लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व के इतिहास में पहली बार पांच शावकों को बाघिन ने जन्म दिया है. ये दुधवा टाइगर रिजर्व और वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है. बैंकाक से हाल में ही पुरस्कार लेकर लौटे दुधवा टाइगर रिजर्व के पूर्व डायरेक्टर रमेश पाण्डेय ने बताया कि यह दुधवा की टीम के प्रोटेक्शन वर्क का नतीजा है.
दुधवा किशनपुर सेंचुरी में दिखा नजारा
दुधवा में आए सैलानियों को इस पर्यटन सीजन के दूसरे दिन पांच शावकों के साथ बाघिन दिखी. इससे वाइल्ड लाइफ के शौकीन टूरिस्ट काफी उत्साहित हैं. दुधवा वाइल्डरनेस कैम्प में लखनऊ से आए पर्यटक दल को ये नजारा उस वक्त दिखा जब ये सफारी करने दुधवा के किशनपुर सेंचुरी गए थे.
बाघिन के साथ दिखे पांचों शावक
एक बाघिन आराम से कच्ची सड़क पर बैठी थी. बाघिन को देखकर पर्यटक ठिठक गए. उनके कैमरे तड़ातड़ फोटो लेने लगे पर थोड़ी देर बाद जो नजारा इन दुधवा सफारी ग्रुप के सदस्यों ने देखा तो अवाक रह गए. ग्रुप लीडर सिद्धार्थ सिंह कहते हैं ये मेरे लिए सपने की तरह था. एक-एक करके पांचों बाघ शावक, मां के पास आ रहे थे, जो एक अद्भुत दृश्य था.
कैमरे में कैद हुआ ये प्यारा सा लम्हा
दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र के दूसरे दिन ही लखनऊ से वाइल्ड लाइफ लवर्स का ये दल दुधवा सफारी को पहुंचा था. ये लोग जैसे ही शनिवार को किशनपुर वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी पहुंचे तो पांच शावकों के साथ बाघिन देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इनके कैमरे ये लम्हा कैद करने को फटाफट चलने लगे. वहीं दूर खड़े रहकर इन वाइल्डलाइफर्स ने जिप्सी से ही वीडियो भी बना ली.
प्रोटेक्शन वर्क का नतीजा
दुधवा के पूर्व फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय कहते हैं, दुधवा में पिछले सालों में एम स्ट्राइप से की गई गश्त और प्रोटेक्शन वर्क का ही ये नतीजा है, जो पांच-पांच शावक हुए हैं. पिछले साल बाघों की मेटिंग खूब हुई. इनको एकांत मिला, ये बड़ी खुशखबरी है.
ये दुधवा के लिए बड़ी खुशखबरी
दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर कहते हैं कि पिछले काफी समय से प्रोटेक्शन वर्क बढ़ाया गया है. जंगल को डिस्टर्बेंस मुक्त करने का प्रयास किया गया, जिसका परिणाम है, बाघों और बाघिन की मेटिंग हुई, जिसका परिणाम ये शावक हैं. हमें चार शावकों के साथ बाघिन की तस्वीरें पहले ही कैमरा ट्रैप में मिली थीं, पर पांच शावकों के साथ बाघिन सैलानियों को दिखी. हम शावकों और बाघिन की सुरक्षा के बंदोबस्त और तेजी से करेंगे. उस इलाके को पर्यटकों के लिए सुरक्षा कारणों से बन्द भी किया जा सकता है. ये दुधवा के लिए बड़ी खुशखबरी है.
इसे भी पढ़ें:- लखीमपुर खीरीः सैलानियों के लिए खुल गया दुधवा का द्वार