ललितपुर: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी संक्रमण रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ-साथ दस्त के मरीज भरे पड़े हैं. मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को अस्पतालों में बेड भी नहीं नसीब हो रहा है.
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संक्रमण रोगों से मरीजों की संख्या में इजाफा
जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है. साथ ही सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है. इस समय अस्पतालों में पैर रखने तक को जगह नहीं है इसके बावजूद भी संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिये कोई उचित उपाय नहीं किये जा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग नहीं हो रहा सजग
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिला अस्पताल में बढ़ रही भीड़ से ही संक्रामक रोग फैलने का अंदाजा लगाया जा सकता है. वर्तमान में मलेरिया और डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग से न तो फोगिंग कराई जा रही है और न ही नालियों में मच्छर की दवाई डलवाई जा रही है.
अस्पतालों में बेड की कमी होने की वजह से मरीज नीचे लेटने को मजबूर हैं और अस्पताल के चारों ओर गंदगी फैली हुई है. जिला प्रशासन चाटुकारिता में लगा हुआ है. सीएम योगी ढाई साल बेमिसाल का बहुत प्रचार प्रसार कर रहे हैं लेकिन ललितपुर में यह जुमला सिद्ध हो रहा है.
-सौरभ गोस्वामी, स्थानीय निवासी
संक्रामक निरोधात्मक कार्रवाई हेतु पूरे जनपद में हाई अलर्ट जारी करने से साथ पीएससी और जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. कहीं से संक्रामक जानकारी मिलने के बाद प्रत्येक सीएचसी और पीएससी पर संक्रामक निरोधात्मक गठित टीम त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ग्राम में पहुंचती है और लोगों को उपचार के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी देती है.
-डॉ. राजेश भारती, जिला संक्रमण रोग रोकथाम अधिकारी