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कैंसर संस्थान में 13 डॉक्टर छोड़ चुके नौकरी, मरीज परेशान

कैंसर संस्थान में डॉक्टरों का पलायन जारी है. अब तक लगभग 13 डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. ऐसे में मरीजों के इलाज की राह कठिन हो रही है. संस्थान के निदेशक डॉ शालीन कुमार ने कहा कि रिक्त पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती की जाएगी.

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Published : Mar 16, 2021, 10:27 PM IST

कैंसर संस्थान
कैंसर संस्थान

लखनऊ : कैंसर संस्थान में डॉक्टरों का पलायन जारी है. अब तक कई डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. ऐसे में मरीजों के इलाज की राह कठिन हो रही है. उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है.

बता दें कि चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान 80 एकड़ में तैयार हो रहा है. अभी संस्थान में रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और ऑपरेशन की सुविधा है. तमाम सुविधाओं के बावजूद संस्थान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. यहां मरीजों को दवाएं तक मिलने में अड़चन आ रही है. संसाधनों के अभाव में डॉक्टर भी संस्थान को छोड़ रहे हैं. यहां डेढ़ साल में 13 डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. फिलहाल करीब 24 डॉक्टर ही बचे हुए हैं.

ये डॉक्टर छोड़ चुके हैं नौकरी

संस्थान की इकलौती मेडिकल ऑंकोलॉजिस्टि डॉ ईशा जफा नौकरी छोड़कर केजीएमयू ज्वॉइन कर लीं हैं. इसी तरह क्रिटिकल केयर विभाग के डॉ. सांई शरण पीवी ने भी संस्थान छोड़ दिया. वह भी केजीएमयू में चले गए हैं. इससे पहले एनस्थीसिया विभाग के डॉ. तापस सिंह, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. तनमय घटक संस्थान छोड़कर पीजीआई चले गए. ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के डॉ. सत्यप्रकाश एम्स पटना चले गए. पैथोलॉजी विभाग के डॉ. अश्वनी टंडन भोपाल एम्स चले गए. जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. एचएस पहवा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. बृजेश मिश्र पहले ही नौकरी छोड़कर केजीएमयू चले गए. ये दोनों डॉक्टर पहले से केजीएमयू में थे.

इसे भी पढ़ें- वसीम रिजवी ने मौलानाओं को दी चेतावनी, कहा- 'हाथ हमारे पास भी हैं'

'विज्ञापन जारी कर भर्ती की जाएगी'

इनके अलावा आंकोलॉजी एनस्थीसिया विभाग में तैनात डॉ. सौरभ और स्वाति भी संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. प्लास्टिक सर्जन डॉ. रिचा श्रीवास्तव, डॉ. बंदना शर्मा और डॉ. नितिन अरूण भी संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. लगातार डॉक्टरों के जाने से अस्पताल में मरीजों का इलाज प्रभावित है. संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार ने कहा कि रिक्त पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती की जाएगी.

लखनऊ : कैंसर संस्थान में डॉक्टरों का पलायन जारी है. अब तक कई डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. ऐसे में मरीजों के इलाज की राह कठिन हो रही है. उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है.

बता दें कि चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान 80 एकड़ में तैयार हो रहा है. अभी संस्थान में रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और ऑपरेशन की सुविधा है. तमाम सुविधाओं के बावजूद संस्थान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. यहां मरीजों को दवाएं तक मिलने में अड़चन आ रही है. संसाधनों के अभाव में डॉक्टर भी संस्थान को छोड़ रहे हैं. यहां डेढ़ साल में 13 डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं. फिलहाल करीब 24 डॉक्टर ही बचे हुए हैं.

ये डॉक्टर छोड़ चुके हैं नौकरी

संस्थान की इकलौती मेडिकल ऑंकोलॉजिस्टि डॉ ईशा जफा नौकरी छोड़कर केजीएमयू ज्वॉइन कर लीं हैं. इसी तरह क्रिटिकल केयर विभाग के डॉ. सांई शरण पीवी ने भी संस्थान छोड़ दिया. वह भी केजीएमयू में चले गए हैं. इससे पहले एनस्थीसिया विभाग के डॉ. तापस सिंह, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. तनमय घटक संस्थान छोड़कर पीजीआई चले गए. ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के डॉ. सत्यप्रकाश एम्स पटना चले गए. पैथोलॉजी विभाग के डॉ. अश्वनी टंडन भोपाल एम्स चले गए. जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. एचएस पहवा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. बृजेश मिश्र पहले ही नौकरी छोड़कर केजीएमयू चले गए. ये दोनों डॉक्टर पहले से केजीएमयू में थे.

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'विज्ञापन जारी कर भर्ती की जाएगी'

इनके अलावा आंकोलॉजी एनस्थीसिया विभाग में तैनात डॉ. सौरभ और स्वाति भी संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. प्लास्टिक सर्जन डॉ. रिचा श्रीवास्तव, डॉ. बंदना शर्मा और डॉ. नितिन अरूण भी संस्थान छोड़कर जा चुके हैं. लगातार डॉक्टरों के जाने से अस्पताल में मरीजों का इलाज प्रभावित है. संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार ने कहा कि रिक्त पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती की जाएगी.

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