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बाघ को पकड़ने की नई ट्रिक; लाउडस्पीकर पर बाघिन की गूंजेगी दहाड़, फिर ऐसे पिंजरे में होगा कैद - TIGER TERROR IN LUCKNOW

बाघ की दहशत के कारण आसपास के गांवों में बाहर नहीं निकल पा रहे लोग

लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ को पकड़ने की तैयारी.
लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ को पकड़ने की तैयारी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 7, 2025, 2:09 PM IST

Updated : Jan 7, 2025, 2:21 PM IST

लखनऊ : पिछले करीब एक माह से रहमान खेड़ा जंगल के आसपास काकोरी और मलिहाबाद के सीमवर्ती गांवों दहशत का पर्याय बने बाघ को वन विभाग नहीं पकड़ पाया है. बाघ अब तक आधा दर्जन जानवरों को शिकार बना चुका है. आलम यह है कि डरे-सहमे ग्रामीण हाथ में लाठी-डंडा लेकर खुद ही अपनी रखवाली कर रहे हैं. बाघ के डर के बीच लोग न तो खेतों की तरफ जा पा रहे हैं, न ही मजदूरी के लिए गांव से बाहर. अब वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए नई तरकीब निकाली है. योजना है कि बाघिन की आवाज के जरिए बाघ को आकर्षित किया जाए. इसके लिए लाउडस्पीकर से बाघिन की दहाड़ जंगल में गूंजेगी. उम्मीद है कि बाघ इसे सुनकर पिंजरे की तरफ आएगा. वन विभाग ने दुधवा नेशनल पार्क से बाघिन का पेशाब भी मंगाया है, जिसे पिंजरे में डाला गया है.

लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ को पकड़ने की तैयारी. (Video Credit; ETV Bharat)

रोजी रोटी पर संकट, फसल हो रही बर्बाद: दुगौली निवासी मजदूर संभु दयाल व बाबू लाल यादव ने बताया कि बाघ की दहशत से गांव के लोग खेतों में जाने से डर रहे है.. शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं. गांव वाले खेतों से चारा नहीं ला पा रहे हैं. जंगल से लकड़ियां नही आ पा रही हैं. लोग झुंड बनाकर खेतों में जा रहे हैं. सुबह-शाम खेतों में जाने से परहेज कर रहे हैं. साथ ही लोग मजदूरी करने गांव के बाहर नहीं जा पा रहे हैं. इसका फायदा जंगली जानवर जैसे नील गाय, जंगली सूअर उठा रहे हैं. वे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर वन विभाग की टीम आती है और चली जाती है. वह खुद सुरक्षित नहीं हैं.

दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं.
दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

बच्चों की पढ़ाई पर भी असर: ग्रामीण राम नरेश यादव बताते हैं कि बाघ की दहशत के बीच बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. घरों में रहकर पढ़ाई ही नहीं हो पा रही है. बाघ की इतनी दहशत है कि लोग झुंड बनाकर आग ताप रहे हैं. रात भर जग रहे हैं. बाघ के हमले का डर उनके बीच बना हुआ है.

दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं.
दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

वन विभाग से उठ रहा भरोसा: बाघ के अब तक नहीं पकड़े जाने से ग्रामीणों का वन विभाग से भरोसा ही उठ रहा है. रहमान खेड़ा जंगल से पांच सौ मीटर दूर दुगौली गांव के प्रधान रवि यादव बताते हैं कि बाघ की दहशत से लोगों ने नए साल का जश्न नहीं मनाया. सभी अपने घरों में दुबके रहे. वन विभाग की टीम जागरूक करने के लिए गांव आई थी, लेकिन उनके पास बाघ पकड़ने के कोई संसाधन नहीं थे. बताया कि वनकर्मी फाइबर का डंडा लेकर बाघ ढूंढ रहे हैं. शनिवार को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के छोटे जंगल में बाघ की आहट हुई. वन विभाग की पूरी टीम ड्रोन के साथ लगी रही, लेकिन नतीजा शून्य रहा. कई बार बाघ दिखाई दिया. जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई, लेकिन मौके पर पग चिन्हों की जांचकर चले गए. कहते हैं कि भय का माहौल है. बीते सप्ताह बुधड़िया गांव के करीब बाघ ने गाय का शिकार किया था. वन विभाग की टीम बैठी ही रही. बाघ दोबारा आया और बचे शिकार को ले गया.

अब तक के सारे प्रयास विफल: रहमान खेड़ा में करीब एक माह से बाघ की दहशत कायम है. बाघ लगातार जंगल से सटे गांवों में चहलक़दमी कर रहा है. बाघ की फोटो व पगमार्क तो वन विभाग की एक्सपर्ट टीम को मिल रहे हैं लेकिन वे उसकी लोकेशन अब तक नहीं तलाश कर पाए हैं. बाघ को पकड़ने के लिए विभाग ने दुधवा से ट्रेंड हथिनियों डायना व सुलोचना को बुलाया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ. बाघ लगातार जंगल से सटे गांवों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है.

अब बाघिन की आवाज का सहारा: डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने थर्मल ड्रोन, 32 ट्रैप कैमरे और 4 पिंजड़े लगाए हैं. साथ ही दुधवा से दो ट्रेंड हथिनियां डायना व सुलोचना भी आ गई हैं, जो बाघ के पग चिन्हों को लगातार ट्रेस कर रही हैं. टाइगर को पकड़ने के लिए अब लाउडस्पीकर से बाघिन की दहाड़ से बाघ को आकर्षित किया जाएगा. इससे बाघ मेटिंग के इरादे से आवाज तक पहुंचने की कोशिश करेगा. दुधवा नेशनल पार्क से बाघिन का पेशाब भी मंगाया गया है, जिसे पिंजरे में डाला गया है.

यह भी पढ़ें : डायना-सुलोचना को भी चकमा दे गया बाघ, टीम ने 5 किमी तक चलाया तलाशी अभियान, नहीं मिला सुराग - LUCKNOW TIGER TERROR

लखनऊ : पिछले करीब एक माह से रहमान खेड़ा जंगल के आसपास काकोरी और मलिहाबाद के सीमवर्ती गांवों दहशत का पर्याय बने बाघ को वन विभाग नहीं पकड़ पाया है. बाघ अब तक आधा दर्जन जानवरों को शिकार बना चुका है. आलम यह है कि डरे-सहमे ग्रामीण हाथ में लाठी-डंडा लेकर खुद ही अपनी रखवाली कर रहे हैं. बाघ के डर के बीच लोग न तो खेतों की तरफ जा पा रहे हैं, न ही मजदूरी के लिए गांव से बाहर. अब वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए नई तरकीब निकाली है. योजना है कि बाघिन की आवाज के जरिए बाघ को आकर्षित किया जाए. इसके लिए लाउडस्पीकर से बाघिन की दहाड़ जंगल में गूंजेगी. उम्मीद है कि बाघ इसे सुनकर पिंजरे की तरफ आएगा. वन विभाग ने दुधवा नेशनल पार्क से बाघिन का पेशाब भी मंगाया है, जिसे पिंजरे में डाला गया है.

लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ को पकड़ने की तैयारी. (Video Credit; ETV Bharat)

रोजी रोटी पर संकट, फसल हो रही बर्बाद: दुगौली निवासी मजदूर संभु दयाल व बाबू लाल यादव ने बताया कि बाघ की दहशत से गांव के लोग खेतों में जाने से डर रहे है.. शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं. गांव वाले खेतों से चारा नहीं ला पा रहे हैं. जंगल से लकड़ियां नही आ पा रही हैं. लोग झुंड बनाकर खेतों में जा रहे हैं. सुबह-शाम खेतों में जाने से परहेज कर रहे हैं. साथ ही लोग मजदूरी करने गांव के बाहर नहीं जा पा रहे हैं. इसका फायदा जंगली जानवर जैसे नील गाय, जंगली सूअर उठा रहे हैं. वे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर वन विभाग की टीम आती है और चली जाती है. वह खुद सुरक्षित नहीं हैं.

दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं.
दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

बच्चों की पढ़ाई पर भी असर: ग्रामीण राम नरेश यादव बताते हैं कि बाघ की दहशत के बीच बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. घरों में रहकर पढ़ाई ही नहीं हो पा रही है. बाघ की इतनी दहशत है कि लोग झुंड बनाकर आग ताप रहे हैं. रात भर जग रहे हैं. बाघ के हमले का डर उनके बीच बना हुआ है.

दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं.
दुगौली गांव में दहशत के बीच लोग रतजगा कर रहे हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

वन विभाग से उठ रहा भरोसा: बाघ के अब तक नहीं पकड़े जाने से ग्रामीणों का वन विभाग से भरोसा ही उठ रहा है. रहमान खेड़ा जंगल से पांच सौ मीटर दूर दुगौली गांव के प्रधान रवि यादव बताते हैं कि बाघ की दहशत से लोगों ने नए साल का जश्न नहीं मनाया. सभी अपने घरों में दुबके रहे. वन विभाग की टीम जागरूक करने के लिए गांव आई थी, लेकिन उनके पास बाघ पकड़ने के कोई संसाधन नहीं थे. बताया कि वनकर्मी फाइबर का डंडा लेकर बाघ ढूंढ रहे हैं. शनिवार को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के छोटे जंगल में बाघ की आहट हुई. वन विभाग की पूरी टीम ड्रोन के साथ लगी रही, लेकिन नतीजा शून्य रहा. कई बार बाघ दिखाई दिया. जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई, लेकिन मौके पर पग चिन्हों की जांचकर चले गए. कहते हैं कि भय का माहौल है. बीते सप्ताह बुधड़िया गांव के करीब बाघ ने गाय का शिकार किया था. वन विभाग की टीम बैठी ही रही. बाघ दोबारा आया और बचे शिकार को ले गया.

अब तक के सारे प्रयास विफल: रहमान खेड़ा में करीब एक माह से बाघ की दहशत कायम है. बाघ लगातार जंगल से सटे गांवों में चहलक़दमी कर रहा है. बाघ की फोटो व पगमार्क तो वन विभाग की एक्सपर्ट टीम को मिल रहे हैं लेकिन वे उसकी लोकेशन अब तक नहीं तलाश कर पाए हैं. बाघ को पकड़ने के लिए विभाग ने दुधवा से ट्रेंड हथिनियों डायना व सुलोचना को बुलाया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ. बाघ लगातार जंगल से सटे गांवों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है.

अब बाघिन की आवाज का सहारा: डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने थर्मल ड्रोन, 32 ट्रैप कैमरे और 4 पिंजड़े लगाए हैं. साथ ही दुधवा से दो ट्रेंड हथिनियां डायना व सुलोचना भी आ गई हैं, जो बाघ के पग चिन्हों को लगातार ट्रेस कर रही हैं. टाइगर को पकड़ने के लिए अब लाउडस्पीकर से बाघिन की दहाड़ से बाघ को आकर्षित किया जाएगा. इससे बाघ मेटिंग के इरादे से आवाज तक पहुंचने की कोशिश करेगा. दुधवा नेशनल पार्क से बाघिन का पेशाब भी मंगाया गया है, जिसे पिंजरे में डाला गया है.

यह भी पढ़ें : डायना-सुलोचना को भी चकमा दे गया बाघ, टीम ने 5 किमी तक चलाया तलाशी अभियान, नहीं मिला सुराग - LUCKNOW TIGER TERROR

Last Updated : Jan 7, 2025, 2:21 PM IST
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