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ललितपुर: संक्रामक रोगों के मरीजों से अस्पताल फुल, स्वास्थ्य विभाग बेखबर

उत्तर प्रदेश के ललितपुर में संक्रमण रोग अपना पैर पसार रहा है. दिन प्रतिदिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग संक्रमण रोग के रोकथाम के लिये कोई कदम नहीं उठा रही है.

संक्रमण रोग के फैलने से लगी अस्पतालों में भीड़
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Published : Sep 26, 2019, 8:42 PM IST

ललितपुर: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी संक्रमण रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ-साथ दस्त के मरीज भरे पड़े हैं. मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को अस्पतालों में बेड भी नहीं नसीब हो रहा है.

संक्रमण रोग के फैलने से लगी अस्पतालों में भीड़.

इसे भी पढ़ें :- ललितपुरः बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या, दोनों किडनी थी खराब

संक्रमण रोगों से मरीजों की संख्या में इजाफा
जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. साथ ही सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है. इस समय अस्पतालों में पैर रखने तक को जगह नहीं है इसके बावजूद भी संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिये कोई उचित उपाय नहीं किये जा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग नहीं हो रहा सजग
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिला अस्पताल में बढ़ रही भीड़ से ही संक्रामक रोग फैलने का अंदाजा लगाया जा सकता है. वर्तमान में मलेरिया और डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग से न तो फोगिंग कराई जा रही है और न ही नालियों में मच्छर की दवाई डलवाई जा रही है.

अस्पतालों में बेड की कमी होने की वजह से मरीज नीचे लेटने को मजबूर हैं और अस्पताल के चारों ओर गंदगी फैली हुई है. जिला प्रशासन चाटुकारिता में लगा हुआ है. सीएम योगी ढाई साल बेमिसाल का बहुत प्रचार प्रसार कर रहे हैं लेकिन ललितपुर में यह जुमला सिद्ध हो रहा है.
-सौरभ गोस्वामी, स्थानीय निवासी


संक्रामक निरोधात्मक कार्रवाई हेतु पूरे जनपद में हाई अलर्ट जारी करने से साथ पीएससी और जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. कहीं से संक्रामक जानकारी मिलने के बाद प्रत्येक सीएचसी और पीएससी पर संक्रामक निरोधात्मक गठित टीम त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ग्राम में पहुंचती है और लोगों को उपचार के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी देती है.
-डॉ. राजेश भारती, जिला संक्रमण रोग रोकथाम अधिकारी

ललितपुर: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी संक्रमण रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ-साथ दस्त के मरीज भरे पड़े हैं. मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को अस्पतालों में बेड भी नहीं नसीब हो रहा है.

संक्रमण रोग के फैलने से लगी अस्पतालों में भीड़.

इसे भी पढ़ें :- ललितपुरः बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या, दोनों किडनी थी खराब

संक्रमण रोगों से मरीजों की संख्या में इजाफा
जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. साथ ही सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है. इस समय अस्पतालों में पैर रखने तक को जगह नहीं है इसके बावजूद भी संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिये कोई उचित उपाय नहीं किये जा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग नहीं हो रहा सजग
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिला अस्पताल में बढ़ रही भीड़ से ही संक्रामक रोग फैलने का अंदाजा लगाया जा सकता है. वर्तमान में मलेरिया और डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग से न तो फोगिंग कराई जा रही है और न ही नालियों में मच्छर की दवाई डलवाई जा रही है.

अस्पतालों में बेड की कमी होने की वजह से मरीज नीचे लेटने को मजबूर हैं और अस्पताल के चारों ओर गंदगी फैली हुई है. जिला प्रशासन चाटुकारिता में लगा हुआ है. सीएम योगी ढाई साल बेमिसाल का बहुत प्रचार प्रसार कर रहे हैं लेकिन ललितपुर में यह जुमला सिद्ध हो रहा है.
-सौरभ गोस्वामी, स्थानीय निवासी


संक्रामक निरोधात्मक कार्रवाई हेतु पूरे जनपद में हाई अलर्ट जारी करने से साथ पीएससी और जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. कहीं से संक्रामक जानकारी मिलने के बाद प्रत्येक सीएचसी और पीएससी पर संक्रामक निरोधात्मक गठित टीम त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ग्राम में पहुंचती है और लोगों को उपचार के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी देती है.
-डॉ. राजेश भारती, जिला संक्रमण रोग रोकथाम अधिकारी

Intro:एंकर-ललितपुर जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने भी संक्रमण रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है.सरकारी व निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ साथ उल्टी व दस्त के मरीज भरे पड़े हैं.जिसमे सबसे अधिक बुरा हाल जिला अस्पताल का है.जहाँ पर पैर रखने की भी जगह नहीं है.यही नही मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को तो बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है


Body:वीओ-जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है और सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है.जिला अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है.यही नही अस्पताल में पैर रखने को भी जगह नही है उसके बावजूद भी संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए कोई उचित उपाय नही किये जा रहे है

बाइट-वही स्थानीय व्यक्तियों का कहना है कि जो संक्रमक रोग फैल रहे है इसका अंदाजा जिला अस्पताल में जाकर मरीजो की भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है और अन्य प्राइवेट अस्पतालों में जिस तरह से मरीजो की भरमार हो रही है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संक्रमक रोग ललितपुर में किस तरह से हावी है.वर्तमान में मलेरिया व डेंगू को रोकने के लिए विभाग द्वारा न तो कही फोगिंग कराई जा रही है और ही नालियों में मच्छर की दवाई डलवाई गई है.

बाइट-अजय तोमर (स्थानीय निवासी)

बाइट-वही आरोप लगाया है कि ललितपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है यहाँ के अधिकारी उदासीन है और अस्पतालों में मरीज नीचे लेटने को मजबूर है और अस्पताल के चारों ओर गंदगी फैली हुई है और बीमारियां लगातार बढ़ रही है औऱ यहाँ का प्रशासन चाटुकारिता में लगा हुआ है.योगी आदित्यनाथ ढाई साल बेमिसाल का बहुत प्रचार प्रसार कर रहे हैं लेकिन ललितपुर में यह जुमला सिद्ध हो रहा है और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई जिससे मरीज दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है

बाइट-सौरभ गोस्वामी (स्थानीय निवासी)


Conclusion:बाइट-वही जब संक्रमण रोकथाम अधिकारी से वार्ता की गई तो उनका कहना है कि संक्रामक निरोधात्मक कार्यवाही हेतु पूरे जनपद में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.जिसके अंतर्गत पीएससी व जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं और जहाँ से भी संक्रामक की जानकारी प्राप्त होती है तो प्रत्येक सीएचसी व पीएससी पर संक्रामक निरोधात्मक टीमों का गठन किया गया है जो त्वरित कार्यवाही के लिए संबंधित ग्राम में पहुँचती है और लोगो को उपचार के साथ साथ स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी देती हैं

बाइट-डॉ राजेश भारती (जिला संक्रमण रोग रोकथाम अधिकारी)
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