लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुधवार को हत्या के मामले में सजा काट रहे बुजुर्ग कैदी की इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में मौत हो गई. वहीं गुडंबा थाना क्षेत्र में किसान के बेटे ने बीमारी से तंग आकर फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली. वहीं, बीकॉम प्रथम वर्ष के छात्र ने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली.
बीमारी से तंग आकर किया सुसाइड
गुडंबा थाना क्षेत्र में किसान के बेटे ने बीमारी से तंग आकर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. घर वालों ने उसे फंदे से लटका देखा तो उनके होश उड़ गए. खुदकुशी की सूचना परिजनों ने पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. नाबालिग की मौत से उसके घर में कोहराम मचा हुआ गया.
इंस्पेक्टर गुडम्बा रीतेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आशीष कुमार पुत्र राम सुरेश निवासी ग्राम बांसा मसौली बाराबंकी उसका भांजा करन कुमार (16 साल) पुत्र बृजमोहन उसके घर पर 6 माह से रहकर पेट की बीमारी के साथ-साथ मानसिक बीमारी का इलाज करा रहा था. मंगलवार की रात को खाना खाकर कमरे में अंदर से दरवाजा बंद करके सो गया. उसका भांजा अक्सर देर रात तक मोबाइल चलाता था और सवेरे देर से उठता था. बुधवार को सुबह करीब 11 बजे उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. खिड़की का पर्दा हटाकर देखा गया तो उसका भांजा कमरे के अंदर लगे पंखे में कपड़े का फंदा बनाकर फांसी पर लटक रहा था.
बीकॉम के छात्र ने खुद को मारी गोली, मौत
बीकॉम प्रथम वर्ष के छात्र ने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. कमरे के अंदर बेड पर खून से लथपथ शव पड़ा मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया. पुलिस, छात्र के आत्महत्या करने के कारणों की जांच कर रही है. इंस्पेक्टर ने बताया कि छात्र का मोबाइल कब्जे में ले लिया गया है. उसकी कॉल डिटेल्स का पता लगाया जा रहा है. आखिरी बार उसकी किससे बात हुई. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. परिवारीजनों ने भी आत्महत्या के कारणों से अनभिज्ञता जताई है.
इलाज के दौरान कैदी की मौत
राजधानी में हत्या के मामले में सजा काट रहे बुजुर्ग कैदी की इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर में बुधवार को मौत हो गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस के अनुसार, बाराबंकी के महमूदपुर चिरैया खाला निवासी हीरालाल 85 वर्ष 2001 में हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर गोसाईगंज जेल भेजा गया था. तब से वहीं पर बंद था. जो बीते 20 दिनों से बीमार चल रहा था. जिसका बलरामपुर में इलाज हो रहा था. तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गई. मृतक के बेटे बनवारी लाल ने बताया कि उनकी मां का नाम सोनावती है.