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ललितपुर: जिलाधिकारी ने किया एक और गोवंश आश्रयस्थल का उद्घाटन - गौवंश आश्रय स्थल की स्थापना

ललितपुर जिलाधिकारी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक और गोवंश आश्रयस्थल का उद्घाटन किया. यह गोवंश आश्रय जिले का 11वां ऐसा स्थल है जहां जिले के आवारा पशुओं को रखा जायेगा.

ललितपुर जिलाधिकारी ने आवारा पशुओं के लिये किया 11 वें गौवंश स्थल का उद्घाटन
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Published : Jul 16, 2019, 12:03 AM IST

ललितपुर: जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गोवंश आश्रयस्थल की एक और सौगात ललितपुर जिले को मिल गई है. विकासखंड जखौरा के ग्राम बादरौन में जिले का 11वां गोवंश आश्रयस्थल स्थापित किया गया. जिलाधिकारी ने बादरौन में नीलकंठेश्वर गोवंश आश्रयस्थल की स्थापना के लिये नीवं रखी और भूमि पूजन किया.

जिलाधिकारी ने गोवंशस्थल का किया उद्घाटन

जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रयस्थल का किया उद्घाटन-

  • जिले में आवारा जानवर एक बहुत बड़ी समस्या हैं.
  • इससे किसानों को नुकसान के साथ साथ शहर की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है.
  • बीते रोज जिलाधिकारी ने भौंरसिल गांव में गोवंश आश्रयस्थल की स्थापना की थी.
  • अब ग्राम बादरौन में भी 37 एकड़ जमीन पर गोशाला की स्थापना की.
  • शेष उपलब्ध 90 एकड़ जमीन को भी गोवंश आश्रयस्थल में शामिल करने का प्रयास जारी है.
  • अभी गोशाला में चारा उगाने का कोई प्रबंध नहीं है तो जल्द ही इसकी भी व्यवस्था की जायेगी.
  • जिले में बने गोवंश आश्रयस्थलों में लगभग 40 हजार गोवंशों को रखा जायेगा.
  • इससे जिले को आवारा जानवरों से छुटकारा मिल सकेगा.

गोवंशो को रहने को अच्छा स्थान मिले. उस तरह नहीं कि जैसे गोशालाएं होती है जो छोटे से एरिया में और वही कैद कर दिया जाता है फिर वो बेचारी वहीं पर घूमती रहती. वो भी एक प्राणी है उनमें भी जान है तो 1 तिहाई हिस्सा उनको रहने और 2 तिहाई उनके चारा के लिये व्यवस्था की जायेगी.

मानवेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी

ललितपुर: जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गोवंश आश्रयस्थल की एक और सौगात ललितपुर जिले को मिल गई है. विकासखंड जखौरा के ग्राम बादरौन में जिले का 11वां गोवंश आश्रयस्थल स्थापित किया गया. जिलाधिकारी ने बादरौन में नीलकंठेश्वर गोवंश आश्रयस्थल की स्थापना के लिये नीवं रखी और भूमि पूजन किया.

जिलाधिकारी ने गोवंशस्थल का किया उद्घाटन

जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रयस्थल का किया उद्घाटन-

  • जिले में आवारा जानवर एक बहुत बड़ी समस्या हैं.
  • इससे किसानों को नुकसान के साथ साथ शहर की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है.
  • बीते रोज जिलाधिकारी ने भौंरसिल गांव में गोवंश आश्रयस्थल की स्थापना की थी.
  • अब ग्राम बादरौन में भी 37 एकड़ जमीन पर गोशाला की स्थापना की.
  • शेष उपलब्ध 90 एकड़ जमीन को भी गोवंश आश्रयस्थल में शामिल करने का प्रयास जारी है.
  • अभी गोशाला में चारा उगाने का कोई प्रबंध नहीं है तो जल्द ही इसकी भी व्यवस्था की जायेगी.
  • जिले में बने गोवंश आश्रयस्थलों में लगभग 40 हजार गोवंशों को रखा जायेगा.
  • इससे जिले को आवारा जानवरों से छुटकारा मिल सकेगा.

गोवंशो को रहने को अच्छा स्थान मिले. उस तरह नहीं कि जैसे गोशालाएं होती है जो छोटे से एरिया में और वही कैद कर दिया जाता है फिर वो बेचारी वहीं पर घूमती रहती. वो भी एक प्राणी है उनमें भी जान है तो 1 तिहाई हिस्सा उनको रहने और 2 तिहाई उनके चारा के लिये व्यवस्था की जायेगी.

मानवेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी

Intro:एंकर-ललितपुर जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गौवंश आश्रय स्थल की एक और सौगात ललितपुर जिले को मिल गई है.विकासखंड जखौरा के ग्राम बादरौन में जिले का 11वां गौवंश आश्रय स्थल स्थापित किया जाएगा.जिलाधिकारी ने ग्राम बादरौन में नीलकंठेश्वर गौवंश आश्रय स्थल की स्थापना हेतु नीवं रखी औऱ भूमि पूजन किया।

Body:वीओ-बताते चले बीते रोज जिलाधिकारी ने भौंरसिल में गौवंश आश्रय स्थल की स्थापना की थी।उसी तर्ज पर ग्राम बादरौन में भी 37 एकड़ जमीन पर गौशाला की स्थापना की.इसके अलावा यहाँ पर अभी 90 एकड़ जमीन औऱ भी उपलब्ध है.जिसे भी समय के साथ गौवंश आश्रय स्थल में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा.ताकि यहाँ गौवंशो को रहने के लिए पर्याप्त औऱ अच्छा स्थान मिल सके।इसके साथ साथ गौशाला में हरा चारा नही उगाया जा सकता है तो उसके लिए भी प्रबंध किया जाएगा.साथ ही जिले बनाई जा रही गौवंश आश्रय स्थल में लगभग 40 हज़ार गौवंशो को रखा जा सकेगा.जिससे जिले में अन्ना जानवरों की समस्या खत्म हो जाएगी।

बाइट-वही कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि गौवंशो को रहने को अच्छा स्थान मिले.उस तरह नही की जैसे गौशालाएं होती है जो छोटे से एरिया में और वही कैद कर दिया जाता है फिर वो बेचारी वही पर घूमती रहती और बड़ा वैसा लगता है.तो वो भी एक प्राणी है उनमें भी जान है.तो 1 तिहाई हिस्सा उनको रहने और 2 तिहाई चारा करने के लिए.और हरे चारे की भी व्यवस्था करेंगे।
बाइट-जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंहConclusion:Conclusion-जिले में अन्ना जानवरों की एक बहुत बड़ी समस्या है इससे किसानों को नुकसान के साथ साथ शहर में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है जिसको लेकर इस अन्ना जानवरों के लिए जिले में गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है.गौशालाओं के निर्माण से यह समस्या का समाधान होगा।
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