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मिलों का पहिया घूमने से पहले सूखने लगा लखीमपुर का गन्ना - mailgunj in lakhimpur khiri

लखीमपुर खीरी जिले में चीनी मिलें अभी चली नहीं हैं पर किसानों के खेतों में तेजी से सूख रही 0238 वेरायटी ने किसानों को तबाह करना शुरू कर दिया है. बड़े किसान अभी इस लाल सड़न रोग की गिरफ्त में कम आए हैं पर छोटे किसानों के खेतों में कोरोना वायरस की तरह रेड रॉट असर फैल गया है और खेत सूखते जा रहे हैं.

लखीमपुर खीरी में सूख रही गन्ने की फसल दिखाते किसान.
लखीमपुर खीरी में सूख रही गन्ने की फसल दिखाते किसान.
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Published : Oct 21, 2020, 7:57 PM IST

लखीमपुर खीरीः यूपी में चीनी मिलें अभी चली नहीं पर किसानों के खेतों में तेजी से सूख रही 0238 वेरायटी ने किसानों को तबाह करना शुरू कर दिया है. बड़े किसान अभी इस लाल सड़न रोग की गिरफ्त में कम आए हैं पर छोटे किसानों के खेतों में कोरोना वायरस की तरह रेड रॉट फैल गया है. तेजी से यह रोग एक खेत से दूसरे खेत में फैलता जा रहा है.

लखीमपुर खीरी जिले में बड़े पैमाने पर अर्ली वेरायटी का 0238 गन्ना तेजी से सूख रहा है. कई किसानों के तो पूरे खेत ही सूख गए हैं. 0238 गन्ने का रकबा जिले में लगभग 80 फीसदी तक है. इसीलिए किसानों के साथ चीनी मिल संचालक भी इस बार गन्ने की कमी और रिकवरी को लेकर चिंतित हैं. यूपी में गन्ने की सीओ 0238 वेरायटी 2007 के आसपास आई थी. इस वेरायटी ने किसानों की किस्मत चमका दी. जिस किसान का एवरेज प्रति एकड़ 150-200 एकड़ था वह 0238 वेरायटी के आने के बाद डेढ़ से दो गुना हो गया, लेकिन अब पिछले तीन सालों से इस वेरायटी में सूखने की बीमारी लग गई.

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लखीमपुर खीरी के मैलगंज इलाके में सूखी गन्ने की फसल.

0238 वेरायटी से कई सालों तक किसानों को हुआ फायदा
अच्छा लाभ मिलने से चीनी के कटोरे खीरी जिले में 0238 वेरायटी करीब 80 फीसदी तक फैल गई है. अब अचानक इस वेरायटी में लाल सड़न रोग यानी 'रेड रॉट' आने लगा है. जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर सिसौना गांव के किसान रामसिंह अपने सूख रहे गन्ने की कटाई अभी से करने लगे हैं. उन्हें डर है कि उनकी पूरी फसल सूख जाएगी.


जिले में तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा अर्ली गन्ने का रकबा
लखीमपुर खीरी जिले में गन्ने का कुल रकबा 3,36,933 हेक्टेयर गन्ने का कुल रकबा है. इसमें अकेले ही 3.33 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अर्ली गन्ने का रकबा है. इस अर्ली गन्ने में भी सिर्फ एक वेरायटी 0238 का प्रतिशत 80 के करीब है. ये एक ही वेरायटी पर किसानों की डिपेंडेन्सी इस बार किसानों और चीनी मिलों दोनों पर भारी पड़ सकती है. कुछ किसानों की अनभिज्ञता और फसल चक्र न अपनाने से गन्ने की ये 0238 वेरायटी खराब होने लगी है.

बाइक पर बैठाकर गन्ने की फसल दिखायी
महेवागंज इलाके के किसान संजय कुमार ने ईटीवी भारत के संवाददाता को अपनी बाइक पर बिठा इलाके के खेतों में लग रही इस अनजान बीमारी को दिखाया. इस दौरान अपना खेत भी दिखाते हुए कहा कि एक एकड़ गन्ना बोया था जो तेजी से सूख रहा है. उन्होंने बताया कि 50 हजार लागत लगी थी करीब दो लाख रुपये का नुकसान इस बार होगा.

पहले चमकाया अब तबाह कर रहा अर्ली वैरायटी गन्ना
मैगलगंज इलाके के प्रगतिशील किसान कल्बे हसन का कहना है कि जिस तेजी से 0238 वेरायटी ने किसानों को चमकाया, उसी तेजी से गन्ने का कैंसर सब तबाह करे डाल रहा है. लोग अब जलाने के लिए गन्ने की सूखी फसल काट के ले जा रहे हैं. कुछ खेतों में तो गन्ने की छिलाई का पैसा भी पास से लगाना पड़ रहा है.

0238 वेरायटी गन्ने की पैदावार न करने की सलाह
जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश कुमार पटेल कहते हैं कि 0238 वेरायटी में रेड रॉड की शिकायतें आ रहीं हैं. हमने सर्वे कराया है करीब 14 हजार हेक्टेयर एरिया में लाल सड़न रोग लगा है. हम किसानों को 0238 वेरायटी को आगे न बढ़ाने को कह रहे हैं. किसानों को ये भी बताया जा रहा कि वो रेड रॉट लगे खेत में गन्ने की बोआई न करें. वहीं किसानों 13235, 84014, 15023 जैसी नई वेरायटी बोने के लिए कहा जा रहा है.

लखीमपुर खीरीः यूपी में चीनी मिलें अभी चली नहीं पर किसानों के खेतों में तेजी से सूख रही 0238 वेरायटी ने किसानों को तबाह करना शुरू कर दिया है. बड़े किसान अभी इस लाल सड़न रोग की गिरफ्त में कम आए हैं पर छोटे किसानों के खेतों में कोरोना वायरस की तरह रेड रॉट फैल गया है. तेजी से यह रोग एक खेत से दूसरे खेत में फैलता जा रहा है.

लखीमपुर खीरी जिले में बड़े पैमाने पर अर्ली वेरायटी का 0238 गन्ना तेजी से सूख रहा है. कई किसानों के तो पूरे खेत ही सूख गए हैं. 0238 गन्ने का रकबा जिले में लगभग 80 फीसदी तक है. इसीलिए किसानों के साथ चीनी मिल संचालक भी इस बार गन्ने की कमी और रिकवरी को लेकर चिंतित हैं. यूपी में गन्ने की सीओ 0238 वेरायटी 2007 के आसपास आई थी. इस वेरायटी ने किसानों की किस्मत चमका दी. जिस किसान का एवरेज प्रति एकड़ 150-200 एकड़ था वह 0238 वेरायटी के आने के बाद डेढ़ से दो गुना हो गया, लेकिन अब पिछले तीन सालों से इस वेरायटी में सूखने की बीमारी लग गई.

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लखीमपुर खीरी के मैलगंज इलाके में सूखी गन्ने की फसल.

0238 वेरायटी से कई सालों तक किसानों को हुआ फायदा
अच्छा लाभ मिलने से चीनी के कटोरे खीरी जिले में 0238 वेरायटी करीब 80 फीसदी तक फैल गई है. अब अचानक इस वेरायटी में लाल सड़न रोग यानी 'रेड रॉट' आने लगा है. जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर सिसौना गांव के किसान रामसिंह अपने सूख रहे गन्ने की कटाई अभी से करने लगे हैं. उन्हें डर है कि उनकी पूरी फसल सूख जाएगी.


जिले में तीन लाख हेक्टेयर से ज्यादा अर्ली गन्ने का रकबा
लखीमपुर खीरी जिले में गन्ने का कुल रकबा 3,36,933 हेक्टेयर गन्ने का कुल रकबा है. इसमें अकेले ही 3.33 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अर्ली गन्ने का रकबा है. इस अर्ली गन्ने में भी सिर्फ एक वेरायटी 0238 का प्रतिशत 80 के करीब है. ये एक ही वेरायटी पर किसानों की डिपेंडेन्सी इस बार किसानों और चीनी मिलों दोनों पर भारी पड़ सकती है. कुछ किसानों की अनभिज्ञता और फसल चक्र न अपनाने से गन्ने की ये 0238 वेरायटी खराब होने लगी है.

बाइक पर बैठाकर गन्ने की फसल दिखायी
महेवागंज इलाके के किसान संजय कुमार ने ईटीवी भारत के संवाददाता को अपनी बाइक पर बिठा इलाके के खेतों में लग रही इस अनजान बीमारी को दिखाया. इस दौरान अपना खेत भी दिखाते हुए कहा कि एक एकड़ गन्ना बोया था जो तेजी से सूख रहा है. उन्होंने बताया कि 50 हजार लागत लगी थी करीब दो लाख रुपये का नुकसान इस बार होगा.

पहले चमकाया अब तबाह कर रहा अर्ली वैरायटी गन्ना
मैगलगंज इलाके के प्रगतिशील किसान कल्बे हसन का कहना है कि जिस तेजी से 0238 वेरायटी ने किसानों को चमकाया, उसी तेजी से गन्ने का कैंसर सब तबाह करे डाल रहा है. लोग अब जलाने के लिए गन्ने की सूखी फसल काट के ले जा रहे हैं. कुछ खेतों में तो गन्ने की छिलाई का पैसा भी पास से लगाना पड़ रहा है.

0238 वेरायटी गन्ने की पैदावार न करने की सलाह
जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश कुमार पटेल कहते हैं कि 0238 वेरायटी में रेड रॉड की शिकायतें आ रहीं हैं. हमने सर्वे कराया है करीब 14 हजार हेक्टेयर एरिया में लाल सड़न रोग लगा है. हम किसानों को 0238 वेरायटी को आगे न बढ़ाने को कह रहे हैं. किसानों को ये भी बताया जा रहा कि वो रेड रॉट लगे खेत में गन्ने की बोआई न करें. वहीं किसानों 13235, 84014, 15023 जैसी नई वेरायटी बोने के लिए कहा जा रहा है.

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