लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षा 21 फरवरी से शुरू हो रही है. परीक्षा पहली बार सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में आयोजित होगी. साथ ही सभी लैब में लगे सीसीटीवी कैमरे से पूरी परीक्षा पर नजर रखी जाएगी. परीक्षा के दौरान इसकी पूरी रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य होगा. प्रयोगात्मक परीक्षा में स्कूल प्रबंधकों और शिक्षकों मनमानी नहीं चलेगी. परीक्षा के दौरान हर बच्चे को लैब में उपस्थित होना अनिवार्य होगा. साथ ही बच्चों को नंबर देने के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या मनमानी विभाग की ओर से बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिला विद्यालय निरीक्षक ने परीक्षाओं में सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती को लेकर जिला अधिकारी को स्कूलों की सूची सौंप दी है.
यूपी बोर्ड ने बोर्ड परीक्षा व प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर कई बदलाव किए हैं. माध्यमिक शिक्षा परिषद ने लखनऊ सहित सभी जिलों के डीआईओएस को प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के लिए पूरी तैयारी करने को कहा है. लखनऊ में 21 से लेकर 28 जनवरी के बीच में पहले चरण में अन्य जिलों के साथ प्रयोगात्मक परीक्षा आयोजित की जाएगी. बोर्ड ने पहली बार प्रयोगात्मक परीक्षाओं पर नजर रखने के लिए मुख्य परीक्षाओं के तर्ज पर सेक्टर मजिस्ट्रेट लगाने के निर्देश जारी किए हैं.
जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार पांडे का कहना है कि "प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर प्रधानाचार्य को निर्देश दिए हैं कि परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में आयोजित हों. स्कूल प्रधानाचार्य को परीक्षाओं की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखनी होगी और जरूरत पड़ने पर स्कूलों को उसे मुहैया कराना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती के लिए जिलाधिकारियों को स्कूलों की सूची सौंप दी गई है."
अभी तक यूपी बोर्ड ने 12वीं की प्रयोगात्मक परीक्षाओं के पर्यवेक्षकों के नाम नहीं जारी किए हैं. 21 जनवरी से परीक्षाएं शुरू होनी है, ऐसे में पर्यवेक्षकों के नाम न आने से विद्यालयों में परीक्षा की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं. प्रधानाचार्य का कहना है कि "पर्यवेक्षकों के नाम न आने की वजह से तय समय पर प्रयोगात्मक परीक्षा कराना बेहद कठिन होगा. बोर्ड की ओर से नाम आने के बाद पर्यवेक्षक से संपर्क कर परीक्षा की तारीख तय की जाती है. साथ ही परीक्षा की तैयारी करने व बच्चों को परीक्षा कब होनी है इसकी सूचना पहले से दी जाती है. जिससे परीक्षा के दिन सभी बच्चे स्कूल में उपस्थित हों. राजधानी में माध्यमिक शिक्षा परिषद के करीब 558 स्कूल हैं, जहां पर इंटरमीडिएट के 46 हजार बच्चों की प्रयोगात्मक परीक्षा होनी हैं.
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