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लखनऊ: सरकारी आंकड़ों मे कोरोना से 13 की मौत, श्मशान घाटों पर 219 शवों का अंतिम संस्कार

राजधानी लखनऊ के श्मशान घाटों पर शवों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. श्मशान घाटों पर शवों की लंबी कतार होने के कारण परिजनों को मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. राजधानी लखनऊ के दोनों श्मशान घाटों पर बुधवार को करीब 219 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

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Published : Apr 29, 2021, 4:52 PM IST

श्मशान घाट लखनऊ
श्मशान घाट लखनऊ

लखनऊ: देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद राजधानी लखनऊ में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. इस बीच राजधानी में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. जिसकी वजह से श्मशान घाटों पर लगी शवों की कतार खत्म होने का नाम नहीं ले रही. ऐसे में मृतकों के परिजनों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

बुधवार को 219 शवों का हुआ अंतिम संस्कार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार देर शाम तक राजधानी लखनऊ में कोरोना के 3,759 नए मामले सामने आए, जबकि 13 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई. लेकिन, जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. बुधवार को राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड, गुलाला घाट और आलमबाग श्मशान घाट पर कुल मिलाकर 219 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इससे सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत के अंतर को समझा जा सकता है.

लकड़ी ठेकेदारों ने खड़े किए हाथ
लखनऊ के श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की मांग को देखते हुए, लकड़ी सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. अब तक दूसरे जनपदों से 9,000 क्विंटल लकड़ी लाई जा चुकी है. वहीं, नगर निगम के सामने भी बजट का संकट आ खड़ा हुआ है, ऐसे में नगर निगम ने शासन से 20 करोड़ रुपये की मदद मांगी है.

पढ़ें: राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी के निधन पर CM ने जताया दुख, कोरोना से थे पीड़ित

नगर निगम चला रहा सैनिटाइजेशन अभियान
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए लखनऊ नगर निगम द्वारा शुरू किया गया सैनिटाइजेशन अभियान बुधवार को भी जारी रहा. इस अभियान के अंतर्गत बड़ी संख्या में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में सैनिटाइजेशन किया गया. इस अभियान का नेतृत्व नगर आयुक्त अजय द्विवेदी कर रहे हैं. प्रतिदिन राजधानी के विभिन्न मोहल्लों और गलियों के साथ-साथ चिकित्सालयों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों पर यह अभियान चलाया जा रहा है.

लखनऊ: देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद राजधानी लखनऊ में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. इस बीच राजधानी में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. जिसकी वजह से श्मशान घाटों पर लगी शवों की कतार खत्म होने का नाम नहीं ले रही. ऐसे में मृतकों के परिजनों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

बुधवार को 219 शवों का हुआ अंतिम संस्कार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार देर शाम तक राजधानी लखनऊ में कोरोना के 3,759 नए मामले सामने आए, जबकि 13 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई. लेकिन, जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. बुधवार को राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड, गुलाला घाट और आलमबाग श्मशान घाट पर कुल मिलाकर 219 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इससे सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत के अंतर को समझा जा सकता है.

लकड़ी ठेकेदारों ने खड़े किए हाथ
लखनऊ के श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की मांग को देखते हुए, लकड़ी सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. अब तक दूसरे जनपदों से 9,000 क्विंटल लकड़ी लाई जा चुकी है. वहीं, नगर निगम के सामने भी बजट का संकट आ खड़ा हुआ है, ऐसे में नगर निगम ने शासन से 20 करोड़ रुपये की मदद मांगी है.

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नगर निगम चला रहा सैनिटाइजेशन अभियान
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए लखनऊ नगर निगम द्वारा शुरू किया गया सैनिटाइजेशन अभियान बुधवार को भी जारी रहा. इस अभियान के अंतर्गत बड़ी संख्या में सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में सैनिटाइजेशन किया गया. इस अभियान का नेतृत्व नगर आयुक्त अजय द्विवेदी कर रहे हैं. प्रतिदिन राजधानी के विभिन्न मोहल्लों और गलियों के साथ-साथ चिकित्सालयों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों पर यह अभियान चलाया जा रहा है.

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