ललितपुर: जिले के ग्राम पंचायत मड़ावरा में ग्रामीण विकास के नाम पर मात्र खानापूर्ति की गई है. यहां के टौरिया मोहल्ला में बदहाल हो चुकी पेयजल व्यवस्था, सार्वजनिक रास्तों पर पसरी गंदगी, कीचड़ से बजबजाती नालियां, शौचालय की बदहाली के चलते कस्बे के मतदाता अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
वर्षों से साफ नहीं हुई नाली
खंड विकास अधिकारी कार्यालय के सामने रहने वाले ग्रामीण मुकेश कुशवाहा बताते हैं कि पिछले पांच सालों में जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ कागजों पर विकास किया है. उनके मकान से पंचम कुशवाहा के मकान तक मुख्य सड़क के किनारे नाली तो बनी है, लेकिन कई सालों से नाली चोक पड़ी है. नाली की सफाई के लिए कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि घर में उनकी बेटी की शादी है, इसलिए वह खुद फावड़ा लेकर नाली की सफाई में जुटे हैं.
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घरों में वापस आ रही नालियों की गंदगी
मोहल्ले के रहने वाले रामकुमार कुशवाहा बताते हैं कि मुख्य नाली चोक होने के चलते गंदगी उनके घरों की तरफ आती है. नाली का पानी घरों में घुस आता है. यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. आबादी के बीच कीचड़ और गंदगी जमान होने से मच्छरों का भी आतंक रहता है.
लकवाग्रस्त ग्रामीण का नहीं बना शौचालय
ग्रामीण कन्हई कुशवाहा लकवाग्रस्त हैं. ग्राम प्रधान ने इतने सालों में इनके घर में शौचालय का निर्माण नहीं कराया है. इससे इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके परिजनों का कहना है कि शौचालय बनवाने के लिए कई बार कागज दिए और नाम लिखवाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. नेताओं के करीबियों के परिवार भी इस गांव में हैं, जिनके घर पर दो-दो शौचालय बनवाए गए हैं.
वन विभाग रेस्टहाउस के आसपास, मुस्लिम कब्रिस्तान एवं मरघट के पास का मोहल्ला कुछ सालों से कचरा घर बना हुआ है. उप जिलाधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि संबधित अधिकारी को निर्देश किया गया है, जल्द ही सफाई करा दी जाएगी.