लखीमपुर खीरी: जिले में प्रशासन ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह व एसपी विजय दुल के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आबकारी-पुलिस-एनआरएलएम के अधिकारियों ने कच्ची शराब के धंधे में अपनी जड़ें जमाए हुए गांवों को चिन्हित किया है. वहां जनजागरूकता से महिलाओं को रोजगार से जोड़कर स्वाबलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम शुरू की है. चिन्हित ग्रामों में एक सैधरी गांव में डीएम-एसपी ने स्वयं पहुंचकर कच्ची शराब के धंधे में लिप्त महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर स्वाबलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि कच्ची शराब से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया.
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कच्ची शराब का गोरख धंधा दो परिवारों को बर्बाद करता. एक तो पीने वालों को, दूसरा पिलाने वालों को. उन्होंने बताया कि मान सम्मान से जीवन जीने हेतु इस धंधे को छोड़ना होगा. आजीविका के लिए दूसरे रास्तों को चयनकर महिलाएं स्वावलंबी एवं सशक्त बने. इसके लिए प्रशासन आपकी हर संभव मदद करेगा. आजीविका के रास्ते में एनआरएलएम समूह संजीवनी साबित होगा.
वहीं, एसपी ने कहा कि गांव में लोगों ने कच्ची शराब के धंधे को अपनी आजीविका का साधन बना रखा है. जिससे वह बदनामी का दंश भी झेल रहे हैं, ना चाहते हुए भी बच्चे व उनके परिवारीजन भी इस धंधे में संलिप्त होते जा रहे हैं. इस कुचक्र को तोड़ने में प्रशासन ने इन घरों की महिलाओं को एनआरएलएम समूहों से जोड़कर स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं से आवाहन किया गया है कि गांव पर लगे इस कलंक को अपनी मेहनत ईमानदारी, निष्ठा से मिटाए. इस धंधे को छोड़कर आजीविका के अन्य साधनों चुने तभी आपका सर्वांगीण विकास होगा. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंहऔर एसपी को विश्वास है कि यह गांव इस कुचक्र को तोड़कर अन्य गांव के लिए एक मिसाल पेश करेगा.