लखनऊ: बीकेटी विधायक अविनाश त्रिवेदी ने शौतल झील को पक्षी विहार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में सीएम को पत्र लिखा है. उनकी मांग है कि इस स्थल का नाम पं. श्याम प्रसाद मुखर्जी या फिर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाए. उनका कहना है कि यह क्षेत्र अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली रहा है और वे यहां से सांसद भी रहे हैं.
राजधानी लखनऊ की बीकेटी तहसील क्षेत्र के उसरना, जलालपुर, अल्दमपुर तीन गांवों से घिरी और 75.247 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली शौतल झील करीब दो दशक से सूखी पड़ी है. राजधानी की कमान संभालते ही तत्कालीन डीएम राजशेखर ने इसी झील को पक्षी बिहार बनाए जाने के लिए पहल की थी. इसके बाद कई बार इस झील पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया, लेकिन झील को पूरी तरह से अवैध कब्जे से मुक्त नहीं कराया जा सका.
डीएम अभिषेक प्रकाश की पहल पर बीकेटी तहसील प्रशासन ने झील की जमीन का सीमांकन कराने का कार्य शुरू करा दिया है. भाजपा के क्षेत्रीय विधायक अविनाश त्रिवेदी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का बीकेटी क्षेत्र से बड़ा जुड़ाव रहा है. शौतल झील को पक्षी विहार पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर योजना का नाम पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से रखा जाए. यह क्षेत्र अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली रहा है वे यहां से सांसद भी रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर क्षेत्र के सबसे बड़े प्राकृतिक जलश्रोत शौतल झील को विकसित कराने की मांग की है.
बता दें कि राजधानी लखनऊ में तमाम प्राकृतिक जलश्रोत, तालाब, पोखरों का आस्तित्व खत्म होता जा रहा है. लगातार घटते भूजल स्तर से सूख चुके ऐसे जलश्रोतों पर अवैध कब्जे होते जा रहे हैं. ऐसे में जरूरत है प्राकृतिक जलश्रोतों को पुनर्जीवित करने और उन्हें संरक्षित करने की. राजधानी लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र की एक ऐसी ही झील है, जिसको पुनर्जीवित कराने और उसे पक्षी विहार के तौर पर विकसित कराने के लिए भाजपा के विधायक अविनाश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पहल शुरू की है.