लखनऊ: राज्य में कोरोना एक बार फिर से अपना पांव तेजी से पसार रहा है. यूपी में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 4 हजार के ऊपर पहुंच गया है. फ्रंट लाइन में काम कर रहे पुलिस कर्मी भी इससे अछूते नहीं रहे. चुनाव की घोषणा के बाद जहां एक तरफ पुलिस के सामने चुनाव को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने की चुनौती है, तो दूसरी तरफ पुलिस महकमे में कोरोना के बढ़ते मामलों ने आला-अफसरों को चिंता में डाल दिया है.
अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन कार्यालय में तैनात कई पुलिस कर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. एडीजी लखनऊ जोन के ड्राइवर भी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. लखनऊ जोन में तैनात फॉलोवर से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की कोरोना जांच के बाद उनमें कोरोना की पुष्टि होने से हड़कंप मच गया है. 12 पुलिस कर्मियों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद एडीजी कार्यालय में ऐतिहात बढ़ा दी गयी है.
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पुलिस कर्मियों में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद आला अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है. चुनाव के ऐलान के बाद सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की मांग बढ़ने और पुलिस कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने से अब आला विभाग ने अपने मातहतों को कोरोना प्रोटोकॉल का ढंग से पालन करने का सख्त निर्देश दे दिया है.
पुलिस कर्मियों में कोरोना पीड़ित होने का सिलसिला एडीजी सुरक्षा बीके सिंह से हुई थी. बीके सिंह 28 दिसंबर को कानपुर में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के सुरक्षा प्रबंध की देख-रेख के लिए कानपुर गए थे. वहां से लौटने के बाद वह बीमार पड़ गए.
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उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया. जिसमें कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश भी कोरोना संक्रमित हुए थे. कोरोना संक्रमित होने के कारण उन्होंने लखनऊ में 29 दिसंबर को हुई चुनाव आयोग की बैठक में अपर पुलिस आयुक्त अनिल कुमार सिंह को भेजा था, लेकिन बैठक से वापस लौटने के बाद अनिल कुमार सिंह भी संक्रमित हो गए.
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