अयोध्या: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पूरा देश एकजुट होकर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप को देखते हुए रेलवे ने कमर कस ली है. भारतीय रेलवे एक तरफ जहां सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है, तो वहीं कोरोना मरीजों के इलाज में मदद के लिए भी आगे आया है. इस क्रम में अब रेलवे स्टेशन पर ही आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था करने जा रहा है. इसके लिए रेलवे विशेष तौर पर काम में लगा है. रेलवे आइसोलेशन कोच को विशेष तौर पर तैयार करा रहा है. रेलवे की इस मुहिम के बाद अब स्टेशन पर कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को जंक्शन पर ही आइसोलेट किया जाएगा.
भारतीय रेलवे रेल कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में विकसित करेगा. फैजाबाद जंक्शन पर 12 आइसोलेशन कोच तैयार किये जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए संदिग्ध पाए जाने वाले यात्रियों को निश्चित समय के लिए इन कोच में आइसोलेट करने की व्यवस्था होगी.
फैजाबाद जंक्शन पर ही आइसोलेट किए जाएंगे कोरोना संक्रमित
फैजाबाद जंक्शन पर आइसोलेशन वार्ड की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को एडीआरएम इंफ्रा एके पांडेय पहुंचे. उन्होंने बताया कि जंक्शन पर कुल 12 कोविड-19 आइसोलेशन कोच लगाने की व्यवस्था है. इनमें से दो कोचों में एसी की व्यवस्था भी होगी. इन कोच के निर्माण की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. जल्दी ही कोरोना संदिग्धों को इन कोचों में आइसोलेट करने की व्यवस्था की जाएगी.
बिजनौर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
जनपद बिजनौर में लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने यहां भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. मरीजों के इलाज के लिए रेलवे विभाग मुरादाबाद ने 12 डिब्बों की आइसोलेशन वार्ड में तब्दील ट्रेन को नजीबाबाद भेजा है. जनपद में मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ने पर इस ट्रेन में कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा. सरकारी अस्पतालों में खाली जगह न बचने पर इस ट्रेन का उपयोग कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए किया जाएगा. इसमें से 1 एसीए, 1 एसएलआर और 10 जीएस कोच शामिल हैं.
स्टेशन अधीक्षक जयपाल सिंह ने आइसोलेशन कोच रिसीव करते हुए इस बारे में बताया कि आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 मरीजों के उपचार की व्यवस्था इन कोचों में कराई जा सकेगी.
बता दें कि इससे पहले भी भारतीय रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासियों को विशेष ट्रेनों के द्वारा उनके गृह जनपद पहुंचाया है. इसके लिए भारतीय रेलवे ने 4,553 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया. इन ट्रेनों के जरिए अब तक लगभग 75 लाख प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंचे हैं.