लखनऊ: मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए बनाए गए ट्रिपल तलाक कानून को अमल में लाए हुए एक साल हो गया है. उत्तर प्रदेश में बीते एक साल के अंदर तीन तलाक के मामलों के तहत 1434 FIR और 265 गिरफ्तारियां हुई हैं. तीन तलाक कानून को लेकर यूपी के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि इस कानून के तहत पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश हो रही है.
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में 2 अगस्त 2019 से 15 अगस्त 2020 के बीच रोजाना 4 मामले दर्ज हुए हैं. बीते एक साल में यूपी के मेरठ में तीन तलाक कानून के तहत सबसे ज्यादा 376 मामले दर्ज किए गए, जबकि सबसे ज्यादा चार्जशीट आगरा पुलिस ने फाइल की हैं. आगरा पुलिस ने तीन तलाक कानून के तहत अब तक 310 मामले दर्ज किए, जिनमें 132 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है.
'सख्ती से लागू है कानून'
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशान्त कुमार ने कहा कि तीन तलाक की कई वर्षों पुरानी परंपरा चली आ रही थी. इस कानून के तहत बहुत हद तक महिलाएं सामने आकर इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं और मामले दर्ज करा रही हैं. एडीजी ने कहा कि हर तरह के अपराधों का संज्ञान हम सोशल मीडिया के माध्यम से लेते हैं. वहीं महिलाओं द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से की गई तीन तलाक से जुड़ी शिकायतों को भी सुना जाता है और उनपर कार्रवाई की जाती है.
'जागरूकता की कमी'
एडीजी प्रशान्त कुमार ने कहा कि समाज के निचले तबके में अभी भी जागरूकता की कमी है, जिसको दूर किया जा रहा है. यूपी पुलिस की कोशिश है कि ऐसा माहौल महिलाओं को दिया जा सके, जिससे वह अपनी बात खुलकर कह सकें. उन्होंने कहा कि हमारी पहली कोशिश यही है कि महिलाओं को न्याय मिले.