लखनऊ : देश और प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत एवं लोक कलाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सब की है. इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए मूल विरासत को आगे ले जाना होगा. यह बात प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कही. वह पर्यटन निदेशालय में उत्तर प्रदेश में लोक व जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान उत्तर प्रदेश, लखनऊ विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के बीच मंगलवार को एक समझौता पत्र हुए हस्ताक्षर समारोह में बोल रहे थे.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'यह तीनों संस्थाएं अपने अनुभव, दक्षता का बेहतर इस्तेमाल करते हुए सांस्कृतिक विरासत एवं लोक कलाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करेंगी. जो एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को धरातल पर उतारने में हमारी और सरकार की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतीकों, सांस्कृतिक अस्मिता तथा धरोहरों को संरक्षित किया जा रहा है. सभी संस्थाएं एक साथ मिलकर अपने उद्देश्य में सफल होने के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि लोक व जनजाति कला व संस्कृति संस्थान लोक कलाओं के संरक्षण तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कार्य कर रही है.'
इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति व पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि 'हमारा विभाग प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोक कलाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का है. उन्होंने कहा कि इस प्रयास से प्रदेश में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके लोक कलाओं को फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि जनजाति कला संस्थान पूर्व में 11 संस्थानों के साथ एमओयू हस्ताक्षर कर चुका है.'
उन्होंने कहा कि 'लखनऊ विश्वविद्यालय को इन्हीं गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक क्लब स्थापना के लिए 20 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई है. इसके अलावा लोक कलाओं का अभिलेखीकरण कराया जा रहा है, जिससे छात्र अपने-अपने संस्थान की प्रतिभा व योगदान को जान सकें. उन्होंने कहा कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रॉमा के साथ भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है.' इस अवसर पर लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी, लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय मेधावी तथा इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के विभागाध्यक्ष के अनिल कुमार उपस्थित थे.
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