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आउटर रिंग रोड के किनारे खरीदा है प्लॉट तो हो जाएं सावधान! जानिए क्या है तैयारी

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Published : Jun 8, 2023, 11:38 PM IST

Updated : Jun 9, 2023, 4:22 PM IST

राजधानी में निर्माणाधीन 104 किलोमीटर के आउटर रिंग रोड का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा. इसके बनने से लोगों को काफी सुविधायें मिलेंगी.

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लखनऊ : 104 किलोमीटर का आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. निकट भविष्य में यह लखनऊ की 'लाइफ लाइन' होगा. अलग-अलग एक्सप्रेस-वे से इस सड़क को कनेक्टिविटी मिलेगी. सड़क के दोनों ओर नई काॅलोनियों का विकास किया जाएगा, जिसको लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद दोनों ने ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

घनी आबादी वाले इलाकों में संचालित मंडियों को आउटर रिंग रोड पर शहीद पथ के बीच स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण कंसल्टेंसी फॉर्म को भी नियुक्त कर चुका है. सर्वे के कार्य किए जा रहे हैं. इस संबंध में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व संबंधित स्टेकहोल्डर के साथ अलग-अलग बैठक करके व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में सिटी लॉजिस्टिक प्लांट का प्रेजेंटेशन भी हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष किया है. जिसमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोहनलालगंज के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव किया जा रहा है, जोकि आउटर रिंग रोड के नजदीक होगा. नए सिरे से ट्रांसपोर्ट नगर को भी विकसित किया जाएगा. भविष्य में आउटर रिंग रोड के किनारे इस संबंध में भूमि का अर्जन शुरू किया जाएगा. ज्ञात हो कि आउटर रिंग रोड 2017 में बनना शुरू हुआ था. इस निर्माण करीब पांच हजार करोड़ की लागत से कराया जा रहा है. इसका काम 2024 में पूरा हो जाएगा. देवा रोड से कुर्सी रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, मोहान रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड से होते हुए देवा रोड पर वापस जोड़ा जाएगा.

मिलेगी सुविधा
मिलेगी सुविधा

कुर्सी रोड से सुल्तानपुर रोड के बीच में आउटर रिंग रोड (outer ring road in lucknow) पर वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि सुल्तानपुर रोड से रायबरेली रोड, रायबरेली रोड से कानपुर रोड, कानपुर रोड से हरदोई रोड, हरदोई रोड से सीतापुर रोड और सीतापुर रोड से कुर्सी रोड के बीच में काम किया जा रहा है. यह काम 2024 से पहले पूरा हो जाएगा, जिसके बाद में आउटर रिंग रोड के किनारे नया लखनऊ बसाने की तैयारी की जाएगी.

प्रतीकात्मक फोटो
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लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद इस जमीन अर्जन करने की तैयारी कर रहा है. इस आउटर रिंग रोड के दोनों ओर समय-समय पर भूमि अर्जन की संभावना है. ऐसे में रजिस्ट्री होने के बावजूद अगर राजस्व खातों में आपका नाम दर्ज नहीं होगा तो अर्जुन के वक्त आपको एक रुपया का भी मुआवजा नहीं मिलेगा. ऐसे में नामांतरण बहुत आवश्यक है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी का स्पष्ट कहना है कि 'आउटर रिंग रोड के किनारे हो या शहर में कहीं भी लखनऊ विकास प्राधिकरण का मानचित्र स्वीकृत कराए बिना निर्माण कराना गलत है. इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री के बाद नामांतरण भी आवश्यक है. तभी वास्तविक तौर पर आप भूमि के मालिक होते हैं.'

यह भी पढ़ें : UP Board के इस दफ्तर के जिम्मे 17 जिले, बरसों से धूल फांक रहीं हजारों फाइलें, जानिए वजह

लखनऊ : 104 किलोमीटर का आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. निकट भविष्य में यह लखनऊ की 'लाइफ लाइन' होगा. अलग-अलग एक्सप्रेस-वे से इस सड़क को कनेक्टिविटी मिलेगी. सड़क के दोनों ओर नई काॅलोनियों का विकास किया जाएगा, जिसको लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद दोनों ने ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.

प्रतीकात्मक फोटो
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घनी आबादी वाले इलाकों में संचालित मंडियों को आउटर रिंग रोड पर शहीद पथ के बीच स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण कंसल्टेंसी फॉर्म को भी नियुक्त कर चुका है. सर्वे के कार्य किए जा रहे हैं. इस संबंध में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व संबंधित स्टेकहोल्डर के साथ अलग-अलग बैठक करके व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में सिटी लॉजिस्टिक प्लांट का प्रेजेंटेशन भी हाल ही में लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष किया है. जिसमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोहनलालगंज के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव किया जा रहा है, जोकि आउटर रिंग रोड के नजदीक होगा. नए सिरे से ट्रांसपोर्ट नगर को भी विकसित किया जाएगा. भविष्य में आउटर रिंग रोड के किनारे इस संबंध में भूमि का अर्जन शुरू किया जाएगा. ज्ञात हो कि आउटर रिंग रोड 2017 में बनना शुरू हुआ था. इस निर्माण करीब पांच हजार करोड़ की लागत से कराया जा रहा है. इसका काम 2024 में पूरा हो जाएगा. देवा रोड से कुर्सी रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, मोहान रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड से होते हुए देवा रोड पर वापस जोड़ा जाएगा.

मिलेगी सुविधा
मिलेगी सुविधा

कुर्सी रोड से सुल्तानपुर रोड के बीच में आउटर रिंग रोड (outer ring road in lucknow) पर वाहन दौड़ रहे हैं, जबकि सुल्तानपुर रोड से रायबरेली रोड, रायबरेली रोड से कानपुर रोड, कानपुर रोड से हरदोई रोड, हरदोई रोड से सीतापुर रोड और सीतापुर रोड से कुर्सी रोड के बीच में काम किया जा रहा है. यह काम 2024 से पहले पूरा हो जाएगा, जिसके बाद में आउटर रिंग रोड के किनारे नया लखनऊ बसाने की तैयारी की जाएगी.

प्रतीकात्मक फोटो
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लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद इस जमीन अर्जन करने की तैयारी कर रहा है. इस आउटर रिंग रोड के दोनों ओर समय-समय पर भूमि अर्जन की संभावना है. ऐसे में रजिस्ट्री होने के बावजूद अगर राजस्व खातों में आपका नाम दर्ज नहीं होगा तो अर्जुन के वक्त आपको एक रुपया का भी मुआवजा नहीं मिलेगा. ऐसे में नामांतरण बहुत आवश्यक है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी का स्पष्ट कहना है कि 'आउटर रिंग रोड के किनारे हो या शहर में कहीं भी लखनऊ विकास प्राधिकरण का मानचित्र स्वीकृत कराए बिना निर्माण कराना गलत है. इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री के बाद नामांतरण भी आवश्यक है. तभी वास्तविक तौर पर आप भूमि के मालिक होते हैं.'

यह भी पढ़ें : UP Board के इस दफ्तर के जिम्मे 17 जिले, बरसों से धूल फांक रहीं हजारों फाइलें, जानिए वजह

Last Updated : Jun 9, 2023, 4:22 PM IST
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