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Exam Solver Gang : यूपी की सभी परीक्षाओं में हो चुकी है सॉल्वर गैंग की घुसपैठ, एक साल में 102 गिरफ्तार - सॉल्वर गैंग की घुसपैठ

उत्तर प्रदेश में होने वाली सभी सरकरी भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की एंट्री हो चुकी है. एक साल में यूपी एसटीएफ सॉल्वर गैंग के 102 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आइए जानते हैं ये सॉल्वर कहां से आते हैं और परीक्षा में एंट्री कैसे पाते हैं?

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सॉल्वर गैंग
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Published : Jan 31, 2023, 11:39 AM IST

लखनऊ: यूपी में लेखपाल, पुलिस भर्ती, रेलवे भर्ती या फिर टीईटी परीक्षा हो सॉल्वर गैंग की हर परीक्षा में घुसपैठ हो चुकी है. बीते एक साल में यूपी एसटीएफ सॉल्वर गैंग के 102 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें अधिकतर सॉल्वर बिहार के रहने वाले हैं. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि आखिर किस कमी के चलते सॉल्वर गैंग यूपी में हर परीक्षा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है.

जनवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित हुई एसएससी की परीक्षा में सॉल्वर बैठा कर परीक्षा दिलवाई जा रही थी. एसटीएफ ने सॉल्वर को पकड़ा तो सामने आया कि यूपी पुलिस में तैनात सिपाही अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए बिहार से सॉल्वर लाता है. ये सॉल्वर सिर्फ एसएससी में ही नहीं साल 2022 में हुई लगभग सभी परीक्षाओं में घुसपैठ कर एक्जाम तक दे आए. हालांकि कभी दस्तावेज सत्यापन के दौरान, तो कभी नियुक्ति के दौरान मूल्यांकन के दौरान अभ्यर्थियों की पोल खुल गई और सॉल्वर समेत अभ्यर्थी भी पुलिस की पकड़ में आ गए.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम ने बताया कि 'एजेंसी को यूपी में होने वाले सभी परीक्षाओं की नोडल जांच एजेंसी बनाया गया है. हम बीते पांच सालों से हर परीक्षा में नजर रखते हैं. अब तक हुई गिरफ्तारियों से सामने आया है कि सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले कई युवक इस जालसाजी में शामिल है. इनमें कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. यही नहीं प्रतियोगी परीक्षा जिन इंस्टीट्यूट में होती है, उन्हें भी गैंग के लोग मिला लेते हैं, जिससे आसानी से सॉल्वर को परीक्षा केंद्र में एंट्री मिल जाती है और आसानी से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर बैठ कर परीक्षा देकर आसानी से निकल जाते हैं'.

एक साल में 102 सॉल्वर गैंग सदस्य गिरफ्तार हुए
विशाल विक्रम ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में जो भी परीक्षाएं होती हैं, उनके बारे में एसटीएफ को आदेश मिलते हैं कि परीक्षा में कोई भी फर्जीवाड़ा न हो. इसकी सूचना हमें परीक्षा का आयोजन करने वाली तमाम एजेंसीज से मिलती है. हम लोग पहले से ही अलर्ट रहते हैं. हमारी फील्ड यूनिट्स से भी हमें लगातार जानकारी मिलती है. सूचना मिलने पर हम लोग ऑपरेशन और अरेस्टिंग करते हैं'.

एसटीएफ एसएसपी के मुताबिक बीते एक साल की बात करें तो कुल 27 भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यही नहीं इनमें 45 सॉल्वर शामिल हैं. एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, यूपी टीईटी, उप निरक्षक यूपी पुलिस, लेखपाल, रेलवे भर्ती ग्रुप डी, सीआरपीएफ, मल्टी टास्किंग सर्विस परीक्षा व सी टीईटी परीक्षा में इन सॉल्वर को बैठाया गया था.

अधिकतर बिहार से लाए जाते हैं सॉल्वर
यूपी में भर्ती परीक्षाओं में जिन सॉल्वर को बैठाया जाता है, उन्हे गैंग सदस्य बिहार से खोज कर लाते हैं. इनमें अधिकतर वो होते हैं, जो किन्ही कारणवस भर्ती हो नही पाते है और पैसों के लालच में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने के लिए तैयार हो जाते है। अब तक हुई गिरफ्तारियों में 36 सॉल्वर बिहार के हो रहने वाले हैं.

कौन बनते हैं सॉल्वर?
सॉल्वर गैंग की गिरफ्तारी करने वाले एसटीएफ के अधिकारियों से बातचीत हुई, तो उन्होंने बताया कि परीक्षा में सॉल्वर को मूल अभ्यार्थी की जगह परीक्षा दिलवाना भी नकल करवाने का एक पुराना तरीका है. अगर कोई गिरोह परीक्षा में सॉल्वर बैठाना चाहता है, तो वो लड़कों का इंटरव्यू के माध्यम से सलेक्शन करता है. गैंग सॉल्वर के लिए उन्हें चुनते हैं, जो पहले से ही किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं.

यानि कि अगर कोई एसएससी की तैयारी कर रहा है, तो वो TET या UP निरीक्षक की भर्ती की परीक्षाओं में सॉल्वर के रूप में बैठ सकता है, क्योंकि इन परीक्षाओं का स्तर एसएससी की परीक्षा से कम होता है. अधिकारी बताते हैं कि सॉल्वर के रूप में बैठने वाले छात्रों से जब गिरफ्तारी के बाद पूछताछ होती है, तो सामने आता है कि वो लड़के टैलेंटेड होते हैं. पैसों की सख्त जरूरत होने या लालच में चक्कर में सॉल्वर बन जाते हैं, लेकिन उस समय उन्हें इस अपराध का शायद अंदाजा नहीं होता है.

छोटे शहरों के परीक्षा केंद्रों को चुनते हैं गैंग
रिटायर्ड डिप्टी एसपी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि सॉल्वर को मूल अभ्यर्थियों की जगह बैठाने के लिए नीचे से ऊपर तक सब मिले होते हैं. उन्होंने बताया कि बड़े शहरों के पुराने और प्रतिष्ठित परीक्षा केंद्रों में नकल इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि वहां पर सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम होते हैं. ऐसे में ये गैंग छोटे शहरों के निजी संस्थानों को चुनते है, जहां निगरानी और सतर्कता कम होती है. ज्ञान प्रकाश ने बताया कि बीते कुछ सालों में हुई गिरफ्तारियों के आधार पर देखा गया है कि फ्लाइंग स्क्वाड जिन्हें नकल को रोकने और नकलचियों को पकड़ने के लिए तैनात किया जाता है, वो भी कभी-कभी इन गिरोह से मिले हुए होते हैं.

अभ्यर्थियों को कैसे ढूंढते है सॉल्वर गैंग
यूपी एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहे शुभम पांडे ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर के आस पास नकल माफिया नजर बनाए रहते हैं. अगर उन्हें पता चलता है कि कोई छात्रा सरकारी नौकरी पाने के लिए पैसा खर्च कर सकता है तो वो संपर्क कर लेते हैं. यही नहीं कुछ गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्र के पास परीक्षा के एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं और वहां आने वाले अभ्यर्थियों से घुलकर सॉल्वर के सहारे परीक्षा पास करने की बात कहते हैं और अभ्यर्थी मान जाता है तो डील पक्की हो जाती है.

लखनऊ: यूपी में लेखपाल, पुलिस भर्ती, रेलवे भर्ती या फिर टीईटी परीक्षा हो सॉल्वर गैंग की हर परीक्षा में घुसपैठ हो चुकी है. बीते एक साल में यूपी एसटीएफ सॉल्वर गैंग के 102 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें अधिकतर सॉल्वर बिहार के रहने वाले हैं. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि आखिर किस कमी के चलते सॉल्वर गैंग यूपी में हर परीक्षा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है.

जनवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित हुई एसएससी की परीक्षा में सॉल्वर बैठा कर परीक्षा दिलवाई जा रही थी. एसटीएफ ने सॉल्वर को पकड़ा तो सामने आया कि यूपी पुलिस में तैनात सिपाही अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए बिहार से सॉल्वर लाता है. ये सॉल्वर सिर्फ एसएससी में ही नहीं साल 2022 में हुई लगभग सभी परीक्षाओं में घुसपैठ कर एक्जाम तक दे आए. हालांकि कभी दस्तावेज सत्यापन के दौरान, तो कभी नियुक्ति के दौरान मूल्यांकन के दौरान अभ्यर्थियों की पोल खुल गई और सॉल्वर समेत अभ्यर्थी भी पुलिस की पकड़ में आ गए.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम ने बताया कि 'एजेंसी को यूपी में होने वाले सभी परीक्षाओं की नोडल जांच एजेंसी बनाया गया है. हम बीते पांच सालों से हर परीक्षा में नजर रखते हैं. अब तक हुई गिरफ्तारियों से सामने आया है कि सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले कई युवक इस जालसाजी में शामिल है. इनमें कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. यही नहीं प्रतियोगी परीक्षा जिन इंस्टीट्यूट में होती है, उन्हें भी गैंग के लोग मिला लेते हैं, जिससे आसानी से सॉल्वर को परीक्षा केंद्र में एंट्री मिल जाती है और आसानी से मूल अभ्यर्थी के स्थान पर बैठ कर परीक्षा देकर आसानी से निकल जाते हैं'.

एक साल में 102 सॉल्वर गैंग सदस्य गिरफ्तार हुए
विशाल विक्रम ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश में जो भी परीक्षाएं होती हैं, उनके बारे में एसटीएफ को आदेश मिलते हैं कि परीक्षा में कोई भी फर्जीवाड़ा न हो. इसकी सूचना हमें परीक्षा का आयोजन करने वाली तमाम एजेंसीज से मिलती है. हम लोग पहले से ही अलर्ट रहते हैं. हमारी फील्ड यूनिट्स से भी हमें लगातार जानकारी मिलती है. सूचना मिलने पर हम लोग ऑपरेशन और अरेस्टिंग करते हैं'.

एसटीएफ एसएसपी के मुताबिक बीते एक साल की बात करें तो कुल 27 भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यही नहीं इनमें 45 सॉल्वर शामिल हैं. एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, यूपी टीईटी, उप निरक्षक यूपी पुलिस, लेखपाल, रेलवे भर्ती ग्रुप डी, सीआरपीएफ, मल्टी टास्किंग सर्विस परीक्षा व सी टीईटी परीक्षा में इन सॉल्वर को बैठाया गया था.

अधिकतर बिहार से लाए जाते हैं सॉल्वर
यूपी में भर्ती परीक्षाओं में जिन सॉल्वर को बैठाया जाता है, उन्हे गैंग सदस्य बिहार से खोज कर लाते हैं. इनमें अधिकतर वो होते हैं, जो किन्ही कारणवस भर्ती हो नही पाते है और पैसों के लालच में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने के लिए तैयार हो जाते है। अब तक हुई गिरफ्तारियों में 36 सॉल्वर बिहार के हो रहने वाले हैं.

कौन बनते हैं सॉल्वर?
सॉल्वर गैंग की गिरफ्तारी करने वाले एसटीएफ के अधिकारियों से बातचीत हुई, तो उन्होंने बताया कि परीक्षा में सॉल्वर को मूल अभ्यार्थी की जगह परीक्षा दिलवाना भी नकल करवाने का एक पुराना तरीका है. अगर कोई गिरोह परीक्षा में सॉल्वर बैठाना चाहता है, तो वो लड़कों का इंटरव्यू के माध्यम से सलेक्शन करता है. गैंग सॉल्वर के लिए उन्हें चुनते हैं, जो पहले से ही किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं.

यानि कि अगर कोई एसएससी की तैयारी कर रहा है, तो वो TET या UP निरीक्षक की भर्ती की परीक्षाओं में सॉल्वर के रूप में बैठ सकता है, क्योंकि इन परीक्षाओं का स्तर एसएससी की परीक्षा से कम होता है. अधिकारी बताते हैं कि सॉल्वर के रूप में बैठने वाले छात्रों से जब गिरफ्तारी के बाद पूछताछ होती है, तो सामने आता है कि वो लड़के टैलेंटेड होते हैं. पैसों की सख्त जरूरत होने या लालच में चक्कर में सॉल्वर बन जाते हैं, लेकिन उस समय उन्हें इस अपराध का शायद अंदाजा नहीं होता है.

छोटे शहरों के परीक्षा केंद्रों को चुनते हैं गैंग
रिटायर्ड डिप्टी एसपी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि सॉल्वर को मूल अभ्यर्थियों की जगह बैठाने के लिए नीचे से ऊपर तक सब मिले होते हैं. उन्होंने बताया कि बड़े शहरों के पुराने और प्रतिष्ठित परीक्षा केंद्रों में नकल इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि वहां पर सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम होते हैं. ऐसे में ये गैंग छोटे शहरों के निजी संस्थानों को चुनते है, जहां निगरानी और सतर्कता कम होती है. ज्ञान प्रकाश ने बताया कि बीते कुछ सालों में हुई गिरफ्तारियों के आधार पर देखा गया है कि फ्लाइंग स्क्वाड जिन्हें नकल को रोकने और नकलचियों को पकड़ने के लिए तैनात किया जाता है, वो भी कभी-कभी इन गिरोह से मिले हुए होते हैं.

अभ्यर्थियों को कैसे ढूंढते है सॉल्वर गैंग
यूपी एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहे शुभम पांडे ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी यूपी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर के आस पास नकल माफिया नजर बनाए रहते हैं. अगर उन्हें पता चलता है कि कोई छात्रा सरकारी नौकरी पाने के लिए पैसा खर्च कर सकता है तो वो संपर्क कर लेते हैं. यही नहीं कुछ गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्र के पास परीक्षा के एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं और वहां आने वाले अभ्यर्थियों से घुलकर सॉल्वर के सहारे परीक्षा पास करने की बात कहते हैं और अभ्यर्थी मान जाता है तो डील पक्की हो जाती है.

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