली सप्लाई विभाग के लिए चुनौती साबित हो सकता है.

बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि लखनऊ शहर में और आसपास सटे ग्रामीण इलाकों में जहां भी उपकेंद्र से संबंधित, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के साथ ही लाइनों के मरम्मतीकरण से संबंधित जो भी काम शेष हैं, उन्हें युद्ध स्तर पर शुरू कराया जा रहा है. उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके इसके लिए प्रयास जारी हैं.

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