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दुधवा बफर जोन में बाघ ने 15 वर्षीय लड़के को खाया, खेत में मिला शव

लखीमपुर खीरी में बाघ के हमले लगातार हो रहे हैं. सोमवार को बाघ ने एक बार फिर एक लड़के को अपना शिकार बनाया. लड़के का शव खेत में अधखाया हुआ मिला.

लखीमपुर खीरी में बाघ का हमला.
लखीमपुर खीरी में बाघ का हमला.
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Published : Sep 20, 2022, 8:12 AM IST

Updated : Sep 20, 2022, 12:01 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में एक बाघ ने एक किशोर को अपना निवाला बना लिया. ये घटना सोमवार को दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के मंझरा पूरब के पास हुई. किशोर जानवरों का चारा लेने गन्ने के खेत में गया हुआ था. देर रात किशोर का शव गन्ने के खेत में अधखाया हुआ मिला. डीएफओ बफर जोन सुन्दरेशा ने इलाके में लोगों को खेतों में न जाने के लिए आगाह किया है.

दुधवा बफर जोन के तिकुनिया कोतवाली इलाके के पारस पुरवा गांव का 15 वर्षीय किशोर कृष्णा चौहान पुत्र पप्पू चौहान अपने जानवरों के लिए चारा लेने खेत में गया था. शाम को 5 बजे के बाद भी जब कृष्णा घर नहीं लौटा तो घरवालों ने ढूंढना शुरू किया. गन्ने के खेत में कृष्णा की बिखरी हुईं चप्पलें और खून मिला. देर शाम को पुलिस और फारेस्ट के कर्मचारियों को सूचना दी गई. गन्ने के खेत में ही थोड़ी दूर पर कृष्णा का शव अधखाया अवस्था में मिला. इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया. कहा जा रहा है कि किसी जंगली हिंसक जानवर ने ही कृष्णा को खा लिया है. ऐसी आशंका है कि मंझरा पूरब के बाघ ने ही कृष्णा को अपना निवाला बनाया है.

पारस पुरवा गांव, मंझरा पूरब और आसपास के पूरे इलाके में बाघ का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. पिछले एक साल में बाघ यहां पर करीब 24 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. अभी हाल ही में बाघ ने इस इलाके में एक किसान को अपना निवाला बनाया था. इससे लोगों को लग रहा है कि बाघ ने ही कृष्णा को अपना निवाला बनाया होगा.

वन विभाग के लिए फिर बढ़ी चिंता

वन विभाग की फिलहाल कृष्णा की मौत के बाद चिंता और बढ़ गई है. पिछले करीब तीन महीने पहले जंगल में एक महीने तक चले टाइगर ऑपरेशन के बाद वन विभाग और दुधवा पार्क प्रशासन ने दो बाघों को इस इलाके से पकड़ा था और पिंजरे में कैद किया था. इसमें से एक बाघ को 22 मौतों का जिम्मेदार मानते हुए लखनऊ जू भेज दिया गया था. अब इस घटना के बाद लगातार दो घटनाएं होने से वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर हैं. साथ ही चुनौती भी बढ़ गई है. आसपास के लोगों में भी वन विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

यह भी पढ़ें: पीलीभीत में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाई गई दलित किशोरी का अंतिम संस्कार, एसपी बोले- आरोपियों पर लगेगा गैंगस्टर

दुधवा बफर जोन के डीएफओ सुंदररेशा कहते हैं कि इस इलाके में बाघों की रियायत है. लोगों से अपील है कि वह इस इलाके में खेतों में अकेले न जाएं. अगर जाते हैं तो झुंड में जाएं और शोर मचाते हुए जाएं. डीएफओ सुंदरेसा ने कहा कि पूरे इलाके में वन विभाग की टीमों को लगा दिया गया है. लेकिन, लोगों का सहयोग भी बहुत जरूरी है. परिवार के साथ उनकी पूरी संवेदना है. मृतक परिवार को मुआवजा दिलवाया जाएगा.

लखीमपुर खीरी: जिले में एक बाघ ने एक किशोर को अपना निवाला बना लिया. ये घटना सोमवार को दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के मंझरा पूरब के पास हुई. किशोर जानवरों का चारा लेने गन्ने के खेत में गया हुआ था. देर रात किशोर का शव गन्ने के खेत में अधखाया हुआ मिला. डीएफओ बफर जोन सुन्दरेशा ने इलाके में लोगों को खेतों में न जाने के लिए आगाह किया है.

दुधवा बफर जोन के तिकुनिया कोतवाली इलाके के पारस पुरवा गांव का 15 वर्षीय किशोर कृष्णा चौहान पुत्र पप्पू चौहान अपने जानवरों के लिए चारा लेने खेत में गया था. शाम को 5 बजे के बाद भी जब कृष्णा घर नहीं लौटा तो घरवालों ने ढूंढना शुरू किया. गन्ने के खेत में कृष्णा की बिखरी हुईं चप्पलें और खून मिला. देर शाम को पुलिस और फारेस्ट के कर्मचारियों को सूचना दी गई. गन्ने के खेत में ही थोड़ी दूर पर कृष्णा का शव अधखाया अवस्था में मिला. इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया. कहा जा रहा है कि किसी जंगली हिंसक जानवर ने ही कृष्णा को खा लिया है. ऐसी आशंका है कि मंझरा पूरब के बाघ ने ही कृष्णा को अपना निवाला बनाया है.

पारस पुरवा गांव, मंझरा पूरब और आसपास के पूरे इलाके में बाघ का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. पिछले एक साल में बाघ यहां पर करीब 24 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. अभी हाल ही में बाघ ने इस इलाके में एक किसान को अपना निवाला बनाया था. इससे लोगों को लग रहा है कि बाघ ने ही कृष्णा को अपना निवाला बनाया होगा.

वन विभाग के लिए फिर बढ़ी चिंता

वन विभाग की फिलहाल कृष्णा की मौत के बाद चिंता और बढ़ गई है. पिछले करीब तीन महीने पहले जंगल में एक महीने तक चले टाइगर ऑपरेशन के बाद वन विभाग और दुधवा पार्क प्रशासन ने दो बाघों को इस इलाके से पकड़ा था और पिंजरे में कैद किया था. इसमें से एक बाघ को 22 मौतों का जिम्मेदार मानते हुए लखनऊ जू भेज दिया गया था. अब इस घटना के बाद लगातार दो घटनाएं होने से वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर हैं. साथ ही चुनौती भी बढ़ गई है. आसपास के लोगों में भी वन विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

यह भी पढ़ें: पीलीभीत में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाई गई दलित किशोरी का अंतिम संस्कार, एसपी बोले- आरोपियों पर लगेगा गैंगस्टर

दुधवा बफर जोन के डीएफओ सुंदररेशा कहते हैं कि इस इलाके में बाघों की रियायत है. लोगों से अपील है कि वह इस इलाके में खेतों में अकेले न जाएं. अगर जाते हैं तो झुंड में जाएं और शोर मचाते हुए जाएं. डीएफओ सुंदरेसा ने कहा कि पूरे इलाके में वन विभाग की टीमों को लगा दिया गया है. लेकिन, लोगों का सहयोग भी बहुत जरूरी है. परिवार के साथ उनकी पूरी संवेदना है. मृतक परिवार को मुआवजा दिलवाया जाएगा.

Last Updated : Sep 20, 2022, 12:01 PM IST
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