लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में आदमखोर हो चुके बाघ ने तीन दिनों में दो लोगों पर हमलाकर मार डाला. अब तक इस इलाके में पिछले डेढ़ साल में 17 लोगों की जानें जा चुकीं हैं. ताजा घटना बीती रात की है. रात में बैलगाड़ी से जा रहे तीन युवकों की बैलगाड़ी पर बाघ ने झपट्टा मारकर एक युवक को दबोच कर जंगल में ले गया. बाघ युवक को खा गया. हादसा तिकुनिया कोतवाली इलाके के मंझरा पूरब जंगल का है.
दुधवा बफर जोन डीएफओ सुन्दरेशा ने बताया कि मंझरा जंगल इलाके में बाघ मौजूद है. इस संदर्भ में लोगों को पहले भी आगाह किया गया है. बावजूद इसके लोग जंगलों के किनारे जा रहे हैं. साथ ही जंगलों में जानवर चराने और अवैध दखलअंदाजी कर रहे हैं. इसकी वजह से ऐसे हादसे हो रहे हैं. उन्होंने लोगो से अपील की है कि लोग जंगलों में न जाए. गांववालों के मुताबिक पढुआ चौकी इलाके के शाहपुर गांव निवासी कमलेश अपने दो सालों राजू और कमलेश निवासी सेमरी के साथ बैलगाड़ी से जंगल में फूस लेन गए थे. रात करीब 9:15 बजे जैसे ही यह लोग मजरा स्टेशन के पास पहुंचे बाघ ने बैलगाड़ी पर हमला बोल दिया.
बाघ ने छलांग मारकर बैलगाड़ी के ऊपर से कमलेश को खींच लिया. बाघ कमलेश को खींच कर जंगल ले जा रहा था लेकिन कमलेश और राजू ने इसका विरोध किया. बाघ रेलवे स्टेशन के किनारे लगे तार की बाड़ में फंस गया जिससे कमलेश को छोड़कर बाघ जंगल में भाग गया. बाघ के झपट्टे और बाद में हुई छीना झपटी में आई चोटों और अत्यधिक खून बह जाने से कमलेश ने दम तोड़ दिया. इस मामले की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई.
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दो-तीन बाघ हैं जंगल में मौजूद : डीएफओ दुधवा बफर जोन सुंदरेशा ने बताया कि इस इलाके में बाघ काफी दिनों से विचरण कर रहा है. एक दो नहीं बल्कि दो तीन बाघ अलग-अलग इलाकों में मौजूद हैं. तीन दिन पहले भी एक युवक को बाघ ने अपना निवाला बना लिया था. डीएफओ ने जंगल किनारे किसी भी शख्स को जाने से मना किया है. इलाके में अपील की जा रही. डीएफओ सुंदरेशा का कहना है कि टीमों को निहरानी में लगाया गया है. लोगों से अपील भी की गई है कि वे जंगल किनारे न जाएं, वहां खतरा है.
तीन दिन पहले भी बाघ ने ली थी जान : आदमखोर हो चुके बाघ ने मझरा पूरब स्टेशन के पास ही 21 मई को एक युवक की जान ली थी. मजरा जंगल के पास गन्ने के खेत की गोड़ाई करने गए एक युवक को बाघ ने मार डाला था. मझरा पूरब के दुमेडा गांव निवासी महेश (30) अपने मामा रामविलास के खेत में गन्ने की गुड़ाई करने गए थे. रामनिवास गन्ने की गुड़ाई कर दोपहर में धूप की वजह से जंगल किनारे लगे पेड़ के पास आराम करने लगे. तभी जंगल से निकले बाघ ने उन पर हमला कर दिया. गर्दन से पकड़कर जंगल में खींच ले गया. चीख सुनकर उसका भाई और अन्य लोग शोर मचाते पीछे दौड़े तो बाघ महेश को छोड़कर भाग गया लेकिन तब तक बाघ के हमले में महेश की जान जा चुकी थी.
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