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ग्रामीण इलाके में घुसा बाघ, 10 हजार आबादी घरों में कैद

लखीमपुर खीरी से 5 किलोमीटर दूर सांडा गांव के आसपास के इलाकों में बाघ देखे गए हैं, जिसे लेकर लोगों में भारी खौफ है. खेतों में बाघों के पदचिन्ह देखते हुए वन विभाग ने भी इलाके में बाघ के आने की पुष्टि की है. दक्षिणखीरी वन प्रभाग की तरफ से ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए कैमरा ट्रैप लगाकर सर्च ऑपरेशन जारी है.

लखीमपुर के ग्रामीण इलाके में घुसा बाघ
लखीमपुर के ग्रामीण इलाके में घुसा बाघ
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Published : Dec 1, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 9:13 PM IST

लखीमपुर खीरी: बदलते मौसम के साथ जंगल से निकलकर बाघ रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके चलते जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर सांडा गांव के लगभग 10 हजार से ज्यादा आबादी घरों में कैद हो गई है. ग्रामीणों के मुताबिक इलाके में दो बार बाघ देखा जा चुका है. अभी भी खेतों में बाघों के पदचिह्न देखने को मिल रहे हैं. जिससे इलाके में एक खौफ का माहौल है. वन विभाग ने भी इलाके में बाघ के आने की पुष्टि की है. दक्षिण खीरी वन प्रभाग की तरफ से ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों की फोटो व लोकेशन लेने की कवायद शुरू कर दी है.

बाघ के पैरों के निशान
बाघ के पैरों के निशान
बता दें कि जिले के सांडा गांव के नजदीक ग्रामीणों को जंगल से निकले दो बाघों नजर आए. वन विभाग को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पदचिन्ह देखकर इलाके में बाघ होने की पुष्टि कर दी. ग्रामीणों के मुताबिक सांडा गांव के अलावा फूलबेहड़ के मेहंदी गांव के आसपास भी बाघों को देखा गया है. अंदेशा जताया जा रहा है कि मैच्योर हो चुके बच्चों को लेकर बाघिन इलाके में सुरक्षित स्थान ढूंढते हुए आई है.

काम्बिंग कर रही वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. शारदा नगर के वन दरोगा नागेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि दो बाघों के पदचिह्न मिले हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है. बाघ की निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं. फिलहाल एक कैमरा लगा है, कुछ और कैमरों का इंतजाम किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बुंदेलखंड में सपा मुखिया अखिलेश यादव की रथयात्रा का विरोध, फाड़ दी स्वागत में लगी होर्डिंग


बता दें कि इस वक्त इलाके में गन्ने की छिलाई चल रही है. सांडा गांव के आसपास बाघ दिखने की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई है. इसके चलते गन्ने के खेतों में किसान जाने से डर रहे हैं. वहीं, मजदूरों ने भी गन्ना छिलाई भी बंद कर दी है. जिसकी वजह से किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इलाके के लोग वन विभाग से जल्द ही बाघ को जंगल में भगाने की मांग कर रहे हैं.

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लखीमपुर खीरी: बदलते मौसम के साथ जंगल से निकलकर बाघ रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके चलते जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर सांडा गांव के लगभग 10 हजार से ज्यादा आबादी घरों में कैद हो गई है. ग्रामीणों के मुताबिक इलाके में दो बार बाघ देखा जा चुका है. अभी भी खेतों में बाघों के पदचिह्न देखने को मिल रहे हैं. जिससे इलाके में एक खौफ का माहौल है. वन विभाग ने भी इलाके में बाघ के आने की पुष्टि की है. दक्षिण खीरी वन प्रभाग की तरफ से ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों की फोटो व लोकेशन लेने की कवायद शुरू कर दी है.

बाघ के पैरों के निशान
बाघ के पैरों के निशान
बता दें कि जिले के सांडा गांव के नजदीक ग्रामीणों को जंगल से निकले दो बाघों नजर आए. वन विभाग को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पदचिन्ह देखकर इलाके में बाघ होने की पुष्टि कर दी. ग्रामीणों के मुताबिक सांडा गांव के अलावा फूलबेहड़ के मेहंदी गांव के आसपास भी बाघों को देखा गया है. अंदेशा जताया जा रहा है कि मैच्योर हो चुके बच्चों को लेकर बाघिन इलाके में सुरक्षित स्थान ढूंढते हुए आई है.

काम्बिंग कर रही वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. शारदा नगर के वन दरोगा नागेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि दो बाघों के पदचिह्न मिले हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है. बाघ की निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं. फिलहाल एक कैमरा लगा है, कुछ और कैमरों का इंतजाम किया जा रहा है.

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बता दें कि इस वक्त इलाके में गन्ने की छिलाई चल रही है. सांडा गांव के आसपास बाघ दिखने की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई है. इसके चलते गन्ने के खेतों में किसान जाने से डर रहे हैं. वहीं, मजदूरों ने भी गन्ना छिलाई भी बंद कर दी है. जिसकी वजह से किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इलाके के लोग वन विभाग से जल्द ही बाघ को जंगल में भगाने की मांग कर रहे हैं.

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Last Updated : Dec 1, 2021, 9:13 PM IST
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