लखीमपुर खीरी: कोरोना के मरीजों से इलाज के लिए शासन द्वारा तय किए गए मानक से अधिक वसूली करने पर एक प्राइवेट अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है. मामला जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के शिखर अस्पताल का है. प्राइवेट हॉस्पिटल शिखर को डीएम ने कोविड-अस्पताल के रूप में मरीजों का इलाज करने के लिए अधिकृत किया था, पर शुरुआत से ही शिखर अस्पताल पर गंभीर अनियमितता और ज्यादा वसूली के आरोप लगने शुरू हो गए थे.
अस्पताल पर अधिक पैसे लेने का आरोप
अस्पताल में कई मरीजों की मौत और ऑक्सीजन की कमी के चलते मनमाना शुल्क वसूले जाने की शिकायतें मिली. चार दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें शिखर अस्पताल से कोई सख्श उसके रेट पूछ रहा है, जिसमें शिखर अस्पताल से ही कोई ऑडियो में 10 हजार भर्ती चार्ज, 15 हजार बेड चार्ज से लेकर पांच हजार ऑक्सीजन सिलेंडर और 15 हजार प्रति दिन दवाई की बात कह रहा है. इस ऑडियो के वायरल वायरल होने के बाद डीएम ने अस्पताल की जांच एसडीएम सदर और कोषाधिकारी की टीम बनाकर करवाई.
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जांच के बाद सच्चाई आई सामने
जांच में खुलासा हुआ कि मरीजों से लाखों रुपयों की वसूली की गई. एनिमा लगाने के डेढ़ लाख रुपए वसूले गए. रोज एक- एक मरीज से 10 से 15 हजार की दवा के चार्ज के नाम पर पैसा वसूला गया. इसके अलावा ऑक्सीजन बेड चार्ज के नाम पर भी सरकारी नियमों का उल्लंघन किया गया. रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया.
क्या कहा डीएम ने
डीएम शैलेंद्र सिंह का कहना है कि शिखर अस्पताल को प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए चयनित किया था, लेकिन लगातार इस अस्पताल के खिलाफ अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं. 5 लोगों की टीम को अस्पताल की जांच करने के निर्देश दिए गए थे. जांच के दौरान अस्पताल में भारी अनियमितताएं पायी गई हैं. इसके चलते अस्पताल के लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया गया है. 24 घंटे में अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा गया है. अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अग्रिम विधिक कार्रवाई के लिए अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है.