लखीमपुर खीरी: यूपी के नेपाल बॉर्डर से टेरर फंडिंग के नाइजीरियाई कनेक्शन का खुलासा यूपी एटीएस ने किया है. टेरर फंडिंग गिरोह के मास्टर माइंड समेत तीन नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर एटीएस ने अदालत में पेश किया.
एटीएस का दावा है कि तीनों को मुबंई से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, भारतीय सिमकार्ड और पेन ड्राइव समेत काफी सामान बरामद हुआ है. गिरोह का मास्टर माइंड नाइजीरियाई नागरिक है. इस गिरोह ने बैंक खातों को हैक करके करोड़ों रुपये उड़ाए हैं.
इस तरह हुआ खुलासा
खीरी जिले की निघासन पुलिस ने टेरर फंडिंग में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ के बाद इस गिरोह के बारे में जानकारी मिली. एटीएस को पता चला कि टेरर फंडिंग मामले के मुख्य साजिशकर्ता एक नाइजीरियाई और अन्य भारतीय नागरिक हैं. पूरे मामले में एक आरोपी 23 अक्टूबर को जबकि दो आरोपी 24 अक्तूबर को मुंबई से गिरफ्तार किए गए. इसमें चिनवेउबा एमेका माइकल, पीटर हरमन अस्सेंगा और अर्जुन अशोक खराडे शामिल हैं.
पूछताछ में इन तीनों गिरफ्तार आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. इनके कब्जे से तीन लैपटॉप, 4 मोबाइल, 13 भारतीय सिमकार्ड, एक विदेशी सिमकार्ड, 13 डोंगल, दो पेन ड्राइव, तीन राऊटर, एक नाइजीरियाई पासपोर्ट व दो नाइजीरियाई पहचान पत्र बरामद हुए हैं.
एटीएस इस गैंग से यह पता करने की कोशिश कर रही है कि उनके द्वारा किन-किन देशों से और किन-किन देशों को पैसा ट्रांसफर किया गया है? आरोपियों ने एक-एक ट्रांजेक्शन में 10-10 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया है. ऐसे में एटीएस यह पता करने की कोशिश में है कि यह पैसा किन-किन गतिविधियों के लिए भेजा गया? विवेचना में 2.50 लाख अमेरिकन डालर के हस्तांतरण की बात प्रकाश में आई है.
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ऐसे में यह जानना बेहद अहम हो गया है कि इतनी बड़ी धनराशि किन-किन संस्थाओं या व्यक्तियों को भेजी गई है? पैसा ट्रांसफर करने के लिए किन-किन खातों का प्रयोग किया गया है? एटीएस इस सवाल पर भी पूछताछ करेगी कि इस धंधे में क्या कोई अन्य नेटवर्क भी है जो इनकी सहायता करता है? एटीएस तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है. एटीएस अभी इनकी रिमांड लेगी.