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लखीमपुर खीरी: गांव पहुंचे जंगली हाथी के साथ लड़कों ने ली सेल्फी

लखीमपुर खीरी में भारत-नेपाल सीमा के चौगुर्जी गांव में 12 से ज्यादा हाथियों के दल के गांव में घुसने से हड़कंप मच गया. इस बीच हाथियों के आने के रोमांच भरे पलों को कुछ युवाओं ने सेल्फी लेकर अपने मोबाइल में कैद कर लिया.

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जंगली हाथी के साथ लड़कों ने ली सेल्फी
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Published : Apr 13, 2020, 4:19 PM IST

लखीमपुर खीरीः कोरोना वायरस के खतरे के बीच लॉकडाउन में भारत-नेपाल सीमा के चौगुर्जी गांव में 12 से ज्यादा जंगली हाथी घुस आए. हाथियों ने गांव के आसपास किसानों की फसलों को रौंदकर गांव के आबादी में घुसने की कोशिश भी की. किसानों ने ढोल नगाड़े और शोर मचाकर हाथियों को खदेड़ दिया. इस बीच हाथियों के आने के रोमांच भरे पलों को कुछ युवाओं ने सेल्फी लेकर अपने मोबाइल में कैद कर लिया.

हाथियों के आने से हड़कम्प

मोहाना नदी के पार नेपाल की तरफ बसे चौगुर्जी गांव में हाथियों के आने से हड़कम्प मच गया. गांव के मुन्नालाल, कन्हैयालाल, लक्ष्मण, सुखविंदर आदि की गेहूँ की फसल को रौंदते हुए गांव की तरफ बढ़ रहे हाथियों को देख गांव वालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. जंगली हाथी शोर सुनकर भाग गए, पर एक-दो हाथी आखिर तक गांव के पास पानी से नहाते रहे. गांव के सुनील नामक लड़के ने एक जंगली हाथी के साथ सेल्फी भी ली. सुनील कहते हैं कि ये रोमांच से भरे पल थे.

हाथियों की तलाश में टीम

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन के डीएफओ डॉ.अनिल कुमार पटेल ने बताया कि 12 से ज्यादा हाथियों का दल इन दिनों दुधवा के जंगलों से निकलकर आ गयी है. हमारी टीमें निगरानी कर रही हैं. वो खुद ब खुद जंगल में चले जाते है. हम लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और जंगली हाथियों से बचने के उपाय भी बता रहे हैं.

दुधवा टाइगर रिजर्व में आने-जाने का है कॉरिडोर

इंडो नेपाल बॉर्डर का इलाका होने के चलते इस इलाके में अक्सर हाथियों का दल आता रहता है. तराई में हाथियों का नेपाल के वर्दियां नेशनल पार्क और दुधवा टाइगर रिजर्व में आने-जाने का ये कॉरिडोर है. ये हाथी नेपाल के जंगलों से निकलकर भारत के दुधवा टाइगर रिजर्व होते हुए उत्तराखंड के जंगलों में चले जाते हैं.

लखीमपुर खीरीः कोरोना वायरस के खतरे के बीच लॉकडाउन में भारत-नेपाल सीमा के चौगुर्जी गांव में 12 से ज्यादा जंगली हाथी घुस आए. हाथियों ने गांव के आसपास किसानों की फसलों को रौंदकर गांव के आबादी में घुसने की कोशिश भी की. किसानों ने ढोल नगाड़े और शोर मचाकर हाथियों को खदेड़ दिया. इस बीच हाथियों के आने के रोमांच भरे पलों को कुछ युवाओं ने सेल्फी लेकर अपने मोबाइल में कैद कर लिया.

हाथियों के आने से हड़कम्प

मोहाना नदी के पार नेपाल की तरफ बसे चौगुर्जी गांव में हाथियों के आने से हड़कम्प मच गया. गांव के मुन्नालाल, कन्हैयालाल, लक्ष्मण, सुखविंदर आदि की गेहूँ की फसल को रौंदते हुए गांव की तरफ बढ़ रहे हाथियों को देख गांव वालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. जंगली हाथी शोर सुनकर भाग गए, पर एक-दो हाथी आखिर तक गांव के पास पानी से नहाते रहे. गांव के सुनील नामक लड़के ने एक जंगली हाथी के साथ सेल्फी भी ली. सुनील कहते हैं कि ये रोमांच से भरे पल थे.

हाथियों की तलाश में टीम

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन के डीएफओ डॉ.अनिल कुमार पटेल ने बताया कि 12 से ज्यादा हाथियों का दल इन दिनों दुधवा के जंगलों से निकलकर आ गयी है. हमारी टीमें निगरानी कर रही हैं. वो खुद ब खुद जंगल में चले जाते है. हम लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और जंगली हाथियों से बचने के उपाय भी बता रहे हैं.

दुधवा टाइगर रिजर्व में आने-जाने का है कॉरिडोर

इंडो नेपाल बॉर्डर का इलाका होने के चलते इस इलाके में अक्सर हाथियों का दल आता रहता है. तराई में हाथियों का नेपाल के वर्दियां नेशनल पार्क और दुधवा टाइगर रिजर्व में आने-जाने का ये कॉरिडोर है. ये हाथी नेपाल के जंगलों से निकलकर भारत के दुधवा टाइगर रिजर्व होते हुए उत्तराखंड के जंगलों में चले जाते हैं.

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