ललितपुर: जिले के पाली थाना क्षेत्र में गैंगरेप पीड़ित नाबालिग किशोरी के साथ थाना प्रभारी पर सरकारी क्वार्टर में रेप करने का आरोप लगा है. इस मामले में दारोगा सहित पीड़िता की मौसी और 4 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. पुलिस ने आरोपी महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. केस दर्ज होने की जानकारी मिलने पर दारोगा फरार हो गया. पुलिस अधीक्षक ने आरोपी दारोगा समेत थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया.
इस मामले में 6 आरोपियों चन्दन, राजभान, हरीशंकर, महेन्द्र चौरसिया, तिलकधारी सरोज(प्रभारी निरीक्षक पाली) व गुलाबबाई अहिरवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस बाबत एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सूचना मिलने पर तत्काल थानाध्यक्ष को निलंबित किया गया है. इसके अलावा अन्य नामद के खिलाफ थाना पाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
इस संबंध में डीजीपी के द्वारा डीआईजी झांसी को यह जांच दी गई है. इसके अलावा एडीजी जोन ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसमे जो भी व्यक्ति दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले में कुल 3 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. डीआईजी झांसी को मौके पर रहने के निर्देश डीजीपी द्वारा दिए गए है. आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. दोषी कोई भी हो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
क्या है पूरा मामला : पाली थाना थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री को पाली के ही 4 लोग विगत 22 अप्रैल को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे. जहां पर आरोपियों ने नाबालिग लड़की को रेलवे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा. महिला ने आरोप लगाया कि उसकी पुत्री के साथ तीनों व्यक्तियों ने लगातार तीन दिनों तक बलात्कार किया. इसके बाद 26 अप्रैल को आरोपी लड़की को पाली थाने में छोड़कर चले गए.
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महिला ने बताया कि पाली में तैनात दारोगा ने लड़की को उसकी मौसी के पास छोड़ दिया. मौसी ने लड़की को 2 दिन के लिए दुराचार करने वाले एक युवक की बहन के पास भेज दिया. महिला ने बताया कि 27 अप्रैल को सुबह थाने में उसकी लड़की को फिर से बुलाया गया जहां लड़की का बयान किया गया. आरोप है कि जैसे ही शाम हुई, उसकी मौसी लड़की को थानाध्यक्ष के पास कमरे में ले गई जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसके बाद लड़की को दोबारा मौसी को सौंप दिया गया. इसकी कोई भी सूचना लड़की के माता-पिता को नहीं दी गई.
बताया कि 30 अप्रैल को उसकी लड़की को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया. बच्ची की काउंसलिंग की गई तो उसने सारी घटना बताई. पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने मामला दर्ज करने के निर्देश दिए. एसपी के आदेश पर पुलिस ने चंदन, राजभान, हरीशंकर, महेंद्र चौरसिया, प्रभारी निरीक्षक तिलकधारी सरोज और गुलाबबाई अहिरवार के खिलाफ धारा मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है. पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जाएगी. पुलिस ने आरोपी महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
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