लखीमपुर खीरी: यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. टाइगर रिजर्व में लगे अमलताश के पेड़ से रुक-रुककर पिचकारी की तरह फव्वारा निकल रहा है. चौंक गए न, लेकिन ये सच है. इस अजीबो-गरीब नजारे को जब दुधवा टाइगर रिजर्व के एक फॉरेस्टर ने देखा तो वह भी अवाक रह गया. फॉरेस्टर ने इसका एक वीडियो भी बनाया है. इस खबर के बाद आस-पास के लोग इसे जंगल देवी का चमत्कार मानने लगे हैं.
हालांकि दुधवा के पूर्व डायरेक्टर और दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पाण्डेय ने इसको ट्वीट भी किया है. रमेश पाण्डेय का कहना है कि ये कोई चमत्कार नहीं बल्कि प्राकृतिक क्रिया है.
दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में फॉरेस्टर सुरेन्द्र कुमार मैंलानी रेंज की जटपुरा बीट में गश्त पर थे. तभी जंगल में लगे एक अमलताश के पेड़ के नीचे से गुजरते वक्त सुरेन्द्र के ऊपर कुछ पानी सा गिरा. उन्होंने ऊपर नजर उठाई तो अमलताश के पेड़ की टहनियों से पिचकारी की तरह पानी फव्वारे के रूप में निकल रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कोई पिचकारी चला रहा हो. सुरेन्द्र कुमार ने जब यह नजारा देख तो पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. फिर उन्होंने गौर से देखा और फव्वारे का वीडियो भी बनाया. इस खबर के बाद आसपास के लोग इसे जंगल देवी का चमत्कार मानने लगे. उनका कहना है कि इस बार बारिश अच्छी हो रही है ये उसी का कोई संकेत है. जंगल भी इस बार खूब हरे भरे हो गए हैं. लोग अमलताश की पूजा भी करने लगे हैं.
पेड़ से पानी गिरने की प्रक्रिया को दुधवा के पूर्व फील्ड डायरेक्टर रहे और वर्तमान में दिल्ली जू के निदेशक रमेश पाण्डेय एक रेयर प्राकृतिक क्रिया बताते हैं. उन्होंने इसे गटेशन बताया है. चूंकि अमलताश का पेड़ बड़ी नहर के किनारे लगा है और इस बार जून से ही अच्छी बारिश हो रही, इसलिए इस पेड़ ने ज्यादा पानी सोख लिया होगा. जब कोई पेड़ ज्यादा पानी सोख लेता है तो वह कभी-कभी पेड़ की टहनियों के रन्ध्रों से अतिरिक्त पानी प्रेशर से ऐसे ही निकालता है. ये प्रक्रिया कभी-कभी ही दिखाई देती है. फिलहाल पिचकारी वाला ये अमलताश का पेड़ इलाके में कौतूहल का विषय बना हुआ है.
बता दें कि दुधवा टाइगर रिजर्व में अमलताश के पेड़ से पानी निकलना कोई अनोखी बात नहीं है. इससे पहले ऐसी ही क्रिया लगभग दो साल पहले अलीगढ़ में भी देखी जा चुकी है. वहां भी नीम के पेड़ से मीठे पानी के रिसने की खबर आई थी.