लखनऊ: सीएम सिटी कहे जाने वाले गोरखपुर में सड़क निर्माण को लेकर धनराशि जारी की गई है. प्रदेश सरकार ने त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत गोरखपुर में सड़क निर्माण से सबंधित कार्यों के लिए 355.93 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. इसके प्रथम किश्त के रूप में 177.97 लाख (01 करोड़ 70 लाख 97 हजार) रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करके धनराशि जारी कर दी गई है. इस संबंध में नियोजन विभाग की ओर से जरूरी आदेश जारी कर दिए गए हैं.
स्वीकृत धनराशि का उपयोग ठीक से हो
नियोजन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी प्रयोजन के लिए किया जाएगा, जिसके लिए स्वीकृत की गई है. किसी अन्य प्रयोजन के लिए इसका नहीं किया जाएगा एवं व्यय स्वीकृत धनराशि तक सीमित रखा जाएगा. कार्य प्रारंभ करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार अथवा किसी अन्य स्रोत से धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है और न ही यह कार्य किसी अन्य परियोजना, योजना के अंतर्गत अनुमोदित कार्य योजना में सम्मिलित है.
समय से निर्माण कार्य हो और प्रोजेक्ट में बदलाव बिना अनुमति नहीं करें
कार्यों का निर्माण लागत में प्रस्तावित विशेषताओं एवं कार्य प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा. कार्य निर्धारित समय-सीमा अवधि में ही पूरा कर लिया जाए तथा भविष्य में प्रयोजना का कोई पुनरीक्षण स्वीकार नहीं होगा. कार्यों के लागत में किसी भी प्रकार का कोई भी परिवर्तन जैसे नए कार्य बढ़ाना, कार्यों के आकार एवं मार्ग की लंबाई में वृद्धि एवं अन्य उच्च विशिष्टियां इस्तेमाल करना इत्यादि, सक्षम स्तर का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बिना नहीं किया जाएगा.
कार्यों की गुणवत्ता की देखरेख डीएम करेंगे
नियोजन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि कार्यों की भौतिक, वित्तीय प्रगति की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा नियमित रूप से की जाएगी. व्यय, प्रगति संबंधी अपेक्षित विवरण उपलब्ध कराने का दायित्व जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी का होगा और उनके द्वारा स्वीकृत कार्यों की भौतिक वित्तीय प्रगति का विवरण नियोजन विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा. जिलाधिकारी की ओर से समय एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कराया जाएगा. इसके लिए कार्यदाई संस्था से प्रभावी समन्वय स्थापित किया जाएगा. कार्य को निर्धारित विशिष्टियों तथा मानकों के अनुरूप गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा. कार्य की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कार्यदायी संस्था उसके लिए उत्तरदायी होगी.