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लखीमपुर खीरी: गन्ने की पत्ती जलाने पर किसानों पर 23 लाख जुर्माना, 197 FIR दर्ज

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Published : Dec 18, 2019, 5:34 PM IST

यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गन्ने की पत्ती जलाने पर 23 लाख जुर्माना लगा है. साथ ही 197 किसानों पर एफआईआर दर्ज हुई हैं. दरअसल, किसानों से कई बार प्रशासन ने पत्नी जलाने को मना किया था, लेकिन किसान नहीं माने.

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गन्ने की पत्नी जलाने पर किसानों पर लगा जुर्माना.

लखीमपुर खीरी: जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों पर 23 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं इसके साथ ही 197 किसानों पर अब तक एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लगातार किसानों को पराली और गन्ने की पत्ती जलाने से मना किया जा रहा है, लेकिन जो किसान नहीं मान रहे हैं उन पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ रही है.

गन्ने की पत्नी जलाने पर किसानों पर लगा जुर्माना.

किसानों पर हुआ 23 लाख रुपये का जुर्माना
जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों को लगातार मना किया जा रहा और किसान अभी भी जहां-तहां पत्ती और पराली जला रहे हैं. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सख्त निर्देश हैं कि कहीं भी पत्ती और पराली न जलाई जाए. प्रशासन लगातार किसानों को जागरूक भी कर रहा है. साथ ही साथ पराली और पत्ती जलाने से होने वाले नुकसान को भी बता रहा है, लेकिन किसान फिर भी नहीं मान रहे हैं. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अब तक जिले में 301 घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिसमें पत्ती और पराली जलाने की घटनाएं शामिल हैं. किसानों पर अब तक 23 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं 197 एफआईआर भी जिले भर में दर्ज कराई जा चुकी हैं.

पढ़ें: गन्ने की 0238 प्रजाति में फैली लाइलाज बीमारी 'रेड रॉट'

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गन्ना विभाग अपने पोर्टल से लगातार प्रचार-प्रसार कर रहा है. कृषि विभाग भी 1,167 ग्राम प्रधानों से मीटिंग कर सभी को पत्ती खेत में मिलाने से होने वाले लाभों को बता रहा है. वहीं गो आश्रय स्थलों में भी गाय के गोबर के साथ पत्ती को मिलाकर खाद बनाने की व्यवस्थाएं जिले में की जा रही हैं. किसान पत्ती न जलाएं इसके लिए सरकार की तरफ से 154 ट्रेश मल्चर उपलब्ध कराए गए हैं.

लखीमपुर खीरी: जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों पर 23 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं इसके साथ ही 197 किसानों पर अब तक एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लगातार किसानों को पराली और गन्ने की पत्ती जलाने से मना किया जा रहा है, लेकिन जो किसान नहीं मान रहे हैं उन पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ रही है.

गन्ने की पत्नी जलाने पर किसानों पर लगा जुर्माना.

किसानों पर हुआ 23 लाख रुपये का जुर्माना
जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों को लगातार मना किया जा रहा और किसान अभी भी जहां-तहां पत्ती और पराली जला रहे हैं. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सख्त निर्देश हैं कि कहीं भी पत्ती और पराली न जलाई जाए. प्रशासन लगातार किसानों को जागरूक भी कर रहा है. साथ ही साथ पराली और पत्ती जलाने से होने वाले नुकसान को भी बता रहा है, लेकिन किसान फिर भी नहीं मान रहे हैं. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अब तक जिले में 301 घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिसमें पत्ती और पराली जलाने की घटनाएं शामिल हैं. किसानों पर अब तक 23 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं 197 एफआईआर भी जिले भर में दर्ज कराई जा चुकी हैं.

पढ़ें: गन्ने की 0238 प्रजाति में फैली लाइलाज बीमारी 'रेड रॉट'

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गन्ना विभाग अपने पोर्टल से लगातार प्रचार-प्रसार कर रहा है. कृषि विभाग भी 1,167 ग्राम प्रधानों से मीटिंग कर सभी को पत्ती खेत में मिलाने से होने वाले लाभों को बता रहा है. वहीं गो आश्रय स्थलों में भी गाय के गोबर के साथ पत्ती को मिलाकर खाद बनाने की व्यवस्थाएं जिले में की जा रही हैं. किसान पत्ती न जलाएं इसके लिए सरकार की तरफ से 154 ट्रेश मल्चर उपलब्ध कराए गए हैं.

Intro:लखीमपुर- यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों पर 23 लाख रुपए जुर्माना किया गया है वहीं 197 किसानों पर अब तक एफ आई आर दर्ज कराई जा चुकी है। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लगातार किसानों को पराली और गन्ने की पत्ती जलाने से मना किया जा रहा है पर जो किसान नहीं मान रहे हैं उन पर मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ रही है।


Body:लखीमपुर खीरी जिले में गन्ने की पत्ती और पराली जलाने पर किसानों को लगातार मना किया जा रहा और किसान अभी भी जहां-तहां पत्ती और पराली जला रहे हैं। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सख्त निर्देश हैं कि कहीं भी पत्ती और पराली न जलाई जाए। प्रशासन लगातार किसानों को जागरूक भी कर रहा है और पराली और पत्ती न जलाने से होने वाले लाभों को भी बता रहा है। पर किसान फिर भी कहीं गई नहीं मान रहे। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अब तक जिले में 301 घटनाएं प्रकाश में आई हैं। जिसमें पत्ती और पराली जलाने की घटनाएं शामिल हैं। किसानों पर अब तक 23 लाख रुपए जुर्माना किया गया है वहीं 197 एफआईआर भी जिले भर में दर्ज कराई जा चुकी है।


Conclusion:डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गन्ना विभाग अपने पोर्टल से लगातार प्रचार प्रसार कर रहा है कृषि विभाग भी 1167 ग्राम प्रधानों से मीटिंग कर सभी को पत्ती खेत में मिलाने से होने वाले लाभों को बता रहा है। गो आश्रय स्थलों में भी गाय के गोबर के साथ पत्ती को मिलाकर खाद बनाने की व्यवस्थाएं जिले में की जा रही हैं। किसान पत्ती नजर आए इसके लिए सरकार की तरफ से 154 ट्रेश मल्चर उपलब्ध कराए गए हैं। 49 चीनी मिलों ने और दो गन्ना विभाग के पास भी ट्रेश मल्चर हैं। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पेडी प्रबंधन के लिए 33 रैटून मैनेजर भी उपलब्ध कराए गए हैं जिनसे भी पत्ती खेत में ही मिल जाती है। डीएम श्री सिंह ने किसानों से अपील भी की कि वह अपने खेतों में है गन्ने की पत्ती को रोटावेटर या ट्रेश मल्चर से मिलाएं। जिससे उनके खेतों के सेहत ठीक होगी और और उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।
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