लखनऊ : सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज हजारों लोग संक्रमित हो रहे हैं. रविवार सुबह राजधानी में 1800 नये संक्रमित मामले सामने आए हैं. बीते शनिवार को प्रदेश भर में 38 हजार से ज्यादा मरीज मिले थे, वहीं 223 लोगों की मौत भी हुई थी. महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण उत्तर प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान भी डगमगा गया है.
जानिए, अब तक के हाल
प्रदेश में प्रतिदिन हजारों लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि, तमाम लोग वायरस को हरा भी रहे हैं. शुक्रवार को यूपी में 23,231 मरीजों ने कोरोना को हराने में सफलता हासिल की. ऐसे ही लखनऊ में दूसरे दिन भी संक्रमित से अधिक वायरस को हराने वालों की संख्या रही. यहां 5,461 पॉजिटिव हुए, वहीं 5,799 ने वायरस को मात दी. वहीं अब तक एक दिन में सर्वाधिक 42 की मौत हो चुकी है. वर्तमान में 2,88,144 मरीज एक्टिव हैं. यह प्रदेश में सर्वाधिक सक्रिय मरीजों की संख्या रही है.
बीते दिनों के आंकड़ें
गुरुवार को यूपी में 34,379 मरीज मिले थे और 195 मरीजों की मौत हुई थी. शुक्रवार को 37,238 मरीज मिले थे, जबकि इसी दिन 199 मरीजों की संक्रमण ने जान ली. शनिवार को 38,055 लोग बीमारी की गिरफ्त में आए. 223 मरीजों की कोरोना संक्रमण ने जान ले ली. यह साल भर में सबसे ज्यादा आंकड़ा रहा. ऐसे में श्मशान घाट पर लाशों की लाइन लगी रहीं. दाह संस्कार के लिए भी परिजन घंटों वेटिंग में खड़े रहे. इसके अलावा हजारों मरीजों के चपेट में आने से इलाज की व्यवस्था ध्वस्त रही. शनिवार को ऑक्सीजन का एक टैंक ट्रेन से पहुंचा, जिसमें 16 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आई है. लखनऊ में हर रोज लगभग 65 मीट्रिक ऑक्सीजन की डिमांड है. दावा है कि इसमें 56 मीट्रिक टन की उपलब्धता पहले से है.
दोहरे मास्क ही पहनें
केजीएमयू में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि डबल म्यूटेंट से बचने के लिए दोहरे मास्क ही पहनने चाहिए. इसका फायदा यह होता है कि अंदर पहना जाने वाले तीन लेयर का सर्जिकल मास्क डिस्पोजल होता है. थोक में इसकी कीमत एक से डेढ़ रुपये ही पड़ती है. इसे इस्तेमाल करके डिस्पोज किया जा सकता है. इससे संक्रमण का रिस्क कम हो जाता है.