लखीमपुर खीरी: बदलते मौसम के साथ जंगल से निकलकर बाघ रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं. इसके चलते जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर सांडा गांव के लगभग 10 हजार से ज्यादा आबादी घरों में कैद हो गई है. ग्रामीणों के मुताबिक इलाके में दो बार बाघ देखा जा चुका है. अभी भी खेतों में बाघों के पदचिह्न देखने को मिल रहे हैं. जिससे इलाके में एक खौफ का माहौल है. वन विभाग ने भी इलाके में बाघ के आने की पुष्टि की है. दक्षिण खीरी वन प्रभाग की तरफ से ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों की फोटो व लोकेशन लेने की कवायद शुरू कर दी है.
काम्बिंग कर रही वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. शारदा नगर के वन दरोगा नागेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि दो बाघों के पदचिह्न मिले हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है. बाघ की निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं. फिलहाल एक कैमरा लगा है, कुछ और कैमरों का इंतजाम किया जा रहा है.
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बता दें कि इस वक्त इलाके में गन्ने की छिलाई चल रही है. सांडा गांव के आसपास बाघ दिखने की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई है. इसके चलते गन्ने के खेतों में किसान जाने से डर रहे हैं. वहीं, मजदूरों ने भी गन्ना छिलाई भी बंद कर दी है. जिसकी वजह से किसानों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इलाके के लोग वन विभाग से जल्द ही बाघ को जंगल में भगाने की मांग कर रहे हैं.
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