लखनऊ: शासन ने देर रात आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर मुरादाबाद के पूर्व और गाजियाबाद के वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है. इसी प्रकरण में 2 एडीओ, 5 ग्राम पंचायत अधिकारी और 4 ग्राम विकास अधिकारी भी निलंबित किए गए हैं.
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने शुक्रवार की शाम को इन सभी को निलंबित करने के आदेश दिए थे. साथ ही राजेश कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के लिए विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार शाही को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
आरोप है कि पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम पंचायतों में नियुक्त प्रशासकों की ओर से मुरादाबाद जिले के कुंदरकी ब्लाक के 11 और मूंढापांडे ब्लाक के 9 गांवों में यहां अनियमितता की गई थी. प्रशासकों ने पंचायत के खातों से राशि निकाल ली, लेकिन कार्य नहीं कराए गए. मामले की शिकायत पर शासन ने जांच समिति बनाई थी.
जांच में पता चला कि प्रशासकों ने 4 करोड़ 4 लाख 58 हजार 255 रुपए सरकारी खजाने से निकाले थे. जहां आरोपियों ने 14,14,569 रुपये का ज्यादा भुगतान किया. साथ ही लोगों ने 83,13,000 रुपए खर्च का कोई रिकॉर्ड भी नहीं पेश किया. इसके बाद जांच समिति ने मुरादाबाद के तत्कालीन जिला पंचायत अधिकारी रहे राजेश कुमार सिंह को ग्राम पंचायतों में गड़बड़ियों का दोषी पाया समिति की रिपोर्ट पर शासन ने राजेश को वित्तीय अनियमितता का दोषी मानते हुए प्रथम दृष्टया निलंबित कर दिया है.
इस मामले में कुंदरकी ब्लाक के वीडियो डीजे नरसिंह मूंढापांडे के एडीओ चंद्रपाल को भी निलंबित किया गया है. इसके अलावा संबंधित पंचायतों के ग्राम पंचायत अधिकारी अंकित सिंह, इंतजार हुसैन, मोहन सिंह रावत, फहीम और नरेश सिंह को भी निलंबित किया गया है. इसी तरह से संबंधित ग्राम विकास अधिकारी सुरेंद्र सिंह, राम प्रकाश सिंह, नाजिम इकबाल और दयाराम सिंह को भी निलंबित किया गया है.
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