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ललितपुर: नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से 1.5 लाख की ठगी, परिवार सहित अनशन पर बैठा पीड़ित

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Published : Nov 1, 2019, 5:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में युवक के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित युवक का कहना है कि उसे नौकरी दिलाने के नाम चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने उससे 1.5 लाख रुपये की ठगी की है. पीड़ित युवक परिवार सहित अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग पर अनशन पर बैठ गया.

परिवार सहित अनशन पर बैठा पीड़ित.

ललितपुर: सदर कोतवाली क्षेत्र में एक युवक से विभागीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर 1.5 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित युवक विजय कुमार परिवार सहित विधिक माप विज्ञान विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा के खिलाफ अनशन पर बैठ गया है. पीड़ित की मांग है कि उमेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जाये.

नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से ठगी.

अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
विजय कुमार जिले के मोहल्ला नेहरू नगर का निवासी है. उसने विधिक माप विज्ञान विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने इस संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के अलावा प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर अवगत कराया है.

चालक के रुप में किया काम
पीड़ित ने ज्ञापन में बताया है कि वह विभागीय अधिकारी के अंडर में वर्ष 2011-13 तक चार पहिया वाहन चालक के रूप में कार्य कर रहा था. जिसके एवज में वह दैनिक वेतन भी दिया करते थे. इस कार्यकाल का पूरा विवरण और निरीक्षण के समय किये गए सरकारी विभिन्न रजिस्टर मूवमेंट, आवागवन पंजीयन रजिस्टर पर उससे हस्ताक्षर कराये गए. इस प्रकार उसने 22 महीने तक विभागीय वाहन के चालक के रूप में कार्य किया.

नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी
आरोप है कि चालक के रूप में कार्य के दौरान कार्यालय में तैनात उमेश शर्मा ने विजय को अनुसूचित वर्ग के नाम पर गुमराह किया और आरक्षण के तहत विभाग में नियमित रूप से नौकरी लगवाए जाने की बात कही. नौकरी लगवाने के एवज में उमेश ने 1.5 लाख रुपये की ठगी की. पैसे दिए करीब 5 वर्ष होने वाले हैं, न तो किसी भी तरह की नौकरी दी गई और न ही दिए गए पैसे वापस किये गए.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर ग्रामीणों से ठगी, अधिकारियों के लगा रहे चक्कर

जब पीड़ित विजय ने कर्मचारी उमेश से अपने पैसे वापस करने को कहा तो उनके द्वारा जातिसूचक गाली देते हुए तरह तरह की धमकियां दी जा रही हैं. जिसके चलते पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सम्पूर्ण मामले की शिकायत भी की है और विभागीय उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है. हैरानी की बात तो यह है कि जिले के विधिक निरीक्षण विभाग के कार्यालय में एक चपरासी अपने अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर अपने आपको विभाग का प्रभारी अधिकारी और कार्यालय का बाबू बताकर कार्य करता है.

मेरा प्रमोशन रुका हुआ है अभी चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात हूं. स्टाफ के अभाव में विधिक निरीक्षण अधिकारी के मौखिक आदेश अनुसार कार्यालय में क्लर्क पद का प्रभारी के रूप में कार्यरत हूं. हमारे विरुद्ध में जो परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं वह फर्जी आरोप लगा रहे हैं.
-उमेश शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, विधिक माप विज्ञान विभाग

ललितपुर: सदर कोतवाली क्षेत्र में एक युवक से विभागीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर 1.5 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित युवक विजय कुमार परिवार सहित विधिक माप विज्ञान विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा के खिलाफ अनशन पर बैठ गया है. पीड़ित की मांग है कि उमेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जाये.

नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से ठगी.

अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
विजय कुमार जिले के मोहल्ला नेहरू नगर का निवासी है. उसने विधिक माप विज्ञान विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने इस संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के अलावा प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर अवगत कराया है.

चालक के रुप में किया काम
पीड़ित ने ज्ञापन में बताया है कि वह विभागीय अधिकारी के अंडर में वर्ष 2011-13 तक चार पहिया वाहन चालक के रूप में कार्य कर रहा था. जिसके एवज में वह दैनिक वेतन भी दिया करते थे. इस कार्यकाल का पूरा विवरण और निरीक्षण के समय किये गए सरकारी विभिन्न रजिस्टर मूवमेंट, आवागवन पंजीयन रजिस्टर पर उससे हस्ताक्षर कराये गए. इस प्रकार उसने 22 महीने तक विभागीय वाहन के चालक के रूप में कार्य किया.

नौकरी दिलाने के नाम पर की ठगी
आरोप है कि चालक के रूप में कार्य के दौरान कार्यालय में तैनात उमेश शर्मा ने विजय को अनुसूचित वर्ग के नाम पर गुमराह किया और आरक्षण के तहत विभाग में नियमित रूप से नौकरी लगवाए जाने की बात कही. नौकरी लगवाने के एवज में उमेश ने 1.5 लाख रुपये की ठगी की. पैसे दिए करीब 5 वर्ष होने वाले हैं, न तो किसी भी तरह की नौकरी दी गई और न ही दिए गए पैसे वापस किये गए.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर ग्रामीणों से ठगी, अधिकारियों के लगा रहे चक्कर

जब पीड़ित विजय ने कर्मचारी उमेश से अपने पैसे वापस करने को कहा तो उनके द्वारा जातिसूचक गाली देते हुए तरह तरह की धमकियां दी जा रही हैं. जिसके चलते पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सम्पूर्ण मामले की शिकायत भी की है और विभागीय उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है. हैरानी की बात तो यह है कि जिले के विधिक निरीक्षण विभाग के कार्यालय में एक चपरासी अपने अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर अपने आपको विभाग का प्रभारी अधिकारी और कार्यालय का बाबू बताकर कार्य करता है.

मेरा प्रमोशन रुका हुआ है अभी चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात हूं. स्टाफ के अभाव में विधिक निरीक्षण अधिकारी के मौखिक आदेश अनुसार कार्यालय में क्लर्क पद का प्रभारी के रूप में कार्यरत हूं. हमारे विरुद्ध में जो परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं वह फर्जी आरोप लगा रहे हैं.
-उमेश शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, विधिक माप विज्ञान विभाग

Intro:एंकर-ललितपुर सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत एक गाड़ी ड्राइवर से विभागीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा नौकरी दिलाये जाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. जिसके चलते आज स्टेशन रोड सिविल लाइन स्थित विधिक माप विज्ञान विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा के विरुद्ध धोखाधड़ी व कानूनी कार्यवाही कराये जाने की मांग को लेकर नेहरूनगर निवासी विजय कुमार अहिरवार अपने बच्चों सहित परिवार के साथ विभाग के मुख्य द्वार पर कल से ही आमरण अनशन पर बैठा हुआ है. Body:वीओ-बताते चले कि मोहल्ला नेहरू नगर निवासी विजय कुमार ने इस संबंध में कई जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के अलावा प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को दिए ज्ञापन में अवगत कराया है कि वह विभागीय अधिकारी के अंडर में वर्ष 2011 से 13 तक चार पहिया वाहन चालक के रूप में कार्य करता आ रहा है.जिसके एवज में वह दैनिक वेतन भी दिया करते थे.इस कार्यकाल का पूरा विवरण व निरीक्षण के समय किये गए सरकारी विभिन्न रजिस्टर मूवमेंट,आवागवन पंजीयन रजिस्टर पर उससे हस्ताक्षर कराये गए. इस प्रकार उसने 22 महीने तक विभागीय वाहन के चालक के रूप में कार्य किया.इसी दौरान कार्यालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश शर्मा ने प्रार्थी को अनुसूचित वर्ग के नाम पर गुमराह करके आरक्षण के तहत विभाग में नियमित रूप से नौकरी लगवाए जाने के एवज में डेढ लाख रुपये की ठगी कर ली थी,पैसे दिए करीब 5 बर्ष होने को हैं, न तो किसी भी तरह की नौकरी दी गई न ही दिए गए पैसे वापिस किये गए.जब प्रार्थी ने उक्त कर्मचारी से अपने पैसे वापिस करने को कहा तो उनके द्वारा जाती सूचक गाली देते हुए प्रार्थी को तरह तरह की धमकियों से भयभीत किया जा रहा है.इसके चलते प्रार्थी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सम्पूर्ण मामले की शिकायत भी की है और विभागीय उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है.बिडम्बना की बात तो यह है कि ललितपुर के विधिक निरीक्षण विभाग के कार्यालय में एक चपरासी अपने अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर अपने आपको विभाग का प्रभारी अधिकारी एवं कार्यालय का बाबू बताकर कार्य करता है.
बाइट-विजय कुमार अहिरवार (पीड़ित)
Conclusion:बाइट-वहीं जब विभाग के कर्मचारी से इस मामले को लेकर वार्ता की गई तो बताया कि प्रमोशन रुका हुआ है अभी चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात हूं.स्टाफ के अभाव में बिधिक निरीक्षण अधिकारी के मौखिक आदेश अनुसार कार्यालय में क्लर्क पद का प्रभारी के रूप में कार्यरत हूँ, हमारे विरुद्ध में जो परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं वह फ़र्ज़ी आरोप लगा रहे हैं। रही बात नौकरी के नाम पर डेढ़ लाख रुपये लेने की तो क्या उनके पास कोई साक्ष्य-प्रमाण या गवाह है

बाइट-उमेश शर्मा (विधिक माप विज्ञान विभाग, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी)


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