लखनऊ: प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की प्राथमिकता के दृष्टिगत डॉ. राम मनोहर लोहिया नवीन राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) का गठन किया गया है. जिसके अन्तर्गत 2 वर्षों में संशोधित लागत धनराशि 633.7882 करोड़ की लागत (मूल लागत धनराशि रुपए 573.1056 करोड़) से 2000 नये नलकूप लगाया जाना है जाना है. वित्तीय वर्ष 2019-2020 तक धनराशि रुपये 57552.48 लाख की लागत से 1882 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण कराया गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में धनराशि 644.15 लाख से 78 नलकूपों पर गत वर्ष के अवशेष कार्यों के निर्माण कार्य प्रगति पर है.
आधुनिकीकरण परियोजना का गठन
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की प्राथमिकता के दृष्टिगत डॉ. राम मनोहर लोहिया 6000 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण परियोजना (नाबार्ड पोषित) का गठन किया गया है. जिसके अन्तर्गत धनराशि 226.9261 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में स्थापित 6000 नलकूपों की जल वितरण प्रणली का आधुनिकीकरण एवं नवीन पम्प सेटों की प्रतिस्थापना का कार्य किया जा चुका है.
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1101 असफल राजकीय नलकूपों का होना है निर्माण
प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की प्राथमिकता के दृष्ठिगत राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) का गठन किया गया है. इसके अन्तर्गत 3 वर्षों में धनराशि रुपये 273.86 करोड़ की लागत से 1101 असफल राजकीय नलकूपों का पुनः निर्माण किया जाना है. वित्तीय वर्ष 2019-2020 तक धनराशि रुपये 8742.64 लाख की लागत से 369 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण कराया गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में धनराशि 10000.00 लाख से 421 राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण कार्य प्रगति पर है.