लखनऊ : हर साल विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च को टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज भी विश्व में टीबी को 10 मृत्यु के लिए जिम्मेदार बीमारियों में से एक माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन में इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए साल 2030 तक का लक्ष्य रखा है, वहीं भारत में यह लक्ष्य साल 2025 तक का रखा गया है.
उत्तर प्रदेश के टीबी ऑफिसर डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि 2017 में एक करोड़ लोग क्षय रोग से प्रभावित हुए थे. जिसमें 16 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी. इन आंकड़ों में 10 लाख बच्चे भी इस रोग से प्रभावित हुए थे. उन्होनें यह भी बताया कि पहले की तुलना में अब टीबी का इलाज बेहद आसान हो गया है. अब यह आपके नजदीकी सरकारी अस्पताल में मुफ्त में मौजूद है.
इसलिए जरूरी है कि आप अपने आस-पास यदि कोई व्यक्ति ऐसा देखें जिसे दो हफ्ते से अधिक से खांसी आ रही हो या टीबी के कुछ अन्य लक्षण आपको दिख रहे हो तो उसे तुरंत अपनी नजदीकी अस्पताल में ले जाकर दिखलाना चाहिए.
आयुष विभाग के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर देवेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आयुर्वेद में सभी बीमारियों का हल है. टीबी भी आयुर्वेद के लिए कोई असाध्य बीमारी नहीं है. समय रहते टीबी को ठीक किया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि शुद्ध और पौष्टिक खानपान, अच्छी दिनचर्या और बीमारी का इलाज समय से पूरा लिया जाए.
आयुर्वेद में भी टीबी के बीमारी के लिए कई ऐसे नुस्खे हैं जिन को नियमित रूप से अपना कर व्यक्ति ठीक हो सकता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि टीबी ही नहीं शरीर की हर मर्ज के लिए आयुर्वेद एक बेहतरीन विकल्प है, जो कि आपके शरीर में बिना किसी चीरे और टांके के आपको स्वस्थ रख सकता है.