ललितपुर: जिले में अस्थायी गौशालाओं का निर्माण तो करा दिया गया था. लेकिन उनमें रहने वाले जानवरों के भरण पोषण की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में जिलाधिकारी ने एक नई पहल कर जानवरों के भरण पोषण के लिए भूसा बैंक खोला गया है. जहां कोई भी किसान स्वेच्छा से भूसा दान कर सकता है. ताकि गौशालाओं में रहने वाले जानवरों का पेट भरा जा सके.
स्वेच्छा से कर सकेंगे भूसा दान:
- जिले में बेसहारा जानवरों के लिए 9 गौवंश आश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं.
- उनमें जानवरों के भोजन की व्यवस्था के लिए हर ग्राम पंचायत में भूसा बैंक की स्थापना की गई है.
- इसमें जानवरों के लिए भूसा एकत्रित किया जाएगा, जिससे सालभर जानवरों के भोजन की व्यवस्था बनी रहे.
- इस भूसा बैंक में जो भी भूसा दान करना चाहते हैं. वह अपने दान की घोषणा ग्राम प्रधान के पास आकर कर सकता हैं.
- जो भी लोग रुपये दान में दे सकते हैं. उनके पैसे से भूसा खरीदकर भूसा बैंक में जमा करा दिया जाएगा.
'जिले में 9 गौवंश आश्रय स्थल है जिसमे 30 हज़ार से अधिक अन्ना जानवरों को रखने की व्यवस्था है और यहां पर सबसे अधिक खर्चा भूसा का होता है तो एक नई व्यवस्था की है. प्रत्येक गांव में भूसा बैंक खोला जाए और सभी राजस्व अधिकारियों व प्रधान की मदद से प्रत्येक जगह से 1 कुंटल भूसा लिया जाएगा. इसके प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिला स्तर के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. प्रत्येक गांव में जाकर लोगों को प्रेरित करेंगे और 31 मई तक भूसा को एक जगह पर एकत्रित करके रखेंगे. उसके बाद सभी जगह पहुंचा दिया जाएगा'.
- मानवेंद्र सिंह, जिलाधिकारी
ग्रामीणों ने भी इस पहल को बताया कारगार
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहल डीएम का पुनीत कार्य है, जिससे गौवंश को जीवन दान मिल रहा है. भूसा बैंक बनाया जाना जिले और किसानों के लिए हितकर है. क्योंकि किसान फसलों के जो डंठल जला दिया करते है. उससे पर्यावरण प्रदूषण फैलता था और खेतों की उर्वरा शक्ति के साथ ही जिले में कई जगह अग्निकांड भी होते थे. भूसा बैंक बनाये जाने से गौवंश व बेसहारा जानवरों को भरपूर भोजन मिलेगा, दूध उत्पादन बढेगा और गौवंशों की समस्या हल होगी.