ललितपुर: जिले में झमाझम बारिश होने से किसानों में मायूसी है. वहीं किसानों का आरोप है कि जिले भर के खाद व्यापारियों द्वारा डीएपी तथा यूरिया की जमाखोरी कर ओवररेटिंग की जा रही है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि ऊपर से ही बढ़े हुए दामों में खाद दी जा रही है. भाड़ा और पल्लेदारी जोड़ने के बाद दामों में बढ़ोत्तरी उनकी मजबूरी है.
जिले के मड़ावरा क्षेत्र में आलम यह है कि जरूरतमंद किसानों को 50 किग्रा वजन डीएपी की एक बोरी 1400 रुपये तक में लेने को तैयार है. इसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही. वहीं सोमवार को जनपद के अधिकतर हिस्सों में अच्छी बारिश हो जाने से मटर, मसूर और चने की बोहनी के लिए पलेवा करने की जरुरत नहीं है, अब एक साथ बोहनी का मौका मिलने से किसानों का जमावड़ा बाजार में उमड़ पड़ा. किसानों का आरोप है कि दुकानदार सेलटैक्स, चेकिंग और खाद की कमी का बहाना बनाकर शटर बंद कर गायब हैं.
खाद नाम मिलने से किसानों में मायूसी ग्राम नडारी निवासी किसान पप्पूराजा कहते हैं कि 50 किग्रा वजन वाली डीएपी की एक बोरी खाद के दाम शासन द्वारा किसानों के लिए 1200 रुपये तय किए गए हैं, जबकि विक्रेताओं द्वारा बताया गया कि भाड़ा और पल्लेदारी में 50 रुपये प्रति बोरी का खर्च है, लेकिन कस्बे में एक बोरी के 1400 रुपये वसूले जाना किसी भी दशा में वाजिब नहीं हैं.ग्राम तिसगना निवासी राजाराम पाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि खाद की कोई कमी नहीं है. व्यापारियों द्वारा मुनाफाखोरी के लिए मड़ावरा समेत जनपद के अन्य सीमांत इलाकों से डीएपी एवं यूरिया मध्यप्रदेश के शहरों-कस्बों में भेजा जा रहा है. खाद की कालाबाजारी के चलते किसान परेशान और स्थानीय प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है. इस मामले में राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ कहते हैं कि किसानों को चिंता करने की बात नहीं है. बुधवार को खाद की सभी दुकान खुलवाकर किसानों को निर्धारित दामों पर खाद मुहैया कराई जाएगी. खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी.
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