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ललितपुर: किसानों के भारी नुकसान की भरपाई नहीं कर रही बीमा कंपनी

ललितपुर में ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है. मगर किसानों को बीमा कंपनी ने अब तक बीमा नहीं दिया, जिसके चलते आज किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर बीमा कंपनी के खिलाफ नारे लगाए.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Mar 9, 2019, 7:35 PM IST

ललितपुर: जिले में पिछले साल ओलावृष्टि अधिक होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ था. इसका बीमा किसानों को अब तक नहीं मिला है. ऐसे में आक्रोशित किसानों ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

ओलावृष्टि के कारण 60 प्रतिशत रबि और उड़द की फसलें खराब हो गई थीं. साल बीत जाने के बाद भी इसका भुगतान किसानों को नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए बीमा कंपनी मुर्दाबाद के नारे लगाए. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें जल्द से जल्द बीमा की राशि नहीं दिलाई गई तो सभी किसान घंटाघर प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठेंगे.

इसके अलावा किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था, तब बैंक द्वारा बीमा कंपनियों ने फसलों का बीमा कराने के लिए प्रीमियम राशि काट ली थी. उसके बाद खातों में बीमा की धनराशि नहीं भेजी गई और उनको गांव का नाम भी काट दिया.

इसकी सूचना कई बार ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन को भी दी गई. साथ ही, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही को भी दी गई. ऐसे में उन्होंने ने भी आश्वासन दिया था कि बीमा की राशि जल्द मिल जाएगी. मगर राशि नहीं मिली.

वहीं इस मामले में उप कृषि निदेशक सुरेंद्र कुमार सविता का कहना है कि बीमा कंपनी व्यक्तिगत क्लेम और क्रॉप कटिंग के आधार पर जो क्लेम देती है, वो सारा पैसा आ गया है. व्यक्तिगत क्लेम के 55 किसानों का क्लेम आ गया है. अभी भी जो किसान छूट गए हैं, उनका मामला भी जल्द निपट जाएगा.

ललितपुर: जिले में पिछले साल ओलावृष्टि अधिक होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ था. इसका बीमा किसानों को अब तक नहीं मिला है. ऐसे में आक्रोशित किसानों ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

ओलावृष्टि के कारण 60 प्रतिशत रबि और उड़द की फसलें खराब हो गई थीं. साल बीत जाने के बाद भी इसका भुगतान किसानों को नहीं मिला है. ऐसी स्थिति में किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए बीमा कंपनी मुर्दाबाद के नारे लगाए. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें जल्द से जल्द बीमा की राशि नहीं दिलाई गई तो सभी किसान घंटाघर प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठेंगे.

इसके अलावा किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था, तब बैंक द्वारा बीमा कंपनियों ने फसलों का बीमा कराने के लिए प्रीमियम राशि काट ली थी. उसके बाद खातों में बीमा की धनराशि नहीं भेजी गई और उनको गांव का नाम भी काट दिया.

इसकी सूचना कई बार ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन को भी दी गई. साथ ही, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही को भी दी गई. ऐसे में उन्होंने ने भी आश्वासन दिया था कि बीमा की राशि जल्द मिल जाएगी. मगर राशि नहीं मिली.

वहीं इस मामले में उप कृषि निदेशक सुरेंद्र कुमार सविता का कहना है कि बीमा कंपनी व्यक्तिगत क्लेम और क्रॉप कटिंग के आधार पर जो क्लेम देती है, वो सारा पैसा आ गया है. व्यक्तिगत क्लेम के 55 किसानों का क्लेम आ गया है. अभी भी जो किसान छूट गए हैं, उनका मामला भी जल्द निपट जाएगा.

Intro:एंकर-उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में किसानों को पिछले साल ओलावृष्टि अधिक होने से भारी नुकसान हुआ था.जिसका बीमा अब तक बीमा कंपनी के द्वारा नही दिया गया.बीमा न मिलने से आक्रोशित किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की.


Body:वीओ-बताते चले कि ललितपुर जिले में साल 2018 में अधिक ओलावृष्टि होने के चलते किसानों की 60 प्रतिशत रवी औऱ उड़द की फसलें खराब हो गई थी.लेकिन साल बीत जाने के वावजूद अभी भी किसानों के बीमा का पैसा उन्हें नही मिला है.जिससे आक्रोशित होकर किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन करते हुए बीमा कंपनी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.औऱ यदि उन्हें जल्द से जल्द बीमा की राशि नही दिलाई गई तो घंटाघर प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी भी दी।

बाइट-वही किसानों का आरोप है की फसल ओलावृष्टि के कारण खराब हो गई थी.और जब किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था तब बैंक द्वारा बीमा कंपनियों को फसलों का बीमा कराने के लिए प्रीमियम राशि काट ली गई थी.उसके बाद खातों में बीमा की धनराशि नही भेजी गई.औऱ गांव का नाम भी काट दिया.इसकी सूचना कई बार ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन को भी दी गई साथ ही कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही को भी दी गई.उन्होंने ने भी अस्वाशन दिया था कि बीमा की राशि मिल जाएगी.लेकिन नही मिली। यदि बीमा की राशि नही मिली तो घंटाघर प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे.

बाइट-रामस्वरूप राजपूत(किसान)
बाइट-रमाकांत दुबे(किसान)


Conclusion:बाइट-वही जब इस किसानों की समस्या को लेकर उप कृषि निदेशक से बात की गई तो उनका कहना है कि बीमा की जो क्लेम प्रोसिस हुआ है.वह व्यक्तिगत क्लेम और क्रॉप कटिंग के आधार पर बीमा कंपनी जो क्लेम देती है वो सब सब पैसा आ गया है व्यक्तिगत क्लेम के 55 किसानों का व क्रॉप कटिंग के आधार पर जो क्लेम होता है वह सब आ गया है.जिसकी पोस्टिंग भी की जा रही है.औऱ अभी भी जो किसान छूट गए है उनको दिखवा लिया जाएगा।

बाइट-सुरेंद्र कुमार सविता(उप कृषि निदेशक)
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