लखनऊ: केजीएमयू का 119 वां स्थापना दिवस समारोह आज मनाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्र सम्मेलन भी होगा. समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेधावियों को पदक और मेडल से नवाजा जाएगा. दीक्षांत के बाद स्थापना दिवस समारोह में भी छात्राओं का डंका बजा. छात्र फिर से पिछड़ गए. यह जानकारी गुरुवार को केजीएमयू कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने पत्रकार वार्ता में दी.
कुलपति ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में समारोह होगा. इसमें केजीएमयू के पूर्व छात्र और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा मुख्य अतिथि होंगे. वह स्थापना दिवस व अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्र सम्मेलन दोनों ही आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे. विशिष्ठ अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केजीएमयू स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) की पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनीता दास, विशेष अतिथि राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा शामिल हैं.
63 में 50 छात्राओं का मेडल पर कब्जा: स्थापना दिवस समारोह में भी छात्राओं का जलवा कायम रहेगा. 63 छात्र-छात्राओं को 107 मेडल, कैश व बुक प्राइज मिलेगा. 63 में 50 मेडल पर छात्राओं ने कब्जा जमाया है. 13 छात्रों को मेडल से नवाजा जाएगा. डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि एमबीबीएस मेधावियों को 26 गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे. बीडीएस के 18 मेधावियों को गोल्ड मेडल मिलेगा. नर्सिंग में दो छात्राओं को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. एमबीबीएस के 20, बीडीएस 23 और दो नर्सिंग छात्र-छात्राओं को रजत मेडल से नवाजा जाएगा. इसके अलावा दो नर्सिंग छात्रों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. जिनमें से एक को प्रथम रनर-अप होने के लिए प्रतिष्ठित स्वर्गीय डॉ. जान्हवी दत्त पांडे पुरस्कार मिलेगा. आखिर में खेल में योगदान के लिए दो पुरस्कार दिए जाएंगे.
प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक केजीएमयू से अब तक हजारों एमबीबीएस छात्र डिग्री ले चुके हैं. यह छात्र देश दुनिया में केजीएमयू का नाम रोशन कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय पूर्व छात्र सम्मेलन में दुनिया भर से जार्जियन एकत्र हो रहे हैं. जो उन्हें केजीएमयू के दिनों को याद करने और साथी पूर्व छात्रों के साथ जुड़ने का मौका प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि पहली बार एक कान्फ्रेंस होगी. जिसमें चिकित्सकीय रूप से उन्नत देशों में काम कर रहे डॉक्टर वैज्ञानिक अपने शोध और अन्य विषयों पर व्याख्यान देंगे.
इन्हें मिलेगा मेडल:
एमबीबीएस: संघमित्रा गौतम, नालमवाद दुर्गेश्वरी बालाजी, अनुभव मुखर्जी, जरीन अख्तर, प्रतीक्षा एस भरद्वाज, नमृता यादव, प्रिया गंगवार, अंशिका खन्ना, पूर्वी गौतम, श्रुति शर्मा, देवांशी कटियार, अंशिका कटियार, महिमा उपाध्याय, जया तिवारी, आकांक्षा, मयंक, मारुत गौतम, श्रेया माहेश्वरी, प्राची राना, नेहा आचार्य, श्वेता श्रीवास्तव, मेनका वर्मा, वाहिद, प्रणव शंखधर, मबात, दीप्ती शर्मा, रिया, अभिनव, प्रगति झां, शिवांशु प्रताप सिंह.
बीडीएस: ध्रुतिका जादव, सौम्या मिश्र, पल्लवी, अनामिका वर्मा, स्नेहलता कौशिक, निशा मौर्या, अपूर्वा वत्स, अकांक्षा दीक्षित, निष्ठा सिंह, मोनिका चौधरी, सौभाग्य अग्निहोत्री, शराह, शिवांगी सिंह, कोमल मित्तल, अदीबा अफरोज, ऋतु शर्मा, शेफाली शर्मा, बाबी पटेल, शिवानी यादव, शाइमा खातून, मानसी सिंह, अभिलाषा घोष, आयुषी जैन, अंजलि राज, अवंतिका सिंह.
नर्सिंग: साजिया जमाल, जरीन बेगम, अजेश के मनी, राहुल कुमार, डॉ. ख्याति भाटी.
स्पोर्टस: सुमित कुमार सिंह और रिद्धी सिंघल.
देहदान को लेकर हो लोग जागरूक: देहदान को बढ़ावा मिलना चाहिए. मृत्यु के 24 घंटे के भीतर यह प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए. देहदान के बाद शव का ब्रेन सुरक्षित रखना चाहिए. इससे दिमाग संबंधी बीमारियों के रहस्यों को पता लगाया जा सकता है. अब ब्रेन बैंक पर भी तेजी से विचार करने की जरूरत है. यह बातें बंगलूरू स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस की डॉ. अनीता महादेवन ने कही. वह गुरुवार को केजीएमयू के रिसर्च शोकेस को संबोधित कर रही थीं. ब्राउन हॉल में कार्यक्रम हुआ. डॉ. अनीता महादेवन ने कहा कि वर्ष 1995 में पहली बार बंगलूरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेंस में ब्रेन बैंक की स्थापना हुई थी. करीब 300 ब्रेन म्यूजियम में हैं.
इसे बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि दिमाग से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं. ऐसे में बीमारियों की वजह पता लगाने के लिए ब्रेन पर शोध की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मृत्यु के 24 घंटे के भीतर ब्रेन को सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके बाद कोशिकाएं अपने आप नष्ट होने लगती है. उन्होंने कहा कि शोध इंसानों पर ही होना चाहिए. चूहों पर शोध करने से परिणाम बेहतर नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि पार्किंसंस तेजी से बढ़ रहा है. इसका इलाज तभी संभव है. जब मानव ब्रेन पर शोध किया जाए. यही हाल भूलने की बीमारी डिमेंशिया का है. रिसर्च सेल के प्रभारी डॉ. हरदीप सिंह मेहरोत्रा ने कहा कि शोध की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
डॉक्टर सम्मानित: इस मौके पर कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने 65 से अधिक डॉक्टर व छात्रों को सम्मानित किया. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. आनंद पांडेय को प्रतिष्ठित डॉ. धावेन्द्र कुमार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. यह मेडल शोध के क्षेत्र में विशेष कार्य करने रखे वाले चिकित्सक को प्रति वर्ष केजीएमयू देता है. डॉ. आनंद ने केजीएमयू से एमबीबीएस व एमएस सर्जरी की. बीएचयू से पीडियाट्रिक सर्जरी में विशेषज्ञता प्राप्त की है. डॉ. प्रफुल्ल चंद्र तिवारी को सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरेट थीसिस के लिए पुरस्कार मिला है.
सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च के डॉ. शैलेंद्र सक्सेना, पैथालॉजी विभाग की डॉ. गीता यादव, न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. हरदीप सिंह मेहरोत्रा, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग डॉ. अभिजीत चंद्रा, प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के डॉ. पूरन चंद, नर्सिंग कालेज की सुधा मिश्रा, मानसिक स्वास्थ्य विभाग की डॉ. बबली कुमारी, सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च के मानेंद्र सिंह तोमर, 2019 एमबीबीएस बैच सुभजीत रॉय और विनय सुरेश को पुरस्कार मिला है.
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