लखनऊ : नवाबों के शहर लखनऊ (City of Nawabs Lucknow) में अंग्रेजी हुकूमत (British rule) में बना ऐतिहासिक पक्का पुल अब बदहाली के आंसू बहा रहा है. 108 वर्षों पहले नवाब आसिफुद्दौला (Nawab Asifuddaulah) द्वारा बनाए गए शाही पुल को कमजोर बताकर अंग्रेजों ने उसे गिरकर लाल पुल (पक्का पुल) का निर्माण कराया था, लेकिन पिछले कई वर्षों में सिर्फ रंग रोगन तक सीमित हुए काम के चलते अब पुल बदहाली की स्थिति में पहुंच गया है. हाल ही में गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे के बाद कई पुलों की जांच की गई थी. जिसमें पक्का पुल में कई कमियां पाई गई हैं. लोक निर्माण विभाग ने आननफानन में कमेटी गठित कर कमियों की जांच करानी शुरू कर दी है.
ईटीवी भारत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक पक्का पुल का जायजा लिया तो कई जगह से पुल में दरारें, कई जगह से ईंटें गायब, पुल की दरकती दीवारें बदहाली और प्रशासनिक अनदेखी की कहानी कह रही थीं. पुल के साथ लगे पाइपों में कई जगह से पानी रिस रहा है, जो पुल को लगातार कमजोर बना रहा है. स्थानीय लोगों के अनुसार 20 वर्षों से पुल पर कोई काम नहीं होने की बात कही गई. पुल के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछली सरकार में सिर्फ लाइटें लगाकर इसको रौशन किया गया था. इसके बाद कभी मरम्मत होती नहीं देखी.
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड लखनऊ के अधिशासी अभियंता मनीष वर्मा (Manish Verma, Executive Engineer, Public Works Department, Provincial Section, Lucknow) ने बताया कि मोरबी हादसे के बाद लखनऊ के पुलों की जांच हुई थी. जिसमें पक्के पुल में कुछ कमियां पाई गई हैं. ऐसा नहीं है कि पुल अभी चलने योग्य नहीं है. एक कमेटी बना दी गई है जो सभी कमियों की जांच कर रही है. बहुत जल्द ही मरम्मत शुरू की जाएगी.
1914 में बना था पक्का पुल : राजधानी लखनऊ के पक्का पुल को किसी जमाने में लाल पुल के नाम से भी जाना जाता था. 10 जनवरी 1914 में इस पुल का निर्माण अंग्रेजों द्वारा कराया गया था. नवाब आसफ़ुद्दौला के बनाए गए पुराने शाही पुल को 1911 में कमजोर बताकर तोड़ दिया गया था. इसके बाद इस पक्के पुल का निर्माण हुआ था. जानकारी के मुताबिक रोजाना एक लाख वाहन इस पुल से गुजरते हैं. शहर को सीतापुर से जोड़ता हुआ यह ऐतिहासिक पुल (historic bridge) अपने आप में कई कहानियां समेटे हुए है। बॉलीवुड की कई पिक्चरों और वेब सीरीज की भी शूटिंग इस पुल पर हुई है.
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