लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में लगातार लोगों की जान लेकर आतंक फैला रही आदमखोर बाघिन आखिरकार पिंजड़े में कैद हो गई. बीती रात वन विभाग की टीम ने 21 मौतों की गुनहगार बाघिन को पकड़ने में सफलता पाई. बाघिन के पकड़े जाने से लोगों को बड़ी राहत मिली है.
फिलहाल अब वन विभाग के अफसरों के सामने ये बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि पकड़ी गई बाघिन वहीं है, जिसने पिछले 2 सालों में 21 लोगों को अपना शिकार बनाया. वहीं, पिछले 1 हफ्ते में ही 5 लोगों की मौत बाघिन के हमले में हो चुकी है. अब वन विभाग के आला अफसर यह सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं कि पिंजरे में फंसी बाघिन ही 'मैन ईटर' है या फिर कोई और?
दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में मजरा पूरा जंगल में पिछले 2 सालों से बाघों का खौफ है. यहां पिछले 2 सालों में 21 लोगों को बाघिन अपना निवाला बना चुकी है. इन घटनाओं में शुरुआत में वन विभाग की लापरवाही दिखाई दी. जहां पिछले 1 हफ्ते में बाघिन ने 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. जनता के आक्रोश और वनमंत्री के हस्तक्षेप के बाद वन विभाग के आला अधिकारी जागे और आदमखोर बाघिन को ट्रेस करने में टीमें लगाई गई. डब्लूडीआई और दुधवा पार्क प्रशासन ने इसकी पूरी कमान संभाली.
'वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया' के लोगों ने कैमरे लगाकर इलाके के बाघों को ट्रेस करना शुरू किया. कैमरा ट्रैप में मंझरा इलाके में दो बाघिन की उपस्थिति पाई गई, जिसमें एक बड़ी बाघिन और एक छोटी बाघिन है.
दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि पिंजड़े में एक बाघिन कैद हुई है. अभी ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये वही बाघिन है जो मैनईटर है या कोई दूसरी बाघिन मैनईटर है. फिलहाल अभी हम कुछ दिन इस बाघिन को पिंजरे में ही रखेंगे. बाघिन को सुरक्षित जगह पर जंगल में रखा गया है और इसके स्वास्थ्य का ध्यान भी डब्लूटीआई के डॉक्टर्स और एक्सपर्ट बराबर रखेंगे. हमारी दो-तीन टीमें बाघ प्रभावित गांवों और इलाकों में निगरानी बनाए हुए है.
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