लखीमपुर खीरी: जिले के तमोलीपुरवा गांव में सांपों का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यहां एक आठ साल के बच्चे को फिर एक जहरीले सांप ने डंस लिया है. बच्चे का इलाज चल रहा है. तमोलीपुरवा में फिर कई घरों में सांप देखे गए. एक जहरीले सांप को ग्रामीणों ने पकड़ा जो भारत में मिलने वाले चार सबसे जहरीले सांपों में से एक कॉमन करैत है. सांपों के जानकार फजलुर्रहमान ने बताया कि यह बेहद जहरीला सांप होता है.
तमोलीपुरवा गांव में सतीश के 8 साल के पुत्र लकी को एक जहरीले सांप ने पैर में डंस लिया. लकी गांव के पास के खेत में खेलने गया था. हालत बिगड़ती देख घर वाले उसको लेकर समरदहा के गोपाल पुरवा गांव लेकर पहुंचे, जहां झाड़-फूंक कर इलाज कराया गया. लकी को सांप काटने की खबर गांव में अफरा-तफरी मच गई. दो हजार की आबादी वाले तमोलीपुरवा गांव में पिछले एक महीने से सांपों का तांडव चल रहा है. यहां आए दिन किसी न किसी को सांप काट रहा है.
अब तक 5 लोगों को सांप ने डंसा
जहरीले सांपों के काटने से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. एक सप्ताह के भीतर गांव में 5 लोगों को सांप काट चुका है. लकी को सांप काटने के बाद गांव के ही श्रीराम के घर में एक जहरीला सांप निकला, जिसे ग्रामीणों ने बोरी में बंद कर लिया. गांव वालों ने ऐसे सांप कभी पहले नहीं देखे. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में अलग-अलग रंगों के सांप निकल रहे हैं, जो आए दिन किसी न किसी को डंसते हैं.
झाड़ फूंक के चक्कर में पड़े हैं ग्रामीण
गांव में पकड़े गए जहरीले सांप की पहचान करैत के रूप में हुई है. यह सांप काफी जहरीला होता है. अगर इसी तरीके के सांपों के काटने से मौत हो रही है तो यह बहुत ही खतरनाक है. इतने जहरीले सांप के काटने के बाद भी ग्रामीण झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े हैं. इलाके का स्वास्थ्य विभाग और न ही प्रशासन इस गांव की ओर ध्यान दे रहा है. ऐसे में तमोलीपुरवा गांव में लोग झाड़-फूंक के सहारे ही जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं.
अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत
तमोलीपुरवा गांव में करीब एक महीने से सांपों के निकलने का सिलसिला जारी है. सांप किसी न किसी को डंस रहे हैं. गांव वाले भी लापरवाह बने हुए हैं. जिन तीन लोगों को अब तक सांपों ने डंसा है, उनमें से दो की अस्पताल में मौत हो चुकी है और एक का इलाज चल रहा है. अस्पताल में हुई मौत के बाद अब गांव वालों में यह भ्रम फैल गया है कि सांप का इलाज अस्पताल में नहीं है. वहीं कुछ अन्य लोगों को सांप ने काटा उनमें से कुछ झाड़-फूंक कराकर ठीक हो गए. इस वजह से गांव वाले अब झाड़-फूंक में ज्यादा विश्वास कर रहे हैं.
कॉमन करैत देश के चार सबसे जहरीले सांपों में एक
दुधवा टाइगर रिजर्व में बरसों से काम कर रहे कर्तनियाघाट फाउंडेशन से जुड़े वाइल्ड लाइफर फजलुर्रहमान ने बताया कि कॉमन करैत देश के चार सबसे जहरीले सांपों में से एक है. इसकी करीब दस उप प्रजातियां हैं. इसे इंडियन करैत या ब्लू करैत भी कहते हैं. भारत और बांग्लादेश में ये कॉमन करैत सबसे जहरीले सांपों में एक हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अपने घरों के आसपास से लकड़ियां, कंडे और कबाड़ हटा देना चाहिए, क्योंकि ये सबसे ज्यादा यहीं छिपकर बैठते हैं. ग्रामीण रात में टार्च का प्रयोग करें. इसके साथ ही बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग करें, ताकि सांप के काटने से बचा जा सके.