लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी 2019 में चुनाव लड़ने वाले 80 प्रत्याशियों में से 30 को बदल सकती है. इनमें से कुछ ने विद्रोही तेवर अपना रखे हैं. कुछ का प्रदर्शन खराब है. बीजेपी के यूपी दफ्तर में चर्चा यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार अपनी सीट बदल सकते हैं. माना जा रहा है कि वह इस बार वाराणसी की जगह अयोध्या से लड़कर पूरे देश में एक संदेश दे सकते हैं. हालांकि एक्सपर्ट भी इसे कयास नहीं मान रहे हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक की सबसे बड़ी लड़ाई में जीत हासिल की थी. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन हुआ था. यूपी के कई दलों के बीच महागठबंधन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कुल 80 में से 64 सीटों पर बड़ी जीत हासिल कर ली थी. 16 सीटों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 बहुजन समाज पार्टी ने जीती थीं. इसके बाद उपचुनावों में बीजेपी 2 और सीटें जीत लीं. भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी 75 प्लस के फार्मूले पर चल रही है. इस लक्ष्य के कारण माना जा रहा है कि 2024 के दौरान टिकट बंटवारे में पार्टी बड़े बदलाव करेगी. भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन के साथ 80 में से 30 सीटों पर बड़े बदलाव कर सकती है. जिसमें कई धुरंधरों को इस बार अपने टिकट से हाथ धोना पड़ेगा.
हालांकि नरेंद्र मोदी की सीट बदलने की चर्चा को राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय पूरी तरह खारिज नहीं कर रहे हैं. विजय उपाध्याय का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदलेंगे. काशी में उनकी स्थिति काफी मजबूत है. फिर भी देश में एक हिंदुत्ववादी संदेश को देने के लिए नरेंद्र मोदी अपनी सीट बदल सकते हैं. वह अयोध्या आ सकते हैं. जहां से वे चुनाव लड़ कर पूरे देश में एक ऐसा मैसेज देंगे जिससे भाजपा को काफी लाभ होने की उम्मीद है. मगर भाजपा वहां के वर्तमान सांसद को देखते हुए बहुत ही ठोक बजाकर इस संबंध में कोई फैसला लेगी.