लखीमपुर खीरीः लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. सुबह से ही उनके घर मे होने की खबर मीडिया कर्मियों को लगी तो लखीमपुर खीरी में शहपुरा कोठी मोहल्ले स्थित घर के बाहर मीडिया कर्मी डट गए. टेनी बाहर नहीं निकले. जब वह निकले तो मीडिया कर्मियों ने बेटे आशीष की जमानत पर सवाल दागे. टेनी न बोले न किसी मीडियाकर्मी से रूबरू हुए. सुरक्षाकर्मियों के साथ कार में बैठकर वह कलेक्ट्रेट रोड पर स्थित अपने संसदीय कार्यालय पहुंच गए.
डीसीबी के चेयरमैन विनीत मनार, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह, अर्बन कोआपरेटिव बैंक अध्यक्ष पुष्पा सिंह, मंत्री अजय मिश्र के कार्यालय आए. काफी देर इंतजार के बाद देशभर से आई नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया के प्रतिनिधि जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी से मिलने उनके संसदीय कार्यालय पर पहुंचे और बेटे की जमानत पर उनसे प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कोई बात करने से साफ इनकार कर दिया. यह जरूर कहा कि कोई काम हो तो बताइए,वरना चाय पीजिए और जाइए. घर से भी वह मीडिया से बचते हुए निकल गए.
मंत्री टेनी एलआरपी चौराहे की तरफ काफिले को लेकर चल दिए. मीडिया कर्मी भी पीछे से पहुंच गए. ओयल कस्बे के पहले से मंत्री अजय मिश्र का काफिला कोटखेरवा गांव की तरफ मुड़ा. मंत्री बीजेपी के लखीमपुर सदर से प्रत्याशी योगेश वर्मा के समर्थन में एक जनसभा को सम्बोधित करने आए थे. यहां उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी की उपलब्धिय़ों का बखान किया. वह बोले हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसा नेतृत्व मिला है वहीं, जेपी नड्डा जैसा मार्गदर्शन करने वाला अध्यक्ष. उन्होंने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा. मंच से उतरते वक्त मंत्री टेनी को मीडिया ने एक बार फिर घेरा. यहां भी वह सवालों से बचते हुए निकल गए.
ये भी पढ़ेंः ADR रिपोर्ट: सपा में सर्वाधिक दागी तो भाजपा में करोड़पति प्रत्याशियों की भरमार
आशीष मिश्रा की बेल को लेकर किसान निराश
लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में तीन अक्टूबर को मंत्री पुत्र की तार से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में आशीष मिश्र को जमानत मिलने के बाद पीड़ित किसान परिवार और आम किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं. भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोर्ट के इस फैसले से हम किसान निराश हुए हैं. 'किसानों के कातिल को बेल और किसानों को जेल. ये कहां का न्याय है. इस फैसले ने आम किसानों को निराश किया है.' हमें अभी भी कोर्ट और संविधान पर भरोसा है. ये अधूरा न्याय है. अभी मंत्री पुत्र को 302 और 120 बी में छूट नहीं मिली है. हम संयुक्त किसान यूनियन के पदाधिकारियो से सम्पर्क में हैं और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.' गौरतलब है कि बुधवार को के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने तिकुनिया हिंसा मामले में किसानों पर थार चढ़ा कर हत्या के मामले में जमानत दे दी है. कोर्ट के फैसले के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि 'सत्ता के सरंक्षण में मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचला. सत्ता ने किसानों की न्याय को आस को कुचला.
यह था पूरा मामला
तीन अक्टूबर को तिकोनिया में किसान डिप्टी सीएम के बनवीरपुर जाते समय विरोध को इकट्ठा हुए थे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मोनू पर आरोप है कि मोनू ने अपने साथियों के साथ एक थार एक फार्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ियों से चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या कर दी थी. यूपी सरकार ने विपक्ष के हमलों के बीच जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर इस वीभत्स घटना पर निगरानी को रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच के आदेश निर्देश दिए थे. एसआईटी ने मंत्री पुत्र आशीष मिश्र समेत लखनऊ के कारोबारी अंकित दास समेत 14 आरोपियों के खिलाफ सुनियोजित साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की और एफआईआर में लगी धाराओं के अलावा आर्म्स एक्ट समेत कई गम्भीर धाराओं को बढा भी दिया. गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंत्री पुत्र आशीष मिश्र को बेल दे दी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप