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लखीमपुर: नेपाल से जुडे़गा एनएच-730, वन मंत्रालय से मिली हरी झण्डी

इंडो नेपाल बॉर्डर के रुपईडीहा बॉर्डर को जोड़ने वाली आसाम रोड की हालत पिछले तीन सालों से जर्जर हो गई थी. सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे कि लोगों का निकलना मुश्किल हो गया था.अब जाकर बन मंत्रालय से स्वीकृति मिली है.

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Published : Jun 25, 2019, 5:21 PM IST

शैलेन्द्र कुमार सिंह,डीएम, खीरी

लखीमपुर: पीलीभीत,लखीमपुर और बहराइच जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है. भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से एनएच-730 के लिए एनओसी को हरी झंडी मिल गई है. अब खीरी जिले के लोगों को जल्द ही गड्ढों से निजात मिलेगी और हो रहे हादसों से भी राहत मिलेगी. खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह कहते हैं कि एनओसी मिल गई है. एक महीने में ही काम शुरू हो जाएगा.

वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय से एनएच 730 को मिली हरी झंडी

एनएच 730 को मिली हरी झंडी:

  • इंडो नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाली आसाम रोड की हालत पिछले तीन सालों से जर्जर हो गयी थी.
  • वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति न मिल पाने के चलते रोड का न बजट पास हो रहा था न ही काम.
  • सड़क पर इतने बड़े- बड़े गड्ढे बन गए थे कि लोगों का निकलना मुश्किल हो गया था.
  • विश्व प्रसिद्ध कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेपाल के इंटरनेशनल बॉर्डर को दिल्ली से बरेली, पीलीभीत खीरी को जोड़ता है.
  • पिछले दो सालों में ही करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है.

दो सालों से वन मंत्रालय की एनओसी न मिलने से सड़क निर्माण नही हो पा रहा था. अब मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है. एक महीने के भीतर ही एनएच बनना शुरू करा दिया जाएगा.
शैलेन्द्र कुमार सिंह,डीएम, खीरी

खीरी सांसद ने भी की थी पैरवी :
खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर और पर्यावरण मंत्रालय में पैरवी करके एनओसी जल्द दिलाने की सिफारिश की थी.शाहजहांपुर जिले की खुटार से लेकर गोला तक जंगल और इसके आगे भी 84 किलोमीटर में रिजर्व फॉरेस्ट होने से वन मंत्रालय से एनओसी नहीं मिल रही थी.अब वह एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एनएच को एनओसी दे दी है.अब जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा.

लखीमपुर: पीलीभीत,लखीमपुर और बहराइच जिले के लोगों के लिए खुशखबरी है. भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से एनएच-730 के लिए एनओसी को हरी झंडी मिल गई है. अब खीरी जिले के लोगों को जल्द ही गड्ढों से निजात मिलेगी और हो रहे हादसों से भी राहत मिलेगी. खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह कहते हैं कि एनओसी मिल गई है. एक महीने में ही काम शुरू हो जाएगा.

वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय से एनएच 730 को मिली हरी झंडी

एनएच 730 को मिली हरी झंडी:

  • इंडो नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाली आसाम रोड की हालत पिछले तीन सालों से जर्जर हो गयी थी.
  • वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति न मिल पाने के चलते रोड का न बजट पास हो रहा था न ही काम.
  • सड़क पर इतने बड़े- बड़े गड्ढे बन गए थे कि लोगों का निकलना मुश्किल हो गया था.
  • विश्व प्रसिद्ध कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेपाल के इंटरनेशनल बॉर्डर को दिल्ली से बरेली, पीलीभीत खीरी को जोड़ता है.
  • पिछले दो सालों में ही करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है.

दो सालों से वन मंत्रालय की एनओसी न मिलने से सड़क निर्माण नही हो पा रहा था. अब मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है. एक महीने के भीतर ही एनएच बनना शुरू करा दिया जाएगा.
शैलेन्द्र कुमार सिंह,डीएम, खीरी

खीरी सांसद ने भी की थी पैरवी :
खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर और पर्यावरण मंत्रालय में पैरवी करके एनओसी जल्द दिलाने की सिफारिश की थी.शाहजहांपुर जिले की खुटार से लेकर गोला तक जंगल और इसके आगे भी 84 किलोमीटर में रिजर्व फॉरेस्ट होने से वन मंत्रालय से एनओसी नहीं मिल रही थी.अब वह एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एनएच को एनओसी दे दी है.अब जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा.

Intro:लखीमपुर-पीलीभीत,लखीमपुर और बहराइच जिले के वाशिन्दों के लिए खुशखबरी है। भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय से एनएच 730 के लिए एनओसी को हरी झंडी मिल गई है। अब खीरी जिले के लोगों को जल्द ही गड्ढों से निजात मिलेगी और हो रहे हादसों से भी राहत मिलेगी। खीरी के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह कहते हैं कि एनओसी मिल गई है एक महीने में ही काम शुरू हो जाएगा।





Body:इंडो नेपाल बॉर्डर के रुपईडीहा बॉर्डर को जोड़ने वाली आसाम रोड की हालत पिछले तीन सालों से जर्जर हो गई। सड़क पर इतने बड़े बड़े गड्ढे बन गए थे कि लोगों का निकलना मुहाल हो गया। विश्व प्रसिद्ध कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेपाल के इंटरनेशनल बॉर्डर को दिल्ली से बरेली पीलीभीत खीरी होकर जोड़ने वाली इस रोड में गड्ढे इतने थे कि आए दिन बड़े बड़े हादसे होते रहते। पिछले दो सालों में ही करीब 100 लोगों की जानें गोला से लेकर सिसैया तक गड्ढो के चलते हो चुकी है। न जाने कितने चोटिल हुए।
दरसल ये रोड स्टेट हाई वे से तीन साल पहले ही एनएच में आ गई। इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति न मिल पाने के चलते रोड का न बजट पास हो रहा था न काम ही।


Conclusion:खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर और पर्यावरण मंत्रालय में पैरवी करके एनओसी जल्द दिलाने की सिफारिश की थी। शाहजहाँपुर जिले की खुटार से लेकर गोला तक जँगल और इसके आगे भी 84 किलोमीटर में रिजर्व फारेस्ट होने से वन मंत्रालय से एनओसी नहीं मिल रही थी। अब वह एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एनएच को एनओसी दे दी है। अब जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा।

दो सालों से वन मंत्रालय की एनओसी न मिलने से सड़क निर्माण नही हो पा रहा था। अब मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। एक महीने के भीतर ही एनएच बनना शुरू करा दिया जाएगा।
शैलेन्द्र कुमार सिंह(डीएम खीरी)
बाइट-शैलेन्द्र कुमार सिंह(डीएम खीरी)
पीटीसी-प्रशान्त पाण्डेय
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