ललितपुर : ललितपुर में दो किसानों की मौत की घटना के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. राष्ट्रीय लोकदल ने इस कमी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे का कहना है कि सरकार 11 माह से आंदोलन कर रहे किसानों से बदला लेने के लिए खाद की किल्लत को दूर नहीं कर रही है.
उधर, अन्य राजनीतिक दल भी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. प्रियंका गांधी पहले ही पीड़ित के परिजनों से मिलने पहुंच चुकी हैं.
राष्ट्रीय लोक दल ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि प्रदेश में किसानों की हालत लगातार खराब हो रही है. सरकार धान आदि फसलों को निर्धारित कीमत पर नहीं खरीद रही है. धान क्रय केंद्रों पर किसानों का धान खरीदा भी नहीं जा रहा है. किसान अपना धान औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. प्रदेश सरकार सिर्फ गाल बजाने का काम कर रही है और किसान खाद न मिल पाने के कारण अपनी फसल नहीं बो पा रहा है.
बता दें कि ललितपुर में खाद को लेकर किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच एक किसान ने आत्महत्या भी कर ली है. मृतक के परिजनों ने खाद की किल्लत के कारण किसान के परेशान होने की बात कही है. प्रशासन इससे इनकार कर रहा है.
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राष्ट्रीय सचिव अनिल कुमार दुबे ने कहा कि बरसात अधिक होने और तूफान के कारण वह अपनी फसलों की बर्बादी से पहले से ही पस्त था. अब खाद की कमी के कारण कई दिनों तक किसान लाइनों में लगे हैं. ललितपुर में एक सप्ताह में तीन किसानों की मौत हो चुकी है. खाद की कालाबाजारी जारी है. सरकार अपनी आंख, कान बंद कर ली है. पार्टी ने ललितपुर में मृत किसानों के परिजनों को 1-1 करोड़ का मुआवजे देने की मांग की. कहा कि राज्य सरकार खाद की कालाबाजारी को रोकने तथा किसानों की सभी उपजे सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदने की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित कराए. सरकार तत्काल व्यवस्था न की तो किसान आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
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