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2024 लोकसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश की 30 लोकसभा सीटों पर भाजपा बदल सकती है प्रत्याशी - बीजेपी में कटेगा सांसदों का टिकट

बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्रों में प्रवास कार्यक्रम शुरू कर दिया है. अपने एक्सपर्ट सुनील बंसल को एक बार यूपी की हवा भांपने की जिम्मेदारी दी है. इस बीच चर्चा है कि चुनाव के दौरान टिकट वितरण में 2019 के 30 प्रत्याशियों का टिकट कट सकता है. पढ़ें क्या है बीजेपी की रणनीति...

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Published : Mar 9, 2023, 2:48 PM IST

2024 लोकसभा चुनाव के समीकरणों और चर्चा के बारे में जानकारी देते ऋषि मिश्रा.

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी 2019 में चुनाव लड़ने वाले 80 प्रत्याशियों में से 30 को बदल सकती है. इनमें से कुछ ने विद्रोही तेवर अपना रखे हैं. कुछ का प्रदर्शन खराब है. बीजेपी के यूपी दफ्तर में चर्चा यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार अपनी सीट बदल सकते हैं. माना जा रहा है कि वह इस बार वाराणसी की जगह अयोध्या से लड़कर पूरे देश में एक संदेश दे सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट भी इसे कयास नहीं मान रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई में जीत हासिल की थी. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन हुआ था. यूपी के कई दलों के बीच महागठबंधन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कुल 80 में से 64 सीटों पर बड़ी जीत हासिल कर ली थी. 16 सीटों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 बहुजन समाज पार्टी ने जीती थीं. इसके बाद उपचुनावों में बीजेपी 2 और सीटें जीत लीं. भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी 75 प्लस के फार्मूले पर चल रही है. इस लक्ष्य के कारण माना जा रहा है कि 2024 के दौरान टिकट बंटवारे में पार्टी बड़े बदलाव करेगी. भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन के साथ 80 में से 30 सीटों पर बड़े बदलाव कर सकती है. जिसमें कई धुरंधरों को इस बार अपने टिकट से हाथ धोना पड़ेगा.

2024 लोकसभा चुनाव
वरुण गांधी कई साल से बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं, इसलिए उनका टिकट कटने का कयास लगाया जा रहा है.
बगावती तेवर पड़ सकते हैं भारी : प्रयागराज में रीता बहुगुणा जोशी का टिकट बचना इस बार मुश्किल है. उनके बेटे मयंक जोशी 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के खेमे में चले गए थे. प्रयागराज में रीता जोशी बहुगुणा को भाजपा आजमाएगी, इसमें संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इसी तरह बदायूं सीट पर संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी चले गए हैं. जहां जाकर उन्होंने हिंदू विरोधी छवि अख्तियार कर ली है. इसके बाद में संघमित्रा के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है. पीलीभीत में वरुण गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा विपक्ष बने हुए हैं. ऐसे में न सिर्फ वरुण गांधी के टिकट पर खतरा है, बल्कि उनकी मां मेनका गांधी का टिकट भी खतरे में है. इसके अलावा मथुरा में हेमा मालिनी के टिकट पर भी संशय बना हुआ है.
2024 लोकसभा चुनाव
2024 लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी का टिकट फंस सकता है.
14 हारी हुई सीटों पर भी बदलेगा टिकट : आजमगढ़ और रामपुर छोड़कर जिन 14 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी हारी थीं, उन सीटों पर भी प्रत्याशी बदल सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता इन सभी सीटों पर प्रवास कार्यक्रम कर रहे हैं. जल्द ही बड़े नेता जनता के बीच फीडबैक के लिए जाएंगे. जहां से उनको उस सक्षम नेता के चुनाव में जनता की प्रतिक्रिया मिल सकेगी, जिसको चुनाव लड़ाया जा सके.
2024 लोकसभा चुनाव
स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा में है, इस कारण उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य का टिकट कटना तय माना जा रहा है.

हालांकि नरेंद्र मोदी की सीट बदलने की चर्चा को राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय पूरी तरह खारिज नहीं कर रहे हैं. विजय उपाध्याय का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदलेंगे. काशी में उनकी स्थिति काफी मजबूत है. फिर भी देश में एक हिंदुत्ववादी संदेश को देने के लिए नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदल सकते हैं. वह अयोध्या आ सकते हैं. जहां से वे चुनाव लड़ कर पूरे देश में एक ऐसा मैसेज देंगे जिससे भाजपा को काफी लाभ होने की उम्मीद है. मगर भाजपा वहां के वर्तमान सांसद को देखते हुए बहुत ही ठोक बजाकर इस संबंध में कोई फैसला लेगी.

पढ़ें : Rahul Gandhi targets BJP: राहुल ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- यह साहस और कायरता के बीच की लड़ाई

2024 लोकसभा चुनाव के समीकरणों और चर्चा के बारे में जानकारी देते ऋषि मिश्रा.

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी 2019 में चुनाव लड़ने वाले 80 प्रत्याशियों में से 30 को बदल सकती है. इनमें से कुछ ने विद्रोही तेवर अपना रखे हैं. कुछ का प्रदर्शन खराब है. बीजेपी के यूपी दफ्तर में चर्चा यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार अपनी सीट बदल सकते हैं. माना जा रहा है कि वह इस बार वाराणसी की जगह अयोध्या से लड़कर पूरे देश में एक संदेश दे सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट भी इसे कयास नहीं मान रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई में जीत हासिल की थी. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन हुआ था. यूपी के कई दलों के बीच महागठबंधन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कुल 80 में से 64 सीटों पर बड़ी जीत हासिल कर ली थी. 16 सीटों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 बहुजन समाज पार्टी ने जीती थीं. इसके बाद उपचुनावों में बीजेपी 2 और सीटें जीत लीं. भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी 75 प्लस के फार्मूले पर चल रही है. इस लक्ष्य के कारण माना जा रहा है कि 2024 के दौरान टिकट बंटवारे में पार्टी बड़े बदलाव करेगी. भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन के साथ 80 में से 30 सीटों पर बड़े बदलाव कर सकती है. जिसमें कई धुरंधरों को इस बार अपने टिकट से हाथ धोना पड़ेगा.

2024 लोकसभा चुनाव
वरुण गांधी कई साल से बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं, इसलिए उनका टिकट कटने का कयास लगाया जा रहा है.
बगावती तेवर पड़ सकते हैं भारी : प्रयागराज में रीता बहुगुणा जोशी का टिकट बचना इस बार मुश्किल है. उनके बेटे मयंक जोशी 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के खेमे में चले गए थे. प्रयागराज में रीता जोशी बहुगुणा को भाजपा आजमाएगी, इसमें संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इसी तरह बदायूं सीट पर संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी चले गए हैं. जहां जाकर उन्होंने हिंदू विरोधी छवि अख्तियार कर ली है. इसके बाद में संघमित्रा के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है. पीलीभीत में वरुण गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा विपक्ष बने हुए हैं. ऐसे में न सिर्फ वरुण गांधी के टिकट पर खतरा है, बल्कि उनकी मां मेनका गांधी का टिकट भी खतरे में है. इसके अलावा मथुरा में हेमा मालिनी के टिकट पर भी संशय बना हुआ है.
2024 लोकसभा चुनाव
2024 लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी का टिकट फंस सकता है.
14 हारी हुई सीटों पर भी बदलेगा टिकट : आजमगढ़ और रामपुर छोड़कर जिन 14 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी हारी थीं, उन सीटों पर भी प्रत्याशी बदल सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता इन सभी सीटों पर प्रवास कार्यक्रम कर रहे हैं. जल्द ही बड़े नेता जनता के बीच फीडबैक के लिए जाएंगे. जहां से उनको उस सक्षम नेता के चुनाव में जनता की प्रतिक्रिया मिल सकेगी, जिसको चुनाव लड़ाया जा सके.
2024 लोकसभा चुनाव
स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा में है, इस कारण उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य का टिकट कटना तय माना जा रहा है.

हालांकि नरेंद्र मोदी की सीट बदलने की चर्चा को राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय पूरी तरह खारिज नहीं कर रहे हैं. विजय उपाध्याय का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदलेंगे. काशी में उनकी स्थिति काफी मजबूत है. फिर भी देश में एक हिंदुत्ववादी संदेश को देने के लिए नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदल सकते हैं. वह अयोध्या आ सकते हैं. जहां से वे चुनाव लड़ कर पूरे देश में एक ऐसा मैसेज देंगे जिससे भाजपा को काफी लाभ होने की उम्मीद है. मगर भाजपा वहां के वर्तमान सांसद को देखते हुए बहुत ही ठोक बजाकर इस संबंध में कोई फैसला लेगी.

पढ़ें : Rahul Gandhi targets BJP: राहुल ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- यह साहस और कायरता के बीच की लड़ाई

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