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ललितपुरः शहरी इलाकों में मची पानी की किल्लत, शो पीस बने हैंडपंप

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Published : Jul 27, 2019, 11:50 AM IST

यूपी के ललितपुर जिले के कई मोहल्लों में पेयजल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. अगर इसका समाधान जल्द नहीं हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब यहां के लोगों को आमरण अनशन पर बैठना पड़े.

पानी के लिए लाइन में लगे लोग.

ललितपुरः जिले में पेयजल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. यहां पेयजल की किल्लत लगातार कई सालों से बढ़ रही है. वही मोहल्लों में लगे हैंडपंप भी शो पीस साबित हो रहे है. मोहल्ले के लोगों को लंबी कतार में लगकर पानी लेना पड़ रहा है. जिले में सबसे अधिक 13 बांध हैं. फिर भी यहां के लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. जिला प्रशासन के साथ ही स्थानीय जल विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

शहरी इलाकों में पानी की किल्लत.


बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं लोग

  • शहरी क्षेत्र नेहरू नगर, चांदमारी, नई बस्ती और सिविल लाइन, आजादपुरा में पानी की किल्लत है.
  • इन मोहल्लों के नलकूप 6 महीने से बंद पड़े हैं.
  • स्थानीय लोग इसके लिए धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
  • अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी कोई समाधान नहीं निकला है.
  • स्थानीय लोगों कहना है कि होली पर नल में पानी आया था उसके बाद से पानी नहीं आया.

आजादपुरा के पार्षद का कहना है
मेरे वार्ड में पेयजल की समस्या करीब 1 साल से चली आ रही है. इस संबंध में कई उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुके हैं और तीन माह पूर्व अनशन पर भी बैठे थे. चूंकि जल संस्थान मेरे अंडर में नहीं आता है. उसके बाद भी स्थानीय लोग मुझे दोषी समझते हैं. इसलिए इस संबंध में करीब एक साल से पैरवी कर रहा हूं.

- हरिओम कुशवाहा, पार्षद

ललितपुरः जिले में पेयजल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. यहां पेयजल की किल्लत लगातार कई सालों से बढ़ रही है. वही मोहल्लों में लगे हैंडपंप भी शो पीस साबित हो रहे है. मोहल्ले के लोगों को लंबी कतार में लगकर पानी लेना पड़ रहा है. जिले में सबसे अधिक 13 बांध हैं. फिर भी यहां के लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. जिला प्रशासन के साथ ही स्थानीय जल विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

शहरी इलाकों में पानी की किल्लत.


बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं लोग

  • शहरी क्षेत्र नेहरू नगर, चांदमारी, नई बस्ती और सिविल लाइन, आजादपुरा में पानी की किल्लत है.
  • इन मोहल्लों के नलकूप 6 महीने से बंद पड़े हैं.
  • स्थानीय लोग इसके लिए धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
  • अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी कोई समाधान नहीं निकला है.
  • स्थानीय लोगों कहना है कि होली पर नल में पानी आया था उसके बाद से पानी नहीं आया.

आजादपुरा के पार्षद का कहना है
मेरे वार्ड में पेयजल की समस्या करीब 1 साल से चली आ रही है. इस संबंध में कई उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुके हैं और तीन माह पूर्व अनशन पर भी बैठे थे. चूंकि जल संस्थान मेरे अंडर में नहीं आता है. उसके बाद भी स्थानीय लोग मुझे दोषी समझते हैं. इसलिए इस संबंध में करीब एक साल से पैरवी कर रहा हूं.

- हरिओम कुशवाहा, पार्षद

Intro:एंकर-बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में पेयजल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है.अगर हम बात करें तो शहरी क्षेत्र में कई मोहल्ले ऐसे हैं.जहां पर पेयजल की किल्लत लगातार कई वर्षों से बनी हुई है.वही मोहल्लों में लगे हैंडपंप भी शो पीस साबित हो रहे है और यहाँ के लोगों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है.लंबी लंबी कतार लगाकर दिन रात पानी के लिये खड़े रहना पड़ता है.लेकिन जिला प्रशासन के साथ साथ स्थानीय जल विभाग भी इस ओर ध्यान नही दे रहा है.


Body:वीओ-बताते चले कि ललितपुर जिला एकमात्र ऐसा जिला है जहां सबसे अधिक 13 बांध है फिर भी दुर्भाग्यवश जनपदवासियों को पानी समस्या से हर वर्ष जूझना पड़ता है,ललितपुर के शहरी क्षेत्र में रह रहे शहरवासियों की पेयजल समस्या को कई वर्षों से ज्यों का त्यों रखा गया है.पानी की समस्या पर अभी तक गौर नहीं किया गया है.शहरी क्षेत्र में नेहरू नगर, चांदमारी,नई बस्ती और सिविल लाइन,आजादपुरा के कई क्षेत्र पानी की समस्या से जूझ रहे है.जहां पर लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं.और अधिकारियों से भी शिकायत का कोई समाधान नही होता है.



बाइट-वही मोहल्लेवासियों का आरोप है कि पानी की परेशानी है पानी भर भर कर मरे जा रहे हैं पीने के लिए पानी नही मिल रहा है.कई महीने से परेशान है हैंडपंप है तो उसमें भी कभी कभी पानी नही आता है,अनशन पर बैठ चुके है कुछ भी नही होता है.बांध में जाये क्या पानी भरने।वही महिलाओं का कहना है कि पानी भरने के लिए मोहल्लों में जा रहे हैं कहीं भी पानी नही मिल रहा है और नल भी 6 महीने से बिगड़ा पड़ा है अब हम लोग घर का काम करे या बच्चों को पढ़ने भेजे या पानी भरे. एक एक डिब्बे से काम चला रहे है वो भी पूरे मोहल्ले में नही पुरता पानी.हम लोगों ने हर जगह शिकायत कर ली और अनशन पर भी बैठ चुके हैं.लेकिन कोई सुनवाई नही है।वही आरोप है कि टोरिया में बिल्कुल 4 महीने से नल नही आये हैं, होली की दोज पर नल आये थे लेकिन उसके बाद से नल नही आये हैं.तबियत भी ठीक नही रहती है फिर भी ख़र्च के लिए पानी नही मिल रहा है दिनभर लाइन लगाए रहते है फिर भी 2 डिब्बे ही पानी मिलता है.जल संस्थान में शिकायत की. हम लोग और वार्ड के मेम्बर दो दिन तक अनशन पर बैठे रहे बिना अन्न पानी के फिर भी कोई सुनबाई नही है।
बाइट-गीता (स्थानीय निवासी)
बाइट-मुस्कान (स्थानीय निवासी)
बाइट-उर्मिला उपाध्याय (स्थानीय निवासी)


बाइट-वही वार्ड नंबर 16 आजादपुरा के पार्षद का कहना है कि मेरे वार्ड में पेयजल की समस्या करीब 1 साल से चली आ रही है इस संबंध में कई उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुके है और तीन माह पूर्व अनशन पर भी बैठे थे.चूंकि जल संस्थान मेरे अंडर में नही आता है उसके बाद भी स्थानीय लोग मुझे दोषी समझते हैं इसलिए इस संबंध में करीब एक साल से पैरवी कर रहा हूँ और अस्वाशन के अलावा आज तक कोई उचित कार्यवाही नही हुई है.हमारे वार्ड की बुजुर्ग महिलाएं व बुजुर्ग एक-एक किलोमीटर तक पानी भरने जाते हैं.लेकिन शासन प्रशासन से कोई सहयोग नही मिल पा रहा है।

बाइट-हरिओम कुशवाहा (पार्षद वार्ड नंबर 16)


Conclusion:बाइट-वही पानी की समस्या को लेकर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता का कहना है कि इस समय जल संस्थान में पम्पिंग प्लांट सही हैं और जहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पानी कम मिल रहा है वहाँ चिन्हीकरण हो रहा है वहाँ टैंकरों के माध्यम से सप्लाई कर रहे हैं.फिलहाल बिजली समस्या भी हल हो गई है अब पूरी कोशिश करेंगे कि पानी पहुंचे। और जहाँ पर नल नही आ रहे है वहाँ टैंकरों के माध्यम से सप्लाई कराई।

बाइट-संजीव कुमार (जल संस्थान अधिशासी अभियंता)


conclusion-ललितपुर शहर के कई मोहल्लों में पेयजल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है.यदि इसका समाधान जल्द नही हुआ तो वो दिन दूर नही जब यहाँ के लोग आमरण अनशन पर पूरे के पूरे परिवार के साथ बैठना पड़ेगा।
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