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ललितपुरः 13 वर्ष पुराने अपहरण व हत्याकांड में 6 को आजीवन कारावास - ruby raja abduction

यूपी के ललितपुर जिले का बहुचर्चित रूबी राजा अपरहण और नंदराम हत्याकांड के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 9 अभियुक्तों में से 6 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 1,62,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में एक अभियुक्त फरार चल रहा है. जबकि 2 का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है.

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6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास
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Published : Oct 25, 2020, 1:31 AM IST

ललितपुरः जिले के बहुचर्चित रूबी राजा अपहरण और नंदराम हत्याकांड के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 9 अभियुक्तों में से 6 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 1,62,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में एक अभियुक्त फरार चल रहा है. जबकि 2 का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है.

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.

13 साल पुराना है मामला

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने बताया कि 13 वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2007 को कोतवाली तालबेहट अंतर्गत ग्राम कडेसरा खुर्द निवासी महाराज सिंह पुत्र आसाराम यादव ने कोतवाली तालबेहट में तहरीर देकर बताया कि जुलाई 2006 में उसने गांव की ही रूबी राजा पत्नी लक्ष्मण सिंह बुंदेला से शादी कर ली थी. दोनों पति-पत्नी की तरह गांव में रहने लगे थे. इससे लक्ष्मण समेत अन्य लोग भी उससे और परिवार से रंजिश रखने लगे थे. 23 जनवरी को उनका बड़ा भाई नंदराम अपनी मोटरसाइकिल से गांव के जगदीश के साथ तालबेहट से वापस अपने घर जा रहा था. शाम को टेढ़ा रेमजा की पुलिया के पास से गुजर रहे थे. वहां घात लगाकर लक्ष्मण सिंह अपने साथियों के साथ छिपे थे.

उन्होंने जगदीश को डरा धमका कर भगा दिया. इसके बाद नंदराम को तमंचे से गोली मार दी. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना पुलिया पर बैठे लोगों ने देखी. कुछ देर बाद गांव में पहुंचे जगदीश ने इस घटना की जानकारी दी. साथ ही हमलावर उसकी पत्नी रूबी राजा का अपहरण कर ले गए थे. इस मामले में पुलिस ने 9 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.

वारदात से इलाके में फैल गई थी दहशत
सरेआम हुई इस वारदात से इलाके में दहशत फैल गई थी. सूचना पर तत्कालीन क्षेत्र अधिकारी तालबेट के नेतृत्व में कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा था. पुलिस ने सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था. इस समय सभी अभियुक्त जमानत पर थे. इसके बाद न्यायालय के सत्र परीक्षण के दौरान कोर्ट ने नामजद अभियुक्तों को दोषी माना. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अपर जिला शासकीय अधिवक्ता की दलीलों, गवाहों के बयानों और साक्ष्यों को आधार मानकर 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 1,62,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को 10 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पुलिस ने सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया है.

दो आरोपी थे नाबालिग

शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने बताया कि लगभग 13 वर्ष पूर्व नंदराम हत्याकांड में 9 अभियुक्त थे. 2 नाबालिग घोषित कर गए थे. जिनका किशोर बोर्ड में मामला चल रहा था. 7 आरोपियों का मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था. आज 6 आरोपियों को न्यायालय द्वारा साक्ष्य के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

ललितपुरः जिले के बहुचर्चित रूबी राजा अपहरण और नंदराम हत्याकांड के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 9 अभियुक्तों में से 6 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 1,62,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में एक अभियुक्त फरार चल रहा है. जबकि 2 का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है.

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता.

13 साल पुराना है मामला

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने बताया कि 13 वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2007 को कोतवाली तालबेहट अंतर्गत ग्राम कडेसरा खुर्द निवासी महाराज सिंह पुत्र आसाराम यादव ने कोतवाली तालबेहट में तहरीर देकर बताया कि जुलाई 2006 में उसने गांव की ही रूबी राजा पत्नी लक्ष्मण सिंह बुंदेला से शादी कर ली थी. दोनों पति-पत्नी की तरह गांव में रहने लगे थे. इससे लक्ष्मण समेत अन्य लोग भी उससे और परिवार से रंजिश रखने लगे थे. 23 जनवरी को उनका बड़ा भाई नंदराम अपनी मोटरसाइकिल से गांव के जगदीश के साथ तालबेहट से वापस अपने घर जा रहा था. शाम को टेढ़ा रेमजा की पुलिया के पास से गुजर रहे थे. वहां घात लगाकर लक्ष्मण सिंह अपने साथियों के साथ छिपे थे.

उन्होंने जगदीश को डरा धमका कर भगा दिया. इसके बाद नंदराम को तमंचे से गोली मार दी. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना पुलिया पर बैठे लोगों ने देखी. कुछ देर बाद गांव में पहुंचे जगदीश ने इस घटना की जानकारी दी. साथ ही हमलावर उसकी पत्नी रूबी राजा का अपहरण कर ले गए थे. इस मामले में पुलिस ने 9 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.

वारदात से इलाके में फैल गई थी दहशत
सरेआम हुई इस वारदात से इलाके में दहशत फैल गई थी. सूचना पर तत्कालीन क्षेत्र अधिकारी तालबेट के नेतृत्व में कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा था. पुलिस ने सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था. इस समय सभी अभियुक्त जमानत पर थे. इसके बाद न्यायालय के सत्र परीक्षण के दौरान कोर्ट ने नामजद अभियुक्तों को दोषी माना. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अपर जिला शासकीय अधिवक्ता की दलीलों, गवाहों के बयानों और साक्ष्यों को आधार मानकर 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 1,62,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को 10 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पुलिस ने सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया है.

दो आरोपी थे नाबालिग

शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने बताया कि लगभग 13 वर्ष पूर्व नंदराम हत्याकांड में 9 अभियुक्त थे. 2 नाबालिग घोषित कर गए थे. जिनका किशोर बोर्ड में मामला चल रहा था. 7 आरोपियों का मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था. आज 6 आरोपियों को न्यायालय द्वारा साक्ष्य के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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